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जानलेवा साबित हो सकते हैं कफ-सिरप के साइड इफेक्ट, तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क

WHO ने बुधवार को चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा कथित तौर पर उत्पादित दूषित और कम गुणवत्ता वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं. असंतुलित मात्रा में किसी कफ सिरप का इस्तेमाल सीधा दिमाग और हार्ट पर असर करता है. ऐसे में आप भी सावधान रहें . Cough syrup may cause death . WHO alert on cough syrup .

WHO alert on cough syrup
कफ सिरप साइड इफेक्ट
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Published : Oct 9, 2022, 5:37 AM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा कथित तौर पर उत्पादित दूषित और कम गुणवत्ता वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह लिए कफ सिरप बेहद घातक साबित हो सकता (Cough syrup may cause death) है. एक तरह से आपकी जान भी ले सकता है. दरअसल असंतुलित मात्रा में किसी कफ सिरप का इस्तेमाल सीधा दिमाग और हार्ट पर असर करता है. खासी को नियंत्रित करने में दिमाग की अहम भूमिका होती है. कफ सिरप पीने के बाद सीधा दिमाग की नसों को ब्लॉक करने का काम करती है. यह एक तरह का साइड इफेक्ट होता है, जिसमें दिमाग की नसें ब्लॉक होने से सांस लेने में दिक्कत होती है और इस्तेमाल करने वाले की तुरंत मौत हो जाती है. WHO alert on cough syrup .

डॉक्टर संजय ठाकुर, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर

सूखी खांसी और रेशेदार खांसी में अलग-अलग तरह के कफ सिरप लेने की सलाह दी जाती है. बलगम वाली खांसी में यदि कफ सिरप अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया, तो यह हार्ट अटैक का भी कारण बन सकता है. अधिक मात्रा कफ सिरप लेने से बच्चे से लेकर युवाओं तक को मौत का खतरा हो सकता है. गौरतलब है कि अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों के कफ सिरप पीने से मौत होने के बाद अब हिमाचल में भी स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. अफ्रीका में इस घटना (Gambia cough syrup death) के बाद हिमाचल में बड़े स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र में कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों के सैंपल लिए गए हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में चिकित्सा संस्थानों को एडवाइजरी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रतिबंधित कफ सिरप पर विशेष नजर रखने तथा डॉक्टरों को इस बारे में गाइडलाइन जारी करने की बात कही गई है.

कोडिन का नशे के लिए होता है इस्तेमाल: कोडिन नामक कफ सिरप नशे के रूप में इस्तेमाल करने की शिकायत आने के बाद सरकार ने इसकी निगरानी बढ़ा दी है. डॉक्टर की सलाह पर इसका इस्तेमाल होता है और इस कफ सिरप की बिक्री पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रखता है. इतना ही नहीं इस कफ सिरप के बारे में निजी क्लीनिक और दवाईयों की दुकानों को पूरा ब्यौरा भी विभाग के पास होता है. इस कफ सिरप के लगातार इस्तेमाल से आपको नशे की लत भी लग सकती है. ऐसे में इसके इस्तेमाल पर विभाग की विशेष नजर रहती है.

हर तरह की खांसी में जानलेवा हो सकता है कफ सिरप: दरअसल खांसी दो तहर की होती है, एक सूखी खांसी और दूसरी बलगम वाली खांसी. बलगम के लिए इस्तेमाल होने वाली कफ सिरप हार्ट पर सीधा इफेक्ट करती है और इससे अचानक धड़कन बढ़ जाती है. यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है. दूसरे केस में सूखी खांसी होने पर इस्तेमाल की जाने वाली कफ सिरफ सीधा दिमाग पर असर करती है. विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की खांसी शुरू तो गले से होती है, लेकिन नियंत्रित दिमाग से होती है. ऐसे में यह कफ सिरप सीधा दिमाग पर असर करती है और साइड इफेक्ट होने से यह दिमाग की नसों को ब्लॉक करने का काम भी करती हैं.

तीन दिन तक खांसी होने पर लें डॉक्टर की सलाह: मामूली सर्दी जुकाम होने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन दो से तीन दिन तक खांसी रहने पर आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी की जरूरत होती है. ऐसे मामले में डॉक्टर की सलाह पर कफ सिरप लिया जा सकता है.लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें. लोग खांसी, जुखाम या कफ को छोटी-मोटी बीमारी समझ खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं और कोई भी कफ सिरप खरीद लेते हैं. ऐसे में दिक्कत बढ़ने की संभावना अधिक होती है.

कफ सिरप के बजाए ले सकते हैं वैकल्पिक दवाईयां: खासी होने पर यदि आप कफ सिरप नहीं लेना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अन्य दवाईयों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. एलोपैथी में घरेलु नुस्खे का इस्तेमाल करने की सलाह डॉक्टर की ओर से नहीं दी जाती है, हालांकि आयुर्वेद में त्रिफला के चूर्ण और शहद के साथ ही गुनगने पानी के प्रयोग की हिदायत दी जाती है. कफ सिरप न लेने की सूरत में विशेषज्ञ अन्य दवाईयों लेने की हिदायते मरीजों को देते हैं. लेकिन इन दवाईयों को पर्ची के जरिए ही डॉक्टर की तरफ से लिखा जाता है. एलोपैथी में घेरलु उपचार अथवा दवाई के अपने स्तर पर इस्तेमाल की मरीजों को सलाह नहीं दी जाती है.

कफ सिरप से हो सकत हैं साइड इफेक्ट: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Medical College Hamirpur) के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय ठाकुर का कहना है कि यदि 2-3 दिन से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो इसे सामान्य नहीं लेना चाहिए. ऐसी स्थिति में निजी क्लीनिक अथवा केमिस्ट से कफ सिरप खरीदने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेकर दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि डॉक्टर से सलाह लिए बिना किसी भी तरह के कफ सिरप का इस्तेमाल न करें.

डॉक्टर की सलाह के बाद भी यदि कफ सिरप के इस्तेमाल से सांस लेने में दिक्कत या फिर हार्ट में समस्या आती है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर कफ सिरप का इस्तेमाल करने के बाद कई लोग ओपीडी में साइड इफेक्ट (Side effects of Cough syrup) की शिकायत लेकर आते हैं. ऐसे में मरीज की पूरी जांच करने पर उन्हें कोई और ही बीमारी निकलती है. क्योंकि साइड इफेक्ट के इलाज के लिए आए मरीज की पूरी मेडिकल जांच करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद हिमाचल ड्रग विभाग अलर्ट, मानपुरा से पांच दवाओं के भरे सैंपल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा कथित तौर पर उत्पादित दूषित और कम गुणवत्ता वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गांबिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं. बिना डॉक्टर की सलाह लिए कफ सिरप बेहद घातक साबित हो सकता (Cough syrup may cause death) है. एक तरह से आपकी जान भी ले सकता है. दरअसल असंतुलित मात्रा में किसी कफ सिरप का इस्तेमाल सीधा दिमाग और हार्ट पर असर करता है. खासी को नियंत्रित करने में दिमाग की अहम भूमिका होती है. कफ सिरप पीने के बाद सीधा दिमाग की नसों को ब्लॉक करने का काम करती है. यह एक तरह का साइड इफेक्ट होता है, जिसमें दिमाग की नसें ब्लॉक होने से सांस लेने में दिक्कत होती है और इस्तेमाल करने वाले की तुरंत मौत हो जाती है. WHO alert on cough syrup .

डॉक्टर संजय ठाकुर, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर

सूखी खांसी और रेशेदार खांसी में अलग-अलग तरह के कफ सिरप लेने की सलाह दी जाती है. बलगम वाली खांसी में यदि कफ सिरप अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया, तो यह हार्ट अटैक का भी कारण बन सकता है. अधिक मात्रा कफ सिरप लेने से बच्चे से लेकर युवाओं तक को मौत का खतरा हो सकता है. गौरतलब है कि अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों के कफ सिरप पीने से मौत होने के बाद अब हिमाचल में भी स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. अफ्रीका में इस घटना (Gambia cough syrup death) के बाद हिमाचल में बड़े स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र में कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों के सैंपल लिए गए हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में चिकित्सा संस्थानों को एडवाइजरी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रतिबंधित कफ सिरप पर विशेष नजर रखने तथा डॉक्टरों को इस बारे में गाइडलाइन जारी करने की बात कही गई है.

कोडिन का नशे के लिए होता है इस्तेमाल: कोडिन नामक कफ सिरप नशे के रूप में इस्तेमाल करने की शिकायत आने के बाद सरकार ने इसकी निगरानी बढ़ा दी है. डॉक्टर की सलाह पर इसका इस्तेमाल होता है और इस कफ सिरप की बिक्री पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रखता है. इतना ही नहीं इस कफ सिरप के बारे में निजी क्लीनिक और दवाईयों की दुकानों को पूरा ब्यौरा भी विभाग के पास होता है. इस कफ सिरप के लगातार इस्तेमाल से आपको नशे की लत भी लग सकती है. ऐसे में इसके इस्तेमाल पर विभाग की विशेष नजर रहती है.

हर तरह की खांसी में जानलेवा हो सकता है कफ सिरप: दरअसल खांसी दो तहर की होती है, एक सूखी खांसी और दूसरी बलगम वाली खांसी. बलगम के लिए इस्तेमाल होने वाली कफ सिरप हार्ट पर सीधा इफेक्ट करती है और इससे अचानक धड़कन बढ़ जाती है. यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है. दूसरे केस में सूखी खांसी होने पर इस्तेमाल की जाने वाली कफ सिरफ सीधा दिमाग पर असर करती है. विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की खांसी शुरू तो गले से होती है, लेकिन नियंत्रित दिमाग से होती है. ऐसे में यह कफ सिरप सीधा दिमाग पर असर करती है और साइड इफेक्ट होने से यह दिमाग की नसों को ब्लॉक करने का काम भी करती हैं.

तीन दिन तक खांसी होने पर लें डॉक्टर की सलाह: मामूली सर्दी जुकाम होने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन दो से तीन दिन तक खांसी रहने पर आपको डॉक्टर से परामर्श लेनी की जरूरत होती है. ऐसे मामले में डॉक्टर की सलाह पर कफ सिरप लिया जा सकता है.लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लें. लोग खांसी, जुखाम या कफ को छोटी-मोटी बीमारी समझ खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं और कोई भी कफ सिरप खरीद लेते हैं. ऐसे में दिक्कत बढ़ने की संभावना अधिक होती है.

कफ सिरप के बजाए ले सकते हैं वैकल्पिक दवाईयां: खासी होने पर यदि आप कफ सिरप नहीं लेना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अन्य दवाईयों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. एलोपैथी में घरेलु नुस्खे का इस्तेमाल करने की सलाह डॉक्टर की ओर से नहीं दी जाती है, हालांकि आयुर्वेद में त्रिफला के चूर्ण और शहद के साथ ही गुनगने पानी के प्रयोग की हिदायत दी जाती है. कफ सिरप न लेने की सूरत में विशेषज्ञ अन्य दवाईयों लेने की हिदायते मरीजों को देते हैं. लेकिन इन दवाईयों को पर्ची के जरिए ही डॉक्टर की तरफ से लिखा जाता है. एलोपैथी में घेरलु उपचार अथवा दवाई के अपने स्तर पर इस्तेमाल की मरीजों को सलाह नहीं दी जाती है.

कफ सिरप से हो सकत हैं साइड इफेक्ट: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Medical College Hamirpur) के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय ठाकुर का कहना है कि यदि 2-3 दिन से अधिक समय तक खांसी रहती है, तो इसे सामान्य नहीं लेना चाहिए. ऐसी स्थिति में निजी क्लीनिक अथवा केमिस्ट से कफ सिरप खरीदने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेकर दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि डॉक्टर से सलाह लिए बिना किसी भी तरह के कफ सिरप का इस्तेमाल न करें.

डॉक्टर की सलाह के बाद भी यदि कफ सिरप के इस्तेमाल से सांस लेने में दिक्कत या फिर हार्ट में समस्या आती है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर कफ सिरप का इस्तेमाल करने के बाद कई लोग ओपीडी में साइड इफेक्ट (Side effects of Cough syrup) की शिकायत लेकर आते हैं. ऐसे में मरीज की पूरी जांच करने पर उन्हें कोई और ही बीमारी निकलती है. क्योंकि साइड इफेक्ट के इलाज के लिए आए मरीज की पूरी मेडिकल जांच करनी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद हिमाचल ड्रग विभाग अलर्ट, मानपुरा से पांच दवाओं के भरे सैंपल

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