पश्चिम चंपारण: मॉनसून की पहली बारिश के समय से ही बगहा का वार्ड नम्बर 24 जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है. नगरपरिषद द्वारा जलनिकासी की पहल नाकाम साबित हो चुकी है. आसपास के कई मोहल्लों का आवागमन इसी रास्ते से होता है. ऐसे में जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है, जो बीमारी का घर भी बनता जा रहा है. एन एच 727 के किनारे स्थित वार्ड 24 का नजारा देखते ही लगता है कि यह कोई झील है.
नगरपरिषद की कोशिश विफल
गौरतलब है कि पिछले महीने की 26 तारीख को मॉनसून की पहली बारीश हुई थी और अब एक महीने हो चुके है लेकिन लोगों को जलजमाव से निजात नहीं मिला है. हालांकि नगरपरिषद द्वारा जेसीबी से नाले की खुदाई कर जल निकासी का प्रयास किया गया था, पर उसमें नाकामी ही हाथ लगी. अब हालत यह है कि जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है साथ ही जहां कचरा है वहां सूअरों का जमावड़ा लगता है. यही वजह है कि लोग बीमारी और महामारी फैलने की आशंका से डरे हुए हैं.
आसपास के कई मोहल्ले प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से हर साल न्यू कॉलोनी के बगल स्थित बाम्बे बाजार में जलजमाव होता आ रहा है. आज तक प्रशासन जल निकासी का कोई स्थायी निदान नहीं निकाल पाया है. जबकि अनेक मोहल्ले जैसे बबुई टोला, न्यू कॉलनी और बगहा बाजार के लोगों का आना जाना इसी रास्ते से होता है. लोगों का यह भी कहना है कि नगरपरिषद के चेयरमैन का घर भी इसी वार्ड में है फिर भी इसको सुनने वाला कोई नहीं. अब तो ये जमा पानी बीमारी का घर हो गया है. प्रशासन की तरफ से कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं हुआ है.
महामारी के डर से सहमे लोग
बगहा का दिल कहा जाने वाला बगहा बाजार जल जमाव की समस्या से प्रत्येक वर्ष जूझता है. यह सही है कि घरों में जलजमाव नहीं हुआ है और लोग इस रास्ते से न आकर एन एच से आने के लिए अन्य रास्तों का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में बड़े पैमाने पर इस जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त नहीं हुआ है. लेकिन एक महीने से जलमग्न हुए बाम्बे बाजार के कैम्पस के अगल बगल रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. वे सहमे हुए है कि यह गंदा पानी जो एक बीमारी का घर है, कहीं महामारी का रूप न ले लें. ऐसे में इस मुद्दे पर बोलने के लिए न तो प्रशासन आगे आ रहा ना ही नगर परिषद कुछ कर रहा है.