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बगहा के वार्ड 24 में एक माह से जलजमाव के कारण फैल रहा दुर्गंध, बीमारी फैलने की आशंका

एक महीने से जलमग्न हुए बगहा के वार्ड नम्बर 24 में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल है. जल जमाव से अब बदबू आने लगी है. कचरों का ढेर है. ऐसे में लोगों को बीमारी की आशंका होने लगी है.

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Published : Jul 29, 2019, 11:59 AM IST

पश्चिम चंपारण

पश्चिम चंपारण: मॉनसून की पहली बारिश के समय से ही बगहा का वार्ड नम्बर 24 जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है. नगरपरिषद द्वारा जलनिकासी की पहल नाकाम साबित हो चुकी है. आसपास के कई मोहल्लों का आवागमन इसी रास्ते से होता है. ऐसे में जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है, जो बीमारी का घर भी बनता जा रहा है. एन एच 727 के किनारे स्थित वार्ड 24 का नजारा देखते ही लगता है कि यह कोई झील है.

वॉर्ड नम्बर 24 में जलजमाव से परेशान लोग

नगरपरिषद की कोशिश विफल
गौरतलब है कि पिछले महीने की 26 तारीख को मॉनसून की पहली बारीश हुई थी और अब एक महीने हो चुके है लेकिन लोगों को जलजमाव से निजात नहीं मिला है. हालांकि नगरपरिषद द्वारा जेसीबी से नाले की खुदाई कर जल निकासी का प्रयास किया गया था, पर उसमें नाकामी ही हाथ लगी. अब हालत यह है कि जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है साथ ही जहां कचरा है वहां सूअरों का जमावड़ा लगता है. यही वजह है कि लोग बीमारी और महामारी फैलने की आशंका से डरे हुए हैं.

आसपास के कई मोहल्ले प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से हर साल न्यू कॉलोनी के बगल स्थित बाम्बे बाजार में जलजमाव होता आ रहा है. आज तक प्रशासन जल निकासी का कोई स्थायी निदान नहीं निकाल पाया है. जबकि अनेक मोहल्ले जैसे बबुई टोला, न्यू कॉलनी और बगहा बाजार के लोगों का आना जाना इसी रास्ते से होता है. लोगों का यह भी कहना है कि नगरपरिषद के चेयरमैन का घर भी इसी वार्ड में है फिर भी इसको सुनने वाला कोई नहीं. अब तो ये जमा पानी बीमारी का घर हो गया है. प्रशासन की तरफ से कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं हुआ है.

पश्चिम चंपारण
वॉर्ड नम्बर 24 सड़क किनारे जलजमाव की स्थिति

महामारी के डर से सहमे लोग
बगहा का दिल कहा जाने वाला बगहा बाजार जल जमाव की समस्या से प्रत्येक वर्ष जूझता है. यह सही है कि घरों में जलजमाव नहीं हुआ है और लोग इस रास्ते से न आकर एन एच से आने के लिए अन्य रास्तों का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में बड़े पैमाने पर इस जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त नहीं हुआ है. लेकिन एक महीने से जलमग्न हुए बाम्बे बाजार के कैम्पस के अगल बगल रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. वे सहमे हुए है कि यह गंदा पानी जो एक बीमारी का घर है, कहीं महामारी का रूप न ले लें. ऐसे में इस मुद्दे पर बोलने के लिए न तो प्रशासन आगे आ रहा ना ही नगर परिषद कुछ कर रहा है.

पश्चिम चंपारण: मॉनसून की पहली बारिश के समय से ही बगहा का वार्ड नम्बर 24 जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है. नगरपरिषद द्वारा जलनिकासी की पहल नाकाम साबित हो चुकी है. आसपास के कई मोहल्लों का आवागमन इसी रास्ते से होता है. ऐसे में जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है, जो बीमारी का घर भी बनता जा रहा है. एन एच 727 के किनारे स्थित वार्ड 24 का नजारा देखते ही लगता है कि यह कोई झील है.

वॉर्ड नम्बर 24 में जलजमाव से परेशान लोग

नगरपरिषद की कोशिश विफल
गौरतलब है कि पिछले महीने की 26 तारीख को मॉनसून की पहली बारीश हुई थी और अब एक महीने हो चुके है लेकिन लोगों को जलजमाव से निजात नहीं मिला है. हालांकि नगरपरिषद द्वारा जेसीबी से नाले की खुदाई कर जल निकासी का प्रयास किया गया था, पर उसमें नाकामी ही हाथ लगी. अब हालत यह है कि जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगी है साथ ही जहां कचरा है वहां सूअरों का जमावड़ा लगता है. यही वजह है कि लोग बीमारी और महामारी फैलने की आशंका से डरे हुए हैं.

आसपास के कई मोहल्ले प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से हर साल न्यू कॉलोनी के बगल स्थित बाम्बे बाजार में जलजमाव होता आ रहा है. आज तक प्रशासन जल निकासी का कोई स्थायी निदान नहीं निकाल पाया है. जबकि अनेक मोहल्ले जैसे बबुई टोला, न्यू कॉलनी और बगहा बाजार के लोगों का आना जाना इसी रास्ते से होता है. लोगों का यह भी कहना है कि नगरपरिषद के चेयरमैन का घर भी इसी वार्ड में है फिर भी इसको सुनने वाला कोई नहीं. अब तो ये जमा पानी बीमारी का घर हो गया है. प्रशासन की तरफ से कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं हुआ है.

पश्चिम चंपारण
वॉर्ड नम्बर 24 सड़क किनारे जलजमाव की स्थिति

महामारी के डर से सहमे लोग
बगहा का दिल कहा जाने वाला बगहा बाजार जल जमाव की समस्या से प्रत्येक वर्ष जूझता है. यह सही है कि घरों में जलजमाव नहीं हुआ है और लोग इस रास्ते से न आकर एन एच से आने के लिए अन्य रास्तों का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में बड़े पैमाने पर इस जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त नहीं हुआ है. लेकिन एक महीने से जलमग्न हुए बाम्बे बाजार के कैम्पस के अगल बगल रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. वे सहमे हुए है कि यह गंदा पानी जो एक बीमारी का घर है, कहीं महामारी का रूप न ले लें. ऐसे में इस मुद्दे पर बोलने के लिए न तो प्रशासन आगे आ रहा ना ही नगर परिषद कुछ कर रहा है.

Intro:मॉनसून की पहली बारिश के समय से ही बगहा का वार्ड नम्बर 24 जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है। नगरपरिषद द्वारा जलनिकासी की पहल नाकाम साबित हुई है। आसपास के कई मुहल्लों का आवागमन इसी रास्ते से होता है। अब हालात यह कि जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगा है और जहाँ कचरों का ढेर लगा है वहाँ सुअरों का जमावड़ा लगने लगा है। यहीं वजह है कि लोग किसी भी तरह की बीमारी फैलने के डर से सहमे हुए हैं।


Body:एन एच 727 के किनारे स्थित वार्ड 24 का नजारा देखते ही लगता है कि यह कोई झील जैसी जगह है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। शहर का यह मुख्य इलाका तकरीबन एक माह से जलमग्न है। जलजमाव वाले क्षेत्र में पशु अस्पताल भी अवस्थित है साथ हीं कई मुहल्लों के लोगों का इधर से ही एन एच पर आना जाना भी होता है। हालांकि जलजमाव के कारण रास्ते का पता लगाना भी मुश्किल है फिर भी एक्का दुक्का लोग इधर से पानी पार कर आते जाते दिख ही जाते हैं।
गौरतलब हो कि पिछले माह के 26 तारीख को मॉनसून की पहली बरसात हुई थी और अब एक माह बीतने जा रहा लेकिन लोगों को जलजमाव से निजात नही मिल सका है। हालांकि नगरपरिषद द्वारा जेसीबी से नाला की खुदाई कर जलनिकासी का प्रयास किया गया था लेकिन उसमें नाकामी ही हाथ लगी। अब हालात यह है कि जलजमाव की वजह से पानी से दुर्गंध आने लगा है साथ ही जहाँ कचरा है वहाँ सुअरों का जमावड़ा लगने लगा है। यहीं वजह है कि लोग बीमारी व महामारी फैलने जैसी कल्पना से ही सहम जा रहे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से प्रति वर्ष न्यू कॉलोनी के बगल स्थित इस बाम्बे बाजार में जलजमाव हो जाता है लेकिन प्रशासन आज तक जलनिकासी का कोई स्थायी निदान नही निकाल पाया। जबकि अनेक मुहल्ले खासकर बबुई टोला, न्यू कालोनी, बगहा बाजार के लोगों का आना जाना भी इसी रास्ते से होता है। लोगों का यह भी कहना है कि नगरपरिषद के चेयरमैन का घर भी ईसी वार्ड में है फिर भी इनकी सुनने वाला कोई नही। अब तो ये जमा पानी बीमारी का घर हो गया है। प्रशासन के तरफ से डीटीपी का छिड़काव भी नही हुआ है।
बाइट- मुन्ना कुमार, स्थानीय
बाइट- भोला सहनी, स्थानीय


Conclusion:बगहा का दिल कहा जाने वाला बगहा बाजार जलजमाव की समस्या से प्रत्येक वर्ष जूझता है। यह सही है कि घरों में जलजमाव नही हुआ है , यह भी सही है कि लोग इस रास्ते से न आकर एन एच पर आने के लिए अन्य रास्तों का उपयोग कर ले रहे हैं। बड़े पैमाने पर इस जलजमाव से जनजीवन अस्त व्यस्त भी नही हुआ है। लेकिन एक माह से जलमग्न हुए बाम्बे बाजार के इस कैम्पस के अगल बगल रहने वाले लोगों का जीना मुहाल महज इस वजह से होने लगा है क्योंकि इस पानी से अब सड़ांध की बदबू आने लगी है, कचरा जमा हुए जगहों पर सुअरों का जमावड़ा होने लगा है जो कि कभी भी महामारी का रूप ले सकता है। इस मुद्दे पर बोलने के लिए न तो प्रशासन आगे आ रहा ना हीं नगर परिषद कुछ कर रहा।
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