पश्चिमी चंपारण: कोरोना संक्रमण से बदलते हालातों को देखते हुए एक बार फिर पर्यटन सेवा पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. लिहाजा वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इससे गर्मी के सीजन में पर्यटन स्थल का रुख करने वाले पर्यटकों को फिर से निराश होना पड़ेगा. आपदा प्रबंधन समूह की हुई बैठक में इसकी अधिसूचना जारी करते हुए अगले आदेश तक यह निर्णय लिया गया है.
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पर्यटन सेवा पर लगी रोक
तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से एक बार फिर पर्यटकों को निराशा हाथ लगी है. गर्मी के मौसम में छुट्टियों का आनंद लेने के लिए पर्यटन स्थलों का रुख करने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन सेवा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. इसके तहत अब पर्यटक जंगल सफारी, बोटिंग और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अन्य धार्मिक स्थलों का दीदार नहीं कर पाएंगे. बता दें कि सूबे के एकमात्र वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना अंतर्गत पर्यटन स्थल पर लाखों सैलानी प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेने पहुंचते हैं.
जंगल में प्रवेश पर प्रतिबंध
इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर स्थित गण्डक नारायणी नदी और शिवालिक पहाड़ियों के बीच बसे वीटीआर पर्यटन स्थल को पर्यटकों के लिए बंद करने का आदेश जारी हुआ है. अब कोई भी व्यक्ति जंगल में प्रवेश नहीं कर सकेगा. कोरोना फेज वन में भी मार्च 2020 से नवम्बर 2020 तक पर्यटन सेवा पर पाबंदी लगी थी. जिस वजह से पर्यटन मंत्रालय को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था. अब कोरोना के दूसरे फेज में भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर पर्यटन सेवा बंद कर दी गई है.
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मास्क पहन कर रहने का निर्देश
दरअसल, वीटीआर वन क्षेत्र में पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठाने पहुंचते थे. ऐसे में वन्य जीवों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता. लिहाजा विभाग ने वन कर्मियों को भी जंगल में मास्क पहन कर रहने का निर्देश दिया है. इस आशय की जानकारी देते हुए वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि वनकर्मियों को आदेश दिया गया है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किसी भी व्यक्ति का जंगल में प्रवेश नहीं करना सुनिश्चित करेंगे.