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शिक्षक और सरकार की जंग में पिस रहे मासूम छात्र, 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं शिक्षक - मुख्यमंत्री नीतीश

प्रदेशभर में नियोजित शिक्षक पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. इस वजह से छोटे बच्चे स्कूल तो आते हैं. विद्यालय के बाहर ताला लगा देखकर वे बैरंग वापस लौट जाते है. इसको लेकर छात्रों के अभिभावकों ने कहा कि एक तो पहले से सरकारी स्कूलों के शिक्षा पर सवाल उठते रहे है. बावजूद हम अपने बच्चों को स्कूूल भेजते थे. हमारे पास इतने पैसे भी नहीं है कि हम अपने बच्चों को निजी स्कूल भेज सके.

17 फरवरी से हड़ताल पर हैं शिक्षक
17 फरवरी से हड़ताल पर हैं शिक्षक
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Published : Feb 28, 2020, 9:19 PM IST

बेतिया: नियोजीत शिक्षक पूरे प्रदेशभर में पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. इस वजह से जिले के तमाम स्कूल बंद है. विद्यालयों के बाहर ताला लटका हुआ है. शिक्षकों के हड़ताल के कारण मासूम बच्चे पढ़ाई की आस में स्कूल तो आते है, लेकिन स्कूल में ताला लगा देख वे बैरंग वापस लौट जाते हैं.

'बच्चों का भविष्य हो रहा अंधकारमय'
शिक्षकों के हड़ताल को लेकर बच्चों के अभिभावक खासे परेशान है. इसको लेकर अभिभावक सुनीता देवी बताती है कि एक तो पहले से सरकारी स्कूलों के शिक्षा पर सवाल उठते रहे है. बावजूद हम अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल भेजते थे. हमारे पास इतने पैसे नहीं है कि हम अपने बच्चों को किसी निजी स्कूल में पढ़ा सकें. सुनीता देवी ने बताया कि एक तरफ जहां शिक्षक अपनी मांगों के लेकर अड़े हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ छात्रों का भविष्य अंधकार हो रहा है. शिक्षकों और सरकार के इस जंग में हमारे बच्चे का भविष्य बेवजह पीस रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'मागें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल'
इधर, हड़ताली शिक्षक संघ ने सभी बीआरसी केंद्रों पर तालाबंदी और विरोध-प्रदर्शन करते हुए कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश अपने और विधायकों के लिए पेंशन राशि पास करा लेते हैं. लेकिन शिक्षा का अलख जगाने वाले शिक्षकों को 'समान कार्य के लिए समान वेतन राशि देने में आनाकानी करती है. हड़ताली शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार समान कार्य के लिए समान वेतन राशि जारी नहीं करती. हड़ताल यूं ही जारी रहेगा.

बेतिया: नियोजीत शिक्षक पूरे प्रदेशभर में पिछले 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. इस वजह से जिले के तमाम स्कूल बंद है. विद्यालयों के बाहर ताला लटका हुआ है. शिक्षकों के हड़ताल के कारण मासूम बच्चे पढ़ाई की आस में स्कूल तो आते है, लेकिन स्कूल में ताला लगा देख वे बैरंग वापस लौट जाते हैं.

'बच्चों का भविष्य हो रहा अंधकारमय'
शिक्षकों के हड़ताल को लेकर बच्चों के अभिभावक खासे परेशान है. इसको लेकर अभिभावक सुनीता देवी बताती है कि एक तो पहले से सरकारी स्कूलों के शिक्षा पर सवाल उठते रहे है. बावजूद हम अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल भेजते थे. हमारे पास इतने पैसे नहीं है कि हम अपने बच्चों को किसी निजी स्कूल में पढ़ा सकें. सुनीता देवी ने बताया कि एक तरफ जहां शिक्षक अपनी मांगों के लेकर अड़े हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ छात्रों का भविष्य अंधकार हो रहा है. शिक्षकों और सरकार के इस जंग में हमारे बच्चे का भविष्य बेवजह पीस रहा है.

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'मागें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल'
इधर, हड़ताली शिक्षक संघ ने सभी बीआरसी केंद्रों पर तालाबंदी और विरोध-प्रदर्शन करते हुए कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश अपने और विधायकों के लिए पेंशन राशि पास करा लेते हैं. लेकिन शिक्षा का अलख जगाने वाले शिक्षकों को 'समान कार्य के लिए समान वेतन राशि देने में आनाकानी करती है. हड़ताली शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार समान कार्य के लिए समान वेतन राशि जारी नहीं करती. हड़ताल यूं ही जारी रहेगा.

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