बेतिया: बाढ़ और बिहार का गहरा नाता है. हर साल बाढ़ से बिहार में तबाही होती है. नेपाल से पानी छोड़ा जाता है तो बिहार की नदियां डराने लगती हैं. इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है. गुरुवार को मुजफ्फरपुर के बागमती नदी में एक नाव पलट गई. इस नाव में कई स्कूली बच्चे सवार थे जो विद्यालय ज्ञान अर्जित करने जा रहे थे. बाढ़ प्रभावित इलाकों में मासूमों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ता है. ऐसी ही एक और भयावह तस्वीर बेतिया से सामने आई है.
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बेतिया में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं बच्चे: बेतिया के मझौलिया के सिकरहना नदी में कभी भी बड़ा नाव हादसा हो सकता है. मुजफ्फरपुर की तरह कभी भी यहां भी बड़ा हादसा हो सकता है. मझौलिया सिकटा के बीच सोनबरसा के सिकरहना नदी में प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे जान जोखिम में डालकर नाव से स्कूल पढ़ने जाने को मजबूर हैं. स्कूल आने जाने के लिए मात्र एक नाव ही सहारा है. सिकरहना नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ा हुआ है.
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बोले स्कूल छात्र- 'नाव से नदी पार करने में डर लगता है': ईटीवी भारत संवाददाता ने नाव पर सवार होकर स्कूल जा रहे बच्चों से बात की. सभी विद्यार्थियों ने एक स्वर में कहा कि हमें स्कूल जाने में रोज डर लगता है. नदी पार करते समय पता नहीं कब नाव पलट जाए, लेकिन कर भी क्या सकते हैं. हमने कई बार प्रशासन से नदी पर एक पीपा या चचरी पुल बनाने की मांग भी की लेकिन कुछ नहीं हुआ. नदी पार करके जाना मजबूरी है क्योंकि गांव में स्कूल भी नहीं है.
"हमलोग जान जोखिम में डालकर स्कूल तो जाते ही हैं. कोई गारंटी नहीं है कि कब नाव पलट जाए. यहां एक पुल रहता तो हम सब के लिए काफी अच्छा होता."- छात्र
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"स्कूल जाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. प्रतिदिन इसी तरह से हमलोग स्कूल जाते हैं. बाढ़ आने पर नदी पार करने में बहुत डर लगता है. सरकार से हम निवेदन करते हैं कि एक पुल बना दिया जाए."- छात्रा
"हम रोज ऐसे ही जाते हैं. पुल की मांग करके थक गए हैं. बाढ़ के दिनों में हमारी पढ़ाई पीछे रह जाती है. घर पर ही रहना पड़ता है. सरकार एक पुल बना दे तो हमें पढ़ने में सहूलियत होगी."- छात्र
ओवरलोडिंग से बना रहता है हादसे का डर: एक नाव पर करीब 50-50 बच्चे सवारी करते हैं. नाव में साइकिल के साथ छोटे-छोटे बच्चे देखने को मिल जाएंगे. ओवरलोडिंग की वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर बच्चों की परेशानी जानने की कोशिश की. अब देखना होगा कि आखिर ऐसे मामलों पर प्रशासन कब तक कोई ठोस कदम उठाता है.
मुजफ्फरपुर नाव हादसा: मुजफ्फरपुर में गुरुवार को नाव हादसा हुआ था. नाव पर लगभग 30 बच्चे और कुछ अन्य ग्रामीण सवार होकर बागमती नदी पार कर रहे थे. सुबह लगभग ग्यारह बजे के आस-पास बच्चों से भरी नाव हादसे का शिकार हो गई. 20 बच्चों का कल ही रेस्क्यू कर लिया गया था, लेकिन कई लापता थे. अबतक तीन मासूमों के शव मिल चुके हैं और बाकियों की तलाश जारी है.