बगहाः बिहार के बगहा में आतंक के पर्याय बन चुके 9 लोगों के हत्यारे बाघ (Man Eater Tiger In Bagaha) को एसटीएफ (STF surrounded Tiger In sugarcane Farm In Bagaha) की टीम ने घेर लिया है. गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव में बाघ को एक गन्ने के खेत में वन विभाग और पुलिस टीम पकड़ने की कोशिश में जुटी है, बाघ को कब्जे में लेने के लिए यहां जाल बिछाया जा रहा है. इस वक्त खेत के बाहर 8 शार्प शूटर, 4 बिहार पुलिस के ट्रेंड जवानों के साथ पटना से आए 4 STF के शूटर तैनात हैं.
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200 से ज्यादा कर्मचारियों ने खेत को घेराः इस खेत को वन विभाग के करीब 200 से ज्यादा कर्मचारियों ने घेर रखा है. हर 50 मीटर पर 10 वन विभाग के कर्मचारी तैनात हैं. 80 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं, जो ग्रामीणों को आने से रोक रहे हैं. हालांकि खेत में कुछ ग्रामीण भी नजर आ रहे हैं, जो बाघ को पकड़ने की पूरी प्रक्रिया में शामिल हैं.
जंगल में रहने की प्रवृति को छोड़ चुका है बाघः इससे पहले बगहा में डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि बाघ को मारने का ऑडर देने की एक पूरी प्रक्रिया होती है, जो मिल गई है. तीन दिनों में चार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, उन्होंने कहा कि ये बाघ जंगल में रहने की प्रवृति को छोड़ चुका है, रिकार्ड से पता चला है कि इसका जन्म 3 साल पहले गन्ने के खेत में ही हुआ था, इसलिए वो बार-बार खेत में आ जा रहा है. पहली दो घटनाएं जंगल से सटे सीमा क्षेत्र में हुई थी, लेकिन अब अगल-अलग क्षेत्र में बाघ अटैक कर रहा है, जो काफी जोखिम भरा है. हमारी पूरी टीम उसे खोजने में लगी है.
बाघ के आतंक से भयभीत ग्रामीणः आपको बता दें कि बगहा के बलुआ गांव के स्वर्गीय बहादुर यादव की पत्नी सिमरिकी देवी और उनके बेटे सहित बाघ ने अब तक 9 लोगों को अपना शिकार बनाया है. बाघ के आतंक से भयभीत ग्रामीण आक्रोशित (Terror of Tiger In Bagaha) थे. बाघ लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा है, जिसके बाद इलाके में भय का माहौल था. हालात ऐसे थे कि ग्रामीण घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे थे और मवेशियों के लिए चारा भी घर पर नहीं ला रहे थे. लोगों ने वन विभाग से जियो और जीने दो की गुहार भी लगाई थी. बाघ को मारने के लिए बिहार एसटीएफ की टीम कई दिनों से तैनात थी. बाघ भी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था. जिससे उसको पकड़ना मुश्किल हो गया था.
ग्रामीणों में दहशत का था माहौल: दरअसल वीटीआर में 26 दिनों से जारी ऑपरेशन में 400 वन कर्मियों की टीम लगी हुई थी, लेकिन अब तक सारी कोशिशें विफल साबित हुई थीं. बाघ के हमले को लेकर डुमरी गांव में भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी. हरहिया सरेह में शौच करने गए एक युवक को बाघ ने मार डाला था, इसके बाद दूसरे ही दिन आज शनिवार को मां-बेटे को मार डाला. जिससे लोग और भी आक्रोशित हो गए. इसके बाद यहां तैनात एसएसबी के जवानों ने आखिरकार गन्ने के खेत में बाघ को ढूंढ निकाला और उसे चारों तरफ से घेर लिया. फिलहाल बाघ को कब्जे में लेने की कोशिश जारी है.
बाघ को देखती ही गोली मारने का आदेश : सरकार ने आदमखोर बन चुके इस बाघ को देखती ही गोली मारने का आदेश दे दिया है. वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक नेशामणि के ने बताया कि बाघ के रेस्क्यू के लिए हैदराबाद, पटना से आई टीम पहले से तैनात है. बाघ को मारने के लिए पुलिस के शार्प शूटर की भी मदद ली जाएगी. बाघ पर काबू पाने के लिए करीब 25 दिन से वन विभाग की टीम प्रयास कर रही है, लेकिन उसे इस कार्य में सफलता नहीं मिली. इधर, इस इलाके के गांवों में रहने वाले लोग लगातार हो रहे बाघ के हमले से दहशत में हैं.
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