पश्चिम चंपारणः जिले में जदयू ने महज दो सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे, जिसमें एक सीट उसके खाते में आई है और एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा. वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार धीरेंद्र प्रताप सिंह जीत हासिल की. उन्होंने कहा कि जनता ने सुशासन और विकास के मुद्दे को तरजीह देकर जीत का सेहरा पहनाया है.
सुशासन और विकास को मिली तरजीह
पिछली बार के निर्दलीय प्रत्याशी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस बार जदयू से जीत हासिल की है और कांग्रेस उम्मीदवार राजेश सिंह को तकरीबन 27,000 मतों से पराजित किया है. जदयू प्रत्याशी ने जीत के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि जनता ने सुशासन और विकास के मुद्दे को तरजीह दी है और उन्हें जीत का सेहरा पहनाया है.
'क्षेत्र में बहाएंगे विकास की गंगा'
जीत के बाद जदयू विधायक ने कहा कि अब तक उन्होंने इलाके में 60 फीसदी विकास के कार्यों को अमलीजामा पहनाया है और अभी बहुत सारा काम करना बाकी है. जो इस मर्तबा करेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के कार्यों को बढ़ावा देंगे.
महागठबंधन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी जानते थे कि यदि उनकी पार्टी फुल मैनडेट में आती है तो उनके समर्थक हो हल्ला करेंगे. इसलिए उनको मीडिया के सामने समर्थकों को चेतावनी देनी पड़ी.
दो सीटों में से एक पर हार एक पर जीत
बता दें कि जिला में एनडीए 9 सीटों पर लड़ी थी. जिसमें से 7 पर बीजेपी उम्मीदवार थे तो दो पर जेडीयू के प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. बीजेपी ने अपने सभी सीटों को बचा लिया. जबकि जेडीयू को सिकटा विधानसभा से हार का मुंह देखना पड़ा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की साख दांव पर लगी थी क्योंकि वो इसी जिला से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में संजय जायसवाल की प्रतिष्ठा को भी चार चांद लग गए.