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सुरक्षा और बंधुत्व के साथ SSB कर रही सीमा की पहरेदारी: डीआईजी - एसएसबी

पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज में 44वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल का 11वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वॉलीबॉल, रस्साकशी के साथ अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

sashastr seema bal
सशस्त्र सीमा बल
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Published : Aug 25, 2021, 6:03 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 6:20 PM IST

बेतिया: पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के नरकटियागंज में एसएसबी (SSB) 44वीं वाहिनी का 11वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. वाहिनी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसएसबी उपमहानिरीक्षक सुनील कुमार ध्यानी ने किया. इस दौरान देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम हुए, जिसका अधिकारी और जवानों ने जमकर लुत्फ उठाया.

यह भी पढ़ें- नीतीश-तेजस्वी के इस फोटो पर 'रीढ़ की हड्डी' वाली राजनीति, RJD-NDA में वार-पलटवार

सुनील कुमार ने एसएसबी की 44वीं वाहिनी बल की स्थापना से लेकर अभी तक की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'एसएसबी के जवान अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं. जवान सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व के साथ सीमा की पहरेदारी कर रहे हैं.'

कार्यवाहक कमांडेंट अनिल कुमार सिंह ने कहा, 'एसएसबी भारत-नेपाल सीमा की निगरानी कर रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन कार्य, मानव संसाधन विकास कार्यक्रम, मानव और पशु चिकित्सा शिविर, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा रहा है. भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे.'

बता दें कि 24 अगस्त 2010 को 44वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की स्थापना गोरखपुर में की गई थी. एसएसबी द्वारा भारत नेपाल बॉर्डर पर मादक पदार्थों, नकली रुपए और जंगली जीव जंतु से संबंधित सामग्री की तस्करी रोकी जा रही है. इसके साथ ही मानव तस्करी के खिलाफ भी काम किया जा रहा है. सीमा की रक्षा के साथ ही एसएसबी के जवान नक्सलियों के खिलाफ अभियान में भी शामिल हो रहे हैं. एसएसबी द्वारा बिहार और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- पत्नी की मौत का गम सह नहीं पाया बुजुर्ग, जलती चिता पर कूदकर दी जान

बेतिया: पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के नरकटियागंज में एसएसबी (SSB) 44वीं वाहिनी का 11वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. वाहिनी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एसएसबी उपमहानिरीक्षक सुनील कुमार ध्यानी ने किया. इस दौरान देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम हुए, जिसका अधिकारी और जवानों ने जमकर लुत्फ उठाया.

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सुनील कुमार ने एसएसबी की 44वीं वाहिनी बल की स्थापना से लेकर अभी तक की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'एसएसबी के जवान अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं. जवान सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व के साथ सीमा की पहरेदारी कर रहे हैं.'

कार्यवाहक कमांडेंट अनिल कुमार सिंह ने कहा, 'एसएसबी भारत-नेपाल सीमा की निगरानी कर रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन कार्य, मानव संसाधन विकास कार्यक्रम, मानव और पशु चिकित्सा शिविर, सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा रहा है. भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे.'

बता दें कि 24 अगस्त 2010 को 44वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की स्थापना गोरखपुर में की गई थी. एसएसबी द्वारा भारत नेपाल बॉर्डर पर मादक पदार्थों, नकली रुपए और जंगली जीव जंतु से संबंधित सामग्री की तस्करी रोकी जा रही है. इसके साथ ही मानव तस्करी के खिलाफ भी काम किया जा रहा है. सीमा की रक्षा के साथ ही एसएसबी के जवान नक्सलियों के खिलाफ अभियान में भी शामिल हो रहे हैं. एसएसबी द्वारा बिहार और झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.

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Last Updated : Aug 25, 2021, 6:20 PM IST
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