बेतियाः जिले के लौरिया प्रखंड क्षेत्र में रहने वाले विकास कुमार पांडे ने दिल्ली की एक सॉफ्टवेयर कंपनी की अच्छी खासी नौकरी छोड़कर पीएम मोदी के 'लोकल पर वोकल' मंत्र को सपोर्ट कर रहे हैं. विकास अपने गांव में शुद्ध सरसों के तेल का एक छोटा उद्योग लगाकर स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा दे रहे हैं. जिससे वे खुद तो आत्मनिर्भर बन रहे हैं साथ ही लोगों को भी आत्मनिर्भर बनाने का तरीका सिखा रहे हैं.
सरसों के तेल का उत्पादन
लौरिया गांव के बनकटवा में विकास ने शुद्ध सरसों के तेल का एक छोटा कुटीर उद्योग लगाया है. जिसमें गांव के ही 10 लोगों को रोजगार भी दिया है. उद्योग में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि पहले हम रोजगार की तलाश में बाहर जाते थे. आज हमें यहीं रोजगार मिल रहा है. अब हमें बाहर जाने की जरूरत नहीं है. यह काम कर हम काफी संतुष्ट हैं और हमारे परिवार का खर्च भी अच्छी तरह चल रहा है. मजदूरों ने कहा कि हम लोग यहां देसी शुद्ध सरसों के तेल का उत्पादन करते हैं.
कुटीर उद्योग की शुरुआत
वहीं, कुटीर उद्योग की शुरुआत करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर और फैक्ट्री के मालिक विकास कुमार पांडे ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री ने छोटे उद्योग वालों के बारे में भी सोचा है. साथ ही देसी उत्पाद करने वालों को बढ़ावा देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने गांव को कुटीर उद्योग से जोड़ने का उद्देश्य था. जिसे बढ़ावा देने के लिए मैंने गांव में ही एक छोटे कुटीर उद्योग की शुरुआत की. जो अब धीरे-धीरे सफल हो रहा है.
पीएम का मंत्र
बता दें कि लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि लोकल पर वोकल हो जाइए और इसे ग्लोबल बनाइए. देश को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र देते हुए पीएम ने कहा था कि लोगों को देसी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए और उसका प्रचार भी करना चाहिए. जो अब लौरिया के एक छोटे से गांव में साकार होता दिख रहा है.