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बगहा: बाढ़ के सैलाब में बह गई सड़क, चारपाई पर लाद मरीज को पहुंचाया अस्पताल - बिहार की खबर

बिहार के कई जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar) के कहर से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों और शहरों से कट गया है. ऐसी नौबत आ गयी है कि मरीजों को इलाज तक नहीं मिल पा रहा है. कहीं-कहीं तो ग्रामीण चारपाई पर लादकर मरीज को अस्पताल ले जा रहे हैं. एक दिन पहले ही इलाज के अभाव में एक गर्भवती की मौत हो गयी थी.

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Published : Jul 4, 2021, 1:17 PM IST

बगहा: बिहार में लगातार हो रही बारिश (Rain in Bihar) और प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि (Rise in Water Level of Major Rivers) से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका से ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. मरीजों को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ रहा है. एक दिन पहले ही इलाज के अभाव में एक गर्भवती की मौत हो गयी थी.

ये भी पढ़ें: दुल्हन हम ले आए चचरी पुल के सहारे... देखते रह गए गांव वाले सारे

जिला मुख्यालय से कटा संपर्क
बाढ़ की वजह से रामनगर प्रखण्ड के बगही, सखुआनी और मलचगवा तीन पंचायतों में सड़कें क्षतिग्रस्त होने से इन गांवों का मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है. हालत यह है कि मरीजों को लोग अस्पताल भी नहीं लेकर जा पा रहे हैं. मामला गंभीर होने पर किसी तरह से चारपाई को ही स्ट्रेचर बनाकर मरीजों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा है.

देखें वीडियो

इलाज के अभाव में हो गयी थी गर्भवती की मौत
बता दें कि मलचंगवा गांव की एक किशोरी बीमार हो गई थी. गांव में इलाज नहीं होने पर ग्रामीणों ने चारपाई को स्ट्रेचर बनाया. नदी के बांध को कुदाल से समतल किया और फिर उसे चारपाई पर लादकर डॉक्टर के पास पहुंचे. एक दिन पूर्व ही गांव की एक गर्भवती महिला की मौत इलाज के अभाव में मौत हो गई थी क्योंकि उस समय नदी में पानी अधिक होने के कारण उसे पार करना संभव नहीं था.

सैलाब के कहर से भगवान भरोसे जिंदगी
पश्चिमी चंपारण (West Champaran) जिला में नदी के कहर से बेघर हुए लोग अब दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो गए हैं. कल तक खुशहाल जीवन जीने वाले लोग अब जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकारी मदद अभी तक नहीं पहुंची है. ग्रामीणों की जिंदगी भगवान भरोसे ही है. दरअसल रामनगर के मलचंगवा में सड़क बाढ़ की भेंट चढ़ गई है.

खुले आसमान के नीचे कट रहे दिन-रैन
मलचगवा गांव में लोग खुले आसमान के नीचे चूल्हा जलाकर पेट भरने की कोशिश कर रहे है. सरकारी मदद की आस में वे किसी तरह से दिन-रात गुजार रहे हैं.

बगहा: बिहार में लगातार हो रही बारिश (Rain in Bihar) और प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि (Rise in Water Level of Major Rivers) से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका से ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. मरीजों को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ रहा है. एक दिन पहले ही इलाज के अभाव में एक गर्भवती की मौत हो गयी थी.

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जिला मुख्यालय से कटा संपर्क
बाढ़ की वजह से रामनगर प्रखण्ड के बगही, सखुआनी और मलचगवा तीन पंचायतों में सड़कें क्षतिग्रस्त होने से इन गांवों का मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है. हालत यह है कि मरीजों को लोग अस्पताल भी नहीं लेकर जा पा रहे हैं. मामला गंभीर होने पर किसी तरह से चारपाई को ही स्ट्रेचर बनाकर मरीजों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा है.

देखें वीडियो

इलाज के अभाव में हो गयी थी गर्भवती की मौत
बता दें कि मलचंगवा गांव की एक किशोरी बीमार हो गई थी. गांव में इलाज नहीं होने पर ग्रामीणों ने चारपाई को स्ट्रेचर बनाया. नदी के बांध को कुदाल से समतल किया और फिर उसे चारपाई पर लादकर डॉक्टर के पास पहुंचे. एक दिन पूर्व ही गांव की एक गर्भवती महिला की मौत इलाज के अभाव में मौत हो गई थी क्योंकि उस समय नदी में पानी अधिक होने के कारण उसे पार करना संभव नहीं था.

सैलाब के कहर से भगवान भरोसे जिंदगी
पश्चिमी चंपारण (West Champaran) जिला में नदी के कहर से बेघर हुए लोग अब दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो गए हैं. कल तक खुशहाल जीवन जीने वाले लोग अब जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकारी मदद अभी तक नहीं पहुंची है. ग्रामीणों की जिंदगी भगवान भरोसे ही है. दरअसल रामनगर के मलचंगवा में सड़क बाढ़ की भेंट चढ़ गई है.

खुले आसमान के नीचे कट रहे दिन-रैन
मलचगवा गांव में लोग खुले आसमान के नीचे चूल्हा जलाकर पेट भरने की कोशिश कर रहे है. सरकारी मदद की आस में वे किसी तरह से दिन-रात गुजार रहे हैं.

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