बगहा: 20 फरवरी 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कप्तानगंज-पनियहवा-छितौनी-तमकुही रोड रेल लाइन वाया मधुबनी-धनहा-खैरा टोला का शिलान्यास किया. यह बड़ी लाइन रेल मार्ग गोपालगंज के थावे से जुड़ती, जिससे दियारा के लोगों को आवागमन का सुलभ (Rail Project Of RJD Supremo Lalu Yadav) साधन मुहैया होता. लेकिन वर्षों तक करोड़ों की लागत से रेल बांध का निर्माण हुआ और अंत्तोगत्वा परियोजना अधर में लटक गई. धनहा विधानसभा के तत्कालीन राजद विधायक सह मंत्री राजेश सिंह की मांग पर दियारावर्ती इलाके के लोगों को ट्रेन की सुलभ व्यवस्था कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के छितौनी में रेल मंत्री रहते लालू यादव ने इस रेल परियोजना का शिलान्यास किया. जिसके बाद तेजी से कार्य भी शुरू हुआ.
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RJD सुप्रीमो के ड्रीम प्रोजेक्ट को लगा ग्रहण : तमकुही रोड और पनियहवा रेलवे स्टेशन पर कम्यूटरीकृत रेल टिकट काउंटर के लिए स्टेशन के भवन का निर्माण हुआ. साथ ही रेल मार्ग को धरातल पर उतारने के लिए रेल बांध भी बना. लेकिन कुछ किलोमीटर बनने के बाद यह परियोजना खटाई में पड़ गई और फिर इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब लालू यादव अस्वस्थ हैं और इलाज कराने सिंगापुर गए थे. ऐसे में इलाके के लोगों की उम्मीद भी टूट गई है. लोगों का कहना है कि उस समय तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने जो सपना उनके लिए देखा था, वह अब पूरा नहीं हो पाएगा. पूर्व रेल मंत्री के सपनों का रेल मार्ग नहीं बन पाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि यदि दियारा मार्ग से इस रेल मार्ग का निर्माण हो जाता तो उनके इलाके की भी तकदीर बदल गई होती.
'राजेश विधायक थे, वो सब निर्माण किए हैं, तब से बांध का निर्माण अधूरा रह गया है. जगह-जगह टूट गया है. बांध बन गया होता तो लाभ मिलता ना.' - लक्ष्मण महतो, ग्रामीण
'रेल बांध की ये समस्या है. चार साल पहले ये परियोजना शुरू हुआ, छितौनी-तमकुही जाने का. लेकिन अब ये काम बंद हो रहा है और इसमें काफी खर्च भी हो गया है. जगह-जगह से बांध क्षतिग्रस्त हो गया है. बांध बंधने से सबसे बड़ी बात है कि 20 हजार लोगों को फायदा होगा.' - कौशल कुमार, मुखिया पति
लालू के सपनों की रेल हुई डिरेल : ग्रामीणों के मुताबिक उन्हें यात्रा का सुलभ साधन तो मिलता ही व्यावसायिक रूप से भी उन्हें काफी फायदा पहुंचता. साथ ही इलाके में बाढ़ की समस्या से निजात मिलता और बिहार-यूपी दोनों राज्यों के बीच बेहतर सम्बन्ध फलीभूत होते. बता दें कि छितौनी इंटर कॉलेज में इस परियोजना का शिलान्यास काफी धूमधाम से हुआ था. उस कॉलेज में पदस्थापित कर्मी भी इस रेल परियोजना के पूरा होने को लेकर काफी आशान्वित थे. ऐसे में कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं की लालू के सपनों का रेल उनके रेल मंत्री पद से हटते ही डिरेल हो गई.