ETV Bharat / state

बेतिया: किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कृषि कानून के खिलाफ निकाला जुलूस

चनपटिया प्रखंड में नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर कृषि बाजार समिति के प्रांगण से जुलूस निकालर प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया.

author img

By

Published : Jan 19, 2021, 4:24 PM IST

बेतिया में विरोध
protest in bettiah

बेतिया: जिले के चनपटिया प्रखंड में नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर कृषि बाजार समिति के प्रांगण से जुलूस निकालर प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया. किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले यह जुलूस निकाला गया.

कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए अपने संबोधन में प्रदर्शनकारी किसान ओमप्रकाश क्रांति ने कहा कि देश के एक अरब से ज्यादा आबादी को भोजन उपलब्ध कराने वाले देश के किसान अपनी वाजिब मांग को लेकर सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन ये केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. आज देश के अन्नदाता सड़क पर आंदोलन कर रहे है और मोदी सरकार उनकी समस्या को सुनने के बजाए उनपर दंडात्मक कार्रवाई कर रही है.

ये भी पढ़ें:- कृषि कानून गतिरोध : 21 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट कमेटी की बैठक, किसानों से भी मिलेंगे सदस्य

मोदी सरकार सिर्फ कर रही पूंजीपति का विकास
वहीं प्रदर्शन कर रहे कैलाश दास ने कहा कि सरकार को हर हाल में इस काले कानून को वापस लेना ही होगा. केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब के बदले पूंजीपति के विकास में लगी है. उन्होंने कहा कि किसानों और अन्नदाता की अनदेखी सरकार को मंहगी पड़ेगी. किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए. विरोध प्रदर्शन में ओमप्रकाश क्रांति, राधामोहन यादव, कैलाश दास, संतोष साह, चन्द्रिका महतो, रामबालक, रामजीत मांझी, म. वहीद आदि शामिल रहें.

बेतिया: जिले के चनपटिया प्रखंड में नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर कृषि बाजार समिति के प्रांगण से जुलूस निकालर प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया. किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले यह जुलूस निकाला गया.

कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए अपने संबोधन में प्रदर्शनकारी किसान ओमप्रकाश क्रांति ने कहा कि देश के एक अरब से ज्यादा आबादी को भोजन उपलब्ध कराने वाले देश के किसान अपनी वाजिब मांग को लेकर सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन ये केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. आज देश के अन्नदाता सड़क पर आंदोलन कर रहे है और मोदी सरकार उनकी समस्या को सुनने के बजाए उनपर दंडात्मक कार्रवाई कर रही है.

ये भी पढ़ें:- कृषि कानून गतिरोध : 21 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट कमेटी की बैठक, किसानों से भी मिलेंगे सदस्य

मोदी सरकार सिर्फ कर रही पूंजीपति का विकास
वहीं प्रदर्शन कर रहे कैलाश दास ने कहा कि सरकार को हर हाल में इस काले कानून को वापस लेना ही होगा. केंद्र की मोदी सरकार किसान गरीब के बदले पूंजीपति के विकास में लगी है. उन्होंने कहा कि किसानों और अन्नदाता की अनदेखी सरकार को मंहगी पड़ेगी. किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलना चाहिए. विरोध प्रदर्शन में ओमप्रकाश क्रांति, राधामोहन यादव, कैलाश दास, संतोष साह, चन्द्रिका महतो, रामबालक, रामजीत मांझी, म. वहीद आदि शामिल रहें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.