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बेतिया: शहर की 64 एकड़ जमीन होगी अतिक्रमण मुक्त, HC की फटकार के बाद एक्शन में सरकार

भू-माफियाओं ने बेतिया शहर में तालाब वाले कुल 64 एकड़ भूमि को अतिक्रमण कर लोगों को बेच दिया है. आज इस भूमि पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं.

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Published : Aug 8, 2019, 6:39 PM IST

बेतिया

बेतिया: सीएम नीतीश कुमार पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं. हाल ही में उन्होंने प्रदेश के आलाधिकारियों को सूबे में तालाबों को जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया था. लेकिन प्रशासन इसको लेकर सुस्त है. जिले में आज कुल 64 एकड़ तालाब भूमि अतिक्रमण का शिकार है.

बेतिया शहर के उत्तरवारी पोखरा, बानुछापर तालाब, हरिवाटिका पोखरा, पिपरा पकड़ी तालाब, छावनी तालाब सहित कई ऐसे स्थान अतिक्रमण के शिकार हैं. भू-माफियओं ने शहर में ऐसे तालाब वाले कुल 64 एकड़ भूमि को अतिक्रमण कर लोगों को बेच दिया है. इस जमीन पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं. जिले में कुल 400 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है.

तालाब अतिक्रमण पर एक रिपोर्ट

अतिक्रमण को लेकर प्रशासन सुस्त
जिले में लगभग 400 एकड़ से ज्यादा तालाब और जलकर की भूमि पर अतिक्रमण है. यहां से आज पूरी तरह से तालाबों का नामो निशान खत्म हो चुका है. इससे जलकरों का अस्तित्व खतरे में है. लेकिन इन अतिक्रमणकारियों की ओर प्रशासन का ध्यान तक नहीं है.

'जल्द अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा'
मत्स्य विभाग के पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया गया है. उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. जिले के सभी सीओ को नोटिस भेजा गया है. इस साल के अंत तक तालाब और जलकरों को भी अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा. इसके बाद तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. मछली पालन कर राजस्व में बढ़ोतरी की जाएगी.

बेतिया
भूमि अतिक्रमण कर लोगों ने बनाया घर

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बता दें कि उच्च न्यायालय ने प्रदेश में तालाबों पर अतिक्रमण को लेकर हाल ही में सरकार को फटकार लगाई थी. उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि जल्द से जल्द ऐसी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए. इस आदेश के बाद सरकार भी एक्शन में दिख रही थी. सरकार ने तालाबों को लेकर कई फैसले लिए थे.

बेतिया: सीएम नीतीश कुमार पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं. हाल ही में उन्होंने प्रदेश के आलाधिकारियों को सूबे में तालाबों को जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया था. लेकिन प्रशासन इसको लेकर सुस्त है. जिले में आज कुल 64 एकड़ तालाब भूमि अतिक्रमण का शिकार है.

बेतिया शहर के उत्तरवारी पोखरा, बानुछापर तालाब, हरिवाटिका पोखरा, पिपरा पकड़ी तालाब, छावनी तालाब सहित कई ऐसे स्थान अतिक्रमण के शिकार हैं. भू-माफियओं ने शहर में ऐसे तालाब वाले कुल 64 एकड़ भूमि को अतिक्रमण कर लोगों को बेच दिया है. इस जमीन पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं. जिले में कुल 400 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है.

तालाब अतिक्रमण पर एक रिपोर्ट

अतिक्रमण को लेकर प्रशासन सुस्त
जिले में लगभग 400 एकड़ से ज्यादा तालाब और जलकर की भूमि पर अतिक्रमण है. यहां से आज पूरी तरह से तालाबों का नामो निशान खत्म हो चुका है. इससे जलकरों का अस्तित्व खतरे में है. लेकिन इन अतिक्रमणकारियों की ओर प्रशासन का ध्यान तक नहीं है.

'जल्द अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा'
मत्स्य विभाग के पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया गया है. उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. जिले के सभी सीओ को नोटिस भेजा गया है. इस साल के अंत तक तालाब और जलकरों को भी अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा. इसके बाद तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. मछली पालन कर राजस्व में बढ़ोतरी की जाएगी.

बेतिया
भूमि अतिक्रमण कर लोगों ने बनाया घर

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बता दें कि उच्च न्यायालय ने प्रदेश में तालाबों पर अतिक्रमण को लेकर हाल ही में सरकार को फटकार लगाई थी. उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि जल्द से जल्द ऐसी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए. इस आदेश के बाद सरकार भी एक्शन में दिख रही थी. सरकार ने तालाबों को लेकर कई फैसले लिए थे.

Intro:बेतिया: सुबे में सीएम नीतीश कुमार तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए दृढ़ संकल्पित है, उन्होंने कहा है तालाब के अतिक्रमित भूमि पाताल से भी निकाल लाएंगे और तालाबों को बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे।


Body:वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी चंपारण बेतिया के बेतिया शहर में तालाब की भूमि लगभग 64 एकड़ जमीन को अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर लिया है और उस पर आलीशान मकान भी बना लिया है। 64 एकड़ जमीन तालाबों पर कब्जा होता रहा, घर बनते रहें और प्रशासन मूकदर्शक बनी रही। तालाबों का जहां सौंदर्यीकरण होना चाहिए, वहां तालाबों के नामो निशान मिट गए। पूरे जिले में लगभग 400 एकड़ से ज्यादा तालाब व जलकरो की भूमि को अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। कहीं तालाब का नामो निशान मिट गया, तो कहीं जलकरों के अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। बेतिया शहर के उत्तरवारी पोखरा, बानुछापर तालाब, हरिवाटिका पोखरा, पिपरा पकड़ी तलाक, स्टेशन तालाब, पीजवा तालाब व छावनी तलाक के 64 एकड़ जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा हो चुका है और बड़े-बड़े आलीशान भवन बन चुके हैं, इसके बावजूद भी जिले के डीएम व मत्स्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।


बता दें कि माननीय उच्च न्यायालय के एक आदेश पत्र 382 दिनांक 7-3-19 के आदेश में कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है कि जल्द से जल्द तालाबों की अतिक्रमण भूमि को मुक्त कराया जाए, इस आदेश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आई है, और मत्स्य विभाग ने तालाबों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए आनन-फानन में कई पत्र निर्गत किए , मत्स्य विभाग के पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकार्यो को चिन्हित कर लिया गया है, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है, जिला के सभी सीओ को पत्रचार किया गया है और इस साल के अंत तक तालाब और जलकरो को भी अतिक्रमित भूमि अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा । तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा और उसमें मछली पालन कर राजस्व में वृद्धि किया जाएगा।

बाइट- मनीष कुमार,जिला मत्स्य पदाधिकारी


Conclusion:अब देखने वाली बात होगी सुबे के सीएम नीतीश कुमार के तालाबों के प्रति दृढ़ संकल्प और हाईकोर्ट के आदेश बेतिया शहर के 64 एकड़ तालाब के अतिक्रमित भूमि और जिला के लगभग 400 एकड़ अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा पाती है कि नहीं ?
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