प. चंपारण: इन दिनों गंडक नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिस कारण पिपरा-पिपरासी (पीपी) तटबंध पर खतरे का बादल मंडराने लगा है. तटबंध की सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग ने गार्ड के साथ अभियंताओं की नियुक्ति की है. रात में देखभाल करने के लिए जेनरेटर की भी व्यवस्था है. लेकिन यह सब कागजों तक ही सिमिति है. जिसका नतीजा रहा कि पीपी तटबंध से पानी का रिसाव शुरू हो गया है.
ग्रामीणों के सूचना के बाद सक्रिय दिखे अधिकारी
पीपी तटबंध से पानी का रिसाव होने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल है. तटबंध की सुरक्षा सिर्फ कागजों तक सिमित होने से आसपास के लोग गुस्से में हैं. इस लापरवाही के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. सिंचाई विभाग इस कदर बेपरवाह बना था कि तटबंध से हो रहे पानी की रिसाव की उसे सूध तक नहीं थी. शुक्र है उन ग्रामिणों का जो खेत देखने गए, तब जाकर अधिकारियों की इसकी भनक लगी.
खेत देखने गए ग्रामीण तटबंध से पानी का रिसाव को देख चकित रह गए और फौरन इसकी सूचना वहां के अधिकारियों को दी. तब जाकर अधिकारी सक्रिय हुए और बचाव कार्य में लगे. नहीं तो अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगती और फिर लोग कोई बड़ा हादसा के शिकार हो जाते.
बीडीओ और सीओ के निरीक्षण के बाद उच्चाधिकारियों को दी गई सूचना
ग्रामीणों से सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने तटबंध से हो रहे पानी का रिसाव का निरीक्षण किया और तुरंत बचाव कार्य में लग गए. सीओ शिवेन्द्र कुमार, बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पीपी तटबंध के 30 फिट की दूरी पर गंडक नदी का पानी रिसाव कर रहा है. यह वही स्थान है जहां पर 2017 में तटबंध टूटा था. इस स्थान पर करोड़ों रुपये खर्च कर सिंचाई विभाग ने बचाव कार्य कराया था. अधिकारियों का कहना है कि रिसाव को रोकने का कार्य किया जा रहा है. वहीं इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है.