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साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल: यहां पिछले 15 वर्षों से छठ घाटों की सजावट कर रहे मुस्लिम - टावर पंडाल का निर्माण

जिले के बगहा में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. वो पिछले 15 सालों से छठ घाटों की साफ-सफाई और सजावट करते आ रहे हैं.

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
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Published : Nov 1, 2019, 12:47 PM IST

पश्चिमी चंपारण: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. बगहा में गंडक नदी के किनारे साफ-सफाई अपने अंतिम चरण में है. इस छठ पूजा में सभी छठ घाटों के साज- सज्जा को लेकर नम्बर वन बनने की होड़ लगी है. कहीं छठ मइया की मूर्ति स्थापित हो रही तो कहीं अष्टयाम जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

कई जगहों पर विशेष तरीके के पंडाल भी बनाये जा रहे है. शहर के गोड़िया पट्टी में छठ घाट पर टावर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. यहां की खासियत यह है कि इस छठ घाट पर पंडालों के बनाने व उसके साज- सज्जा की जिम्मेवारी विगत 15 वर्षों से यहां का मुस्लिम समुदाय निभाते आ रहे हैं. इनका मानना है कि इस बार भी दर्जनों छठ घाटों में गोड़िया पट्टी नम्बर एक पर रहेगा.

जानकारी देते छठ पूजा समिति के सदस्य

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
कमिटी के सदस्यों का कहना है कि टावर पंडाल यहां आकर्षण का केंद्र रहेगा. छठ घाट पर व्रतियों के सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है. लोगों की सहूलियत के लिये यहीं तीन-तीन हैंडपम्प भी लगाए गए हैं. आवागमन को बिल्कुल सुविधाजनक बनाया गया है. वहीं पंडाल की सजावट कर रहे और साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वो पिछले 15 सालों से छठ के दौरान घाटों की सजावट करते आ रहे हैं.

पश्चिमी चंपारण: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. बगहा में गंडक नदी के किनारे साफ-सफाई अपने अंतिम चरण में है. इस छठ पूजा में सभी छठ घाटों के साज- सज्जा को लेकर नम्बर वन बनने की होड़ लगी है. कहीं छठ मइया की मूर्ति स्थापित हो रही तो कहीं अष्टयाम जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

कई जगहों पर विशेष तरीके के पंडाल भी बनाये जा रहे है. शहर के गोड़िया पट्टी में छठ घाट पर टावर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. यहां की खासियत यह है कि इस छठ घाट पर पंडालों के बनाने व उसके साज- सज्जा की जिम्मेवारी विगत 15 वर्षों से यहां का मुस्लिम समुदाय निभाते आ रहे हैं. इनका मानना है कि इस बार भी दर्जनों छठ घाटों में गोड़िया पट्टी नम्बर एक पर रहेगा.

जानकारी देते छठ पूजा समिति के सदस्य

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल
कमिटी के सदस्यों का कहना है कि टावर पंडाल यहां आकर्षण का केंद्र रहेगा. छठ घाट पर व्रतियों के सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है. लोगों की सहूलियत के लिये यहीं तीन-तीन हैंडपम्प भी लगाए गए हैं. आवागमन को बिल्कुल सुविधाजनक बनाया गया है. वहीं पंडाल की सजावट कर रहे और साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वो पिछले 15 सालों से छठ के दौरान घाटों की सजावट करते आ रहे हैं.

Intro:लोक आस्था एवं विश्वास के सबसे बड़े महापर्व की शुरुवात हो चुकी है। बगहा शहर में छठ घाटों की सजावट को लेकर दर्जनों छठ घाट कमिटियों में प्रतिस्पर्धा चल रही है। गण्डक नदी के किनारे लगने वाले छठ घाटों की साफ सफाई अपने अंतिम दौर में है। ऐसे में एक छठ घाट ऐसा भी है जिसके सजावट का जिम्मा विगत 15 वर्षों से मुहल्ले के मुस्लिमो ने ले रखा है। इस मर्तबा भी इनका मानना है कि दर्जनों छठ घाटों में गोड़िया पट्टी नम्बर एक रहेगा।


Body:बगहा में गण्डक-नारायणी नदी के तट पर मनाया जाने वाला बिहार का सबसे बड़ा पर्व अपनी अनोखी प्राकृतिक छटा के लिए मशहूर है। यहां नदी किनारे दर्जनों स्थानों पर एक एक किमी की दूरी में व्रती बैठकर छठ करती हैं। और नारायणी नदी में खड़ा हो अर्घ्य देती है। इस छठ पूजा महोत्सव में भी सभी छठ घाटों के साज- सज्जा को लेकर नम्बर वन बनने की होड़ लगी है। कहीं छठ मइया की मूर्ति स्थापित हो रही तो कहीं अष्टयाम जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। कई जगहों पर विशेष तरीके के पंडाल भी बनाये जा रहे। शहर के गोड़िया पट्टी में छठ घाट पर टावर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। और यहां की खासियत यह है कि इस छठ घाट पर पंडालों के बनाने व उसके साज- सज्जा की जिम्मेवारी विगत 15 वर्षों से यहां का मुस्लिम समुदाय निभाते आ रहा है।
कमिटी के सदस्यों का कहना है कि टावर पंडाल यहां के आकर्षण का केंद्र रहेगा। छठ घाट पर व्रतियों के सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। इसी वजह से यहां तीन तीन हैंडपम्प भी लगाए गए हैं। आवागमन को बिल्कुल सुविधाजनक बनाया गया है। वहीं पंडाल की सजावट में लगे साम्प्रदायिक सौहार्द की बानगी पेश कर रहे मुस्लिम समुदाय का कहना है कि विगत 15 वर्षों से वे यहा की सजावट करते आ रहे हैं ताकि उनके मुहल्ले के नाम रौशन हो और वे नम्बर वन बने रहें।
बाइट-1 महेश प्रसाद, सदस्य, छठ पूजा समिति
बाइट-2 हबीबुल्लाह, छठ घाट सजावट कर्ता



Conclusion:कहने में कोई अतिशयोक्ति नही की बगहा शहर स्थित गोड़िया पट्टी के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर आपसी भाईचारे को बढ़ावा दे रहे हैं और सामाजिक सौहार्द व एकता के बंधन को जोड़कर रखे हैं।
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