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बेतियाः 2 महीने में दूसरी बार आई बाढ़, सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं लोग - flood in bettiah

बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि 2 महीने पहले आई बाढ़ के बाद चंपारण तटबंध पर शरण लिए थे. 5 दिन पहले ही लौट कर गांव आए थे, लेकिन 2 दिनों तक हुई बारिश के बाद एक बार फिर घर में पानी घुस गया. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर मिलने वाली 6-6 हजार की राशि उन्हें नहीं मिली है.

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Published : Sep 26, 2020, 9:35 PM IST

बेतियाः जिले के नौतन प्रखंड के मंगलपुर काला गांव में एक बार फिर बाढ़ का पानी घुस गया है. सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ पीड़ित गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने अभी तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. बाढ़ पीड़ित गांव से पलायान पर बांधों पर शरण ले रहे हैं.

2 महीने पहले भी आई थी बाढ़
दो महीने पहले आई बाढ़ में भी यह गांव डूब गया था. लोग घर-वार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए थे. पानी उतरने के बाद 5 दिन पहले ही लौटकर घर आए थे, लेकिन 2 दिनों तक लगातार हुई तेज बारिश के बाद बूढ़ी गंडक नदी का पानी गांव में प्रवेश कर गया और घरों में पानी घुस गया. ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए एक बार फिर पलायन करने को मजबूर हैं. लोग घरों से जरूरी सामान लेकर नाव से सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से नहीं मिल रही सहायता
बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों के बीच 6-6 हजार रुपए बांटने का ढोल पीट रही है. हमलोग दो महीने में दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाली राशि नहीं मिल पाई है. बता दें कि बाढ़ पीड़ित पलायन कर चंपारण तटबंध पर शरण ले रहे हैं.

बेतियाः जिले के नौतन प्रखंड के मंगलपुर काला गांव में एक बार फिर बाढ़ का पानी घुस गया है. सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं. बाढ़ पीड़ित गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने अभी तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचे हैं. बाढ़ पीड़ित गांव से पलायान पर बांधों पर शरण ले रहे हैं.

2 महीने पहले भी आई थी बाढ़
दो महीने पहले आई बाढ़ में भी यह गांव डूब गया था. लोग घर-वार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए थे. पानी उतरने के बाद 5 दिन पहले ही लौटकर घर आए थे, लेकिन 2 दिनों तक लगातार हुई तेज बारिश के बाद बूढ़ी गंडक नदी का पानी गांव में प्रवेश कर गया और घरों में पानी घुस गया. ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए एक बार फिर पलायन करने को मजबूर हैं. लोग घरों से जरूरी सामान लेकर नाव से सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से नहीं मिल रही सहायता
बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों के बीच 6-6 हजार रुपए बांटने का ढोल पीट रही है. हमलोग दो महीने में दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से मिलने वाली राशि नहीं मिल पाई है. बता दें कि बाढ़ पीड़ित पलायन कर चंपारण तटबंध पर शरण ले रहे हैं.

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