बेतिया: बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के लोग एक बार फिर बाढ़ (Bihar Flood) की विभीषिका झेलने को विवश हैं. गंडक बराज से छोड़ा गया पानी नौतन प्रखंड के कई पंचायतों में घुस गया, जिससे कई गांव टापू बन गए हैं. शिवराजपुर पंचायत के छरकी टोला के लोग गांव में फंसे हुए हैं. निजी नाव के सहारे लोग गांव से बाहर निकल रहे हैं. सरकारी नाव की कोई व्यवस्था नहीं है. बाढ़ पीड़ित तटबंध पर शरण लिए हुए हैं.
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छरकी टोला के बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उनके घरों में पानी भर गया है. घर में रखा अनाज नष्ट हो गया है, जिसके चलते भोजन की व्यवस्था नहीं है. भूखे मरने की स्थिति है. बच्चों की तबीयत खराब है, लेकिन अस्पताल ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है. प्राइवेट नाव वाले पैसे मांगते हैं. एक बाढ़ पीड़ित ने कहा कि जिला प्रशासन से मांग है कि हमलोगों के भोजन की व्यवस्था की जाए. बीमार बच्चों के इलाज की व्यवस्था हो. सरकारी नाव मुहैया कराई जाए ताकि जरूरत पड़ने पर गांव से बाहर जाना संभव हो सके. स्थानीय जनप्रतिनिधि गांव में बाढ़ के वक्त सुध लेने नहीं आते. जब चुनाव आता है तो वे लोग वोट मांगने पहुंच जाते हैं.
बता दें कि नेपाल और बिहार में गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के चलते पश्चिम चंपारण जिले का बड़ा इलाका बाढ़ प्रभावित है. वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार रात 8 बजे 2.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके चलते जिले के निचले इलाके में नदी का पानी फैल गया है. जिले में हो रही बारिश के चलते भी बाढ़ की तबाही बढ़ गई है. मौसम विभाग ने 30 अगस्त तक पश्चिम चंपारण जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस दौरान कहीं-कहीं भारी और हल्की बारिश हो सकती है.
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