पश्चिम चंपारण : जिले के वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़ी है. पहले यहां 28 बाघ थे जो अब बढ़कर 31 हो गए हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर सोमवार को जारी की गई बाघों की गणना में वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभयारण्य में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी बताई गई है. 2010 में यहां बाघों की संख्या मात्र 8 थी, वहीं वर्ष 2014 में यह संख्या बढ़कर 28 हुई और वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 31 हो गई.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संजय गांधी जैविक उद्यान में 'विश्व बाघ दिवस' पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'वाल्मीकि व्याघ्र अभयारण्य (वीटीआर) में जहां वर्ष 2010 में बाघों की संख्या मात्र आठ तथा 2014 में 28 थी, वहीं 2018 में 10.71 फीसदी वृद्धि के साथ 31 और पूरे देश में 2967 हो गई है.' उन्होंने कहा कि 2010 के सेंट पिटर्सबर्ग घोषणा के अनुसार, वर्ष 2022 तक पूरी दुनिया में बाघों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. भारत ने मगर चार साल पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया है.
वाल्मीकि नगर व्याघ्र अभयारण्य में बढ़ी पर्यटकों की संख्या
सुमो ने कहा कि वर्ष 2018-19 में वाल्मीकि व्याघ्र अभयारण्य में 45,424 पर्यटक आए, जबकि 2017-18 में उनकी संख्या मात्र 10,407 थी. विभागीय अधिकारियों को अगले सीजन में पर्यटकों की संख्या को बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य दिया गया है. उन्होंने कहा कि वहां ठहरने, घूमने आदि की काफी सुविधा विकसित की गई है. इसके साथ ही राजगीर में नेचर सफारी और जू सफारी का निर्माण 176 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है, जहां दर्शक खुले में बाघ, भालू, शेर आदि का दर्शन कर सकेंगे.
टॉय ट्रेन का उद्घाटन
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने उद्यान में जिराफ के एक बच्चे का नाम 'हिमा' और जेब्रा के बच्चे का 'बबली' रखा तथा बैट्रीचालित ट्रैकलेस टॉय ट्रेन का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि पटना चिड़ियाघर में वर्ष 2018-19 में 24. 33 लाख दर्शक आए, जिनसे 8 लाख 66 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि बर्ड फ्लू की वजह से तीन महीने तक चिड़ियाघर को बंद रखा गया था.
इन उपायों से बढ़ी संख्या
मोदी ने कहा कि बाघों को बचाने और वन्यजीव तथा मनुष्यों के बीच टकराव रोकने का ही नतीजा है कि बाघों की संख्या में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है. उन्होंने आम लोगों से आगामी पर्यटन सीजन में प्रदेश के एकमात्र वाल्मीकि व्याघ्र अभयारण्य का भ्रमण करने तथा एक से 15 अगस्त के बीच वन महोत्सव के दौरान प्रत्येक परिवार की ओर से एक पौधा लगाने व उसका संरक्षण करने की अपील की. वन महोत्सव के दौरान पूरे प्रदेश में डेढ़ करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य है.