पश्चिम चंपारण: कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया भर में विशेषज्ञ से शोध कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार सही वैक्सीन तैयार करने के लिए के लिए मानव शरीर पर शोध होना जरूरी है. लेकिन अभी तक इसका जोखिम उठाने की हिम्मत किसी ने नहीं की है.
अबू धाबी से भेजा संदेश
वहीं, जिले के एक शख्स ने शोध के लिए अपना देह दान करने की घोषणा की है. नरकटियागंज के वार्ड 16 निवासी रमन मिश्रा के पुत्र रितेश मिश्रा पेशे से इंजीनियर हैं. वे पिछले 8 वर्षों से अबू धाबी में रहते हैं. रितेश ने इस वायरस के इलाज पर हो रहे शोध के लिए प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को एक मेल भेजा है, जिसमें उन्होंने देह दान की बात कही है.
खुद को समर्पित करने की इच्छा
उन्होंने लिखा है कि वे राष्ट्र हित के लिए खुद को समर्पित करने को तैयार हैं. व्हाट्सएप फेसबुक व इंस्ट्राग्राम पर वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा है कि देश का नागरिक होने के नाते राष्ट्रहित में यदि वायरस कोविड 19 महामारी की वैक्सिन परीक्षण व शोध के लिए मानव शरीर की आवश्यकता पड़ती है तो वह खुद को समर्पित करने के लिए तैयार हैं. हालांकि रितेश के इस मेल का अभी तक कोई रिप्लाई नहीं आया है.
'मैं रहूं या न रहूं ये देश रहना चाहिए'
रितेश ने कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी अब बढ़ती जा रही है. मुझसे ये सब देखा नहीं जा रहा है. अगर हो सके तो कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जितनी जल्दी हो सके दवा पर शोध करें. मैं इस नेक काम में परीक्षण के लिए अपना शरीर दान करने के लिए तैयार हूं. ये मैं बहुत सोच समझ कर लिख रहा हूं. सरकार जब चाहे शोध के लिए मेरे शरीर का इस्तेमाल कर सकती है. मैं चाहता हूं कि मैं रहूं या ना रहूं लेकिन ये देश रहना चाहिए.