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बेतिया: GMCH में 63 वेंटिलेटर लेकिन 50 से अधिक खराब - Health system of bihar

बिहार में गंभीर कोरोना संकट के बीच अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं का संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच, बेतिया में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. यहां 63 वेंटिलेटर उपलब्ध तो हैं, लेकिन इसमें से 50 से अधिक काम नहीं कर रहे. देखें रिपोर्ट

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वेंटिलेटर
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Published : Apr 21, 2021, 9:56 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 8:50 AM IST

बेतिया: जिले में हर दिन पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है. उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा है. हालांकि, सरकार ने पैसे खर्च कर सरकारी अस्पतालों को सुविधाएं तो दे दीं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी एक बानगी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में दिखती है.

जीएमसीएच (गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया) में गिनने को तो 63 वेंटिलेटर हैं, लेकिन इनमें से 50 से अधिक खराब हैं. ये वेंटिलेटर आइसोलेशन वार्ड में पड़े हुए हैं. सबसे हैरत की बात तो यह है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए भी कोई टेक्नीशियन तक नहीं है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- पटना AIIMS में फूटा 'कोरोना बम', 384 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ संक्रमित

वेंटिलेटर को नहीं किया इंस्टॉल
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारी 5 वेंटिलेटर चलने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन वार्ड में एक भी वेंटिलेटर चलता हुआ नहीं दिख रहा है. पिछले साल दिसंबर में एक बार 17 और दूसरी बार 25 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज को भेजे गए थे, लेकिन तब से वेंटिलेटर ऐसे ही रखे हुए हैं. हद तो यह है कि अभी तक वेंटिलेटर को इंस्टॉल तक नहीं किया जा सका है, जबकि कोरोना से पिछले दस दिन में 12 मरीज की मौत हो चुकी है.

कब तक ठीक होंगे वेंटिलेटर ?
अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी इंजीनियर के आने और वेंटिलेटर ठीक होने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी इसका जवाब उनके पास नहीं है. मंगलवार को जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. नरेंद्र कुमार से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने विभाग की पोल खोलते हुए कहा था कि एक भी वेंटिलेटर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है.

पढ़ें: BJP प्रदेश अध्यक्ष ने चिकित्सकों की लगाई क्लास, बोले- काम करें, नहीं तो छोड़ दें नौकरी

अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
ऐसे में सवाल यह है कि जब दिसंबर 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वेंटिलेटर रिसीव किया तो ठीक हालत में था, लेकिन 4 महीने के अंदर ही सभी वेंटिलेटर नन फंक्शनल कैसे हो गए? क्या वेंटिलेटर लेते समय इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया या फिर इतने दिनों में अस्पताल प्रबंधन ने वेंटिलेटर ठीक क्यों नहीं करवाया.

"अभी अस्पताल में 11 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से तीन काम कर रहे हैं. 26 वेंटिलेकर पीएम केयर योजना से मिला है. इन्हें इंस्टॉल कराया जा रहा है. 25 और वेंटिलेटर मुजफ्फरपुर डीआरडीओ हॉस्पिटल से मिले हैं. इन्हें भी इंस्टॉल करा रहे हैं. इसके लिए बायोमेडिकल इंजीनियर आने वाले हैं."- डॉ. प्रमोद तिवारी, अस्पताल अधीक्षक

यह भी पढ़ें- कोरोना के चलते पंचायत चुनाव टला, 15 दिन बाद होगी स्थिति की समीक्षा

यह भी पढ़ें- बेतिया: GMCH में कोरोना मरीजों के परिजनों ने किया हंगामा, बोले- मरीजों की नहीं हो रही उचित देखभाल

यह भी पढ़ें- बेतिया में SDM ने चलाया मास्क चेकिंग अभियान, कई लोगों से वसूला गया जुर्माना

बेतिया: जिले में हर दिन पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सांस लेने में तकलीफ होने के बाद अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है. उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा है. हालांकि, सरकार ने पैसे खर्च कर सरकारी अस्पतालों को सुविधाएं तो दे दीं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी एक बानगी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में दिखती है.

जीएमसीएच (गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया) में गिनने को तो 63 वेंटिलेटर हैं, लेकिन इनमें से 50 से अधिक खराब हैं. ये वेंटिलेटर आइसोलेशन वार्ड में पड़े हुए हैं. सबसे हैरत की बात तो यह है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए भी कोई टेक्नीशियन तक नहीं है.

देखें रिपोर्ट

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वेंटिलेटर को नहीं किया इंस्टॉल
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधिकारी 5 वेंटिलेटर चलने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन वार्ड में एक भी वेंटिलेटर चलता हुआ नहीं दिख रहा है. पिछले साल दिसंबर में एक बार 17 और दूसरी बार 25 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेज को भेजे गए थे, लेकिन तब से वेंटिलेटर ऐसे ही रखे हुए हैं. हद तो यह है कि अभी तक वेंटिलेटर को इंस्टॉल तक नहीं किया जा सका है, जबकि कोरोना से पिछले दस दिन में 12 मरीज की मौत हो चुकी है.

कब तक ठीक होंगे वेंटिलेटर ?
अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी इंजीनियर के आने और वेंटिलेटर ठीक होने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी इसका जवाब उनके पास नहीं है. मंगलवार को जब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. नरेंद्र कुमार से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने विभाग की पोल खोलते हुए कहा था कि एक भी वेंटिलेटर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है.

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अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल
ऐसे में सवाल यह है कि जब दिसंबर 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वेंटिलेटर रिसीव किया तो ठीक हालत में था, लेकिन 4 महीने के अंदर ही सभी वेंटिलेटर नन फंक्शनल कैसे हो गए? क्या वेंटिलेटर लेते समय इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया या फिर इतने दिनों में अस्पताल प्रबंधन ने वेंटिलेटर ठीक क्यों नहीं करवाया.

"अभी अस्पताल में 11 वेंटिलेटर हैं, जिनमें से तीन काम कर रहे हैं. 26 वेंटिलेकर पीएम केयर योजना से मिला है. इन्हें इंस्टॉल कराया जा रहा है. 25 और वेंटिलेटर मुजफ्फरपुर डीआरडीओ हॉस्पिटल से मिले हैं. इन्हें भी इंस्टॉल करा रहे हैं. इसके लिए बायोमेडिकल इंजीनियर आने वाले हैं."- डॉ. प्रमोद तिवारी, अस्पताल अधीक्षक

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Last Updated : Apr 22, 2021, 8:50 AM IST
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