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बेतिया में छठ का समापन, घाटों पर गुंजायमान रहे पारंपरिक लोक गीत

सुबह के अर्घ्य के साथ इस माहापावन पर्व का समापन हो गया. व्रत के समापन होने के बाद श्रद्धलुओं ने लोगों में ठेकुआ समेत कई अन्य प्रसाद का लोगों में वितरण करते दिखे. इस दौरान छठ घाटों की छटा काफी मनमोहक थी.

उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का हुआ समापन
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Published : Nov 3, 2019, 8:24 AM IST

बेतिया: लोक आस्था का महापर्व का आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हुआ. इस दौरान जिले के सभी तालाबों, छोटे-छोटे नहर और नदियों पर छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ देखने को मिली. इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला. यह एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ-साथ डूबते सूरज की भी पूजा होती है.

श्रद्धलुओं ने लोगों में बांटा भगवान भास्कर का प्रसाद
सुबह के अर्घ्य के साथ इस माहापावन पर्व का समापन हो गया. व्रत के समापन होने के बाद श्रद्धलुओं ने लोगों में ठेकुआ समेत कई अन्य प्रसाद का लोगों में वितरण करते दिखे. छठ घाटों पर लोग अहले सुबह ही पहुंच चुके थे. घाट पर महिलाएं एक साथ छठ के पारंपरिक गीत गा रही थी. इस दौरान छठ घाटों की छटा काफी मनमोहक थी.

छठ घाट बेतिया
छठ घाट बेतिया

व्रती आज करेंगी पारण
4 दिन तक चलने वाले इस महापावन पर्व की शुरूआत नहाय खाय के साथ हुर्ई थी. अगले दिन व्रतियों नें खरना किया था. जिसके बाद छठ व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ था. सुख-शांति के लिए मनाये जाने वाले इस महापर्व का आज समापन हो गया. आज व्रती अपने उपावास व्रत को समाप्त कर पारण करेंगी.

पूजा-अर्चना करते लोग
पूजा-अर्चना करते लोग

4 दिनों तक होता है यह महापर्व
चार दिन चलने वाले छठ पर्व के दौरान दो बार सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि के दिन डूबते सूर्य को दिया जाता है, जबकि दूसरा अर्घ्य सप्तमी तिथि को उदय होने वाले भगवान भास्कर को दिया जाता है. नदी, तालाब और नहरों पर बने छठ घाटों के पानी में उतरकर महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया.

उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का हुआ समापन,

बेतिया: लोक आस्था का महापर्व का आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हुआ. इस दौरान जिले के सभी तालाबों, छोटे-छोटे नहर और नदियों पर छठ व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ देखने को मिली. इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला. यह एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ-साथ डूबते सूरज की भी पूजा होती है.

श्रद्धलुओं ने लोगों में बांटा भगवान भास्कर का प्रसाद
सुबह के अर्घ्य के साथ इस माहापावन पर्व का समापन हो गया. व्रत के समापन होने के बाद श्रद्धलुओं ने लोगों में ठेकुआ समेत कई अन्य प्रसाद का लोगों में वितरण करते दिखे. छठ घाटों पर लोग अहले सुबह ही पहुंच चुके थे. घाट पर महिलाएं एक साथ छठ के पारंपरिक गीत गा रही थी. इस दौरान छठ घाटों की छटा काफी मनमोहक थी.

छठ घाट बेतिया
छठ घाट बेतिया

व्रती आज करेंगी पारण
4 दिन तक चलने वाले इस महापावन पर्व की शुरूआत नहाय खाय के साथ हुर्ई थी. अगले दिन व्रतियों नें खरना किया था. जिसके बाद छठ व्रती का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ था. सुख-शांति के लिए मनाये जाने वाले इस महापर्व का आज समापन हो गया. आज व्रती अपने उपावास व्रत को समाप्त कर पारण करेंगी.

पूजा-अर्चना करते लोग
पूजा-अर्चना करते लोग

4 दिनों तक होता है यह महापर्व
चार दिन चलने वाले छठ पर्व के दौरान दो बार सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि के दिन डूबते सूर्य को दिया जाता है, जबकि दूसरा अर्घ्य सप्तमी तिथि को उदय होने वाले भगवान भास्कर को दिया जाता है. नदी, तालाब और नहरों पर बने छठ घाटों के पानी में उतरकर महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया.

उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का हुआ समापन,
Intro:बेतिया: धूमधाम से मनाया गया छठ पूजा, सुबह के अर्घ्य साथ खत्म हुआ छठ पूजा,घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़।Body:बेतिया: सुबह के अर्घ्य साथ साल 2019 के छठ पर्व का समापन हो गया, इस अर्घ्य के बाद छठी मईया के लिए बनाए गए खास ठेकुए और प्रसाद को लोगों में बांटा गये, छठ पर्व के आखिरी दिन भक्त प्रसिद्ध छठी मईया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचे थे,रात्री में संगीत के साथ कोसी भरने का काम हुआ, शुक्रवार की शाम को खरना पूजा के साथ ही छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था, शनिवार की शाम को अर्घ्य और रविवार सुबह के अर्घ्य के बाद व्रती महिलाएं पारण करती है,
वही, उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, और व्रती महिलाएं पानी में उतर कर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।

Conclusion:मान्यता के अनुसार कोई भी व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से व्रत कर के सूर्य देव की उपासना करता है और उन्हें अर्घ्य देता है,तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उसके कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं, सूर्योपासना का यह पावन पर्व छठ लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते है, छठ महापर्व का मुख्य प्रसाद ठेकुआ है।
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