ETV Bharat / state

छठ में लाह लहठी की बढ़ी डिमांड, मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा बनायी लहठी काे पहनती हैं सुहागिन

लहठी महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक मना जाता है. पर्व त्योहार के मौके पर सुहागिन महिलाएं इसका प्रयोग करती हैं. छठ पूजा (Chhath Puja) की तैयारी में लगी महिलाएं इसकी खरीददारी कर रहीं हैं. पर्व त्योहार में सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य के इस प्रतीक लहठी को मुस्लिम परिवार बनाता है.

4
4
author img

By

Published : Oct 26, 2022, 4:25 PM IST

बेतिया: महापर्व छठ के अवसर पर बेतिया में लाह की लहठी की बिक्री बढ़ गई है. पर्व त्योहार में यह लहठी शुभ मानी जाती है. यह लहठी राजस्थान से आये परिवार के कारीगर बनाते हैं. तीन पीढ़ियों से ये परिवार यहीं पर लहठी बनाने का काम करता है. इस लहठी का बाजार बिहार सहित यूपी, महाराष्ट्र सहित विदेशों तक है. छठ पर्व को लेकर लहठी की डिमांड भी बढ़ गई हैं. महिलाएं बढ़ चढ़ कर लहठी की खरीदारी कर रही हैं.

इसे भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री ने गंगा घाटों का किया निरीक्षण, स्टीमर के पीलर से टकराने की घटना के बाद सड़क मार्ग से पहुंचे थे


हाथ से बनायी जातीः लाह से बनी लहठी की खासियत यह है कि यह हाथ से बनायी जाती है. इससे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता है. इस लहठी को खरीदने के लिए पर्व त्योहार में दुकानों में भीड़ हो जाती है. पश्चिमी चंपारण के बेतिया के तीन लालटेन में इसे बनाया जाता है. यह लहठी सौ रुपया से लेकर चार सौ रुपया तक बिकती है. इसमें दुल्हन लहठी भी है.

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja 2022: पटना DM ने किया छठ घाटों का निरीक्षण, सुरक्षा को लेकर दिए आदेश


राजस्थान से आये हैं कारीगरः सबसे खास बात यह है की हिन्दुओं के पर्व त्योहार में सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य के इस प्रतीक लहठी को मुस्लिम परिवार बनाता है. यहां बगहा, बेतिया, यूपी और अन्य जिलों से महिलायें प्रतिदिन आती हैं और लाह की लहठी खरीदकर ले जाती हैं. जुबैदा खातून, मो. रौशन, मो. बबलू बताते हैं कि वो राजस्थान से आये हैं. यहां तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं. ये राजस्थान के झुंझुनू जिला के चिढ़ावा के रहने वाले हैं. ये लोग प्रतिदिन कोयले की आग की लाह पर लहठी तैयार करते हैं.

बेतिया: महापर्व छठ के अवसर पर बेतिया में लाह की लहठी की बिक्री बढ़ गई है. पर्व त्योहार में यह लहठी शुभ मानी जाती है. यह लहठी राजस्थान से आये परिवार के कारीगर बनाते हैं. तीन पीढ़ियों से ये परिवार यहीं पर लहठी बनाने का काम करता है. इस लहठी का बाजार बिहार सहित यूपी, महाराष्ट्र सहित विदेशों तक है. छठ पर्व को लेकर लहठी की डिमांड भी बढ़ गई हैं. महिलाएं बढ़ चढ़ कर लहठी की खरीदारी कर रही हैं.

इसे भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री ने गंगा घाटों का किया निरीक्षण, स्टीमर के पीलर से टकराने की घटना के बाद सड़क मार्ग से पहुंचे थे


हाथ से बनायी जातीः लाह से बनी लहठी की खासियत यह है कि यह हाथ से बनायी जाती है. इससे किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन नहीं होता है. इस लहठी को खरीदने के लिए पर्व त्योहार में दुकानों में भीड़ हो जाती है. पश्चिमी चंपारण के बेतिया के तीन लालटेन में इसे बनाया जाता है. यह लहठी सौ रुपया से लेकर चार सौ रुपया तक बिकती है. इसमें दुल्हन लहठी भी है.

इसे भी पढ़ेंः Chhath Puja 2022: पटना DM ने किया छठ घाटों का निरीक्षण, सुरक्षा को लेकर दिए आदेश


राजस्थान से आये हैं कारीगरः सबसे खास बात यह है की हिन्दुओं के पर्व त्योहार में सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य के इस प्रतीक लहठी को मुस्लिम परिवार बनाता है. यहां बगहा, बेतिया, यूपी और अन्य जिलों से महिलायें प्रतिदिन आती हैं और लाह की लहठी खरीदकर ले जाती हैं. जुबैदा खातून, मो. रौशन, मो. बबलू बताते हैं कि वो राजस्थान से आये हैं. यहां तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं. ये राजस्थान के झुंझुनू जिला के चिढ़ावा के रहने वाले हैं. ये लोग प्रतिदिन कोयले की आग की लाह पर लहठी तैयार करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.