बगहा: बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा में बालिका आवासीय विद्यालय (Girls Residential School in Bagaha) में 70% छात्राएं एनीमिया बीमारी से ग्रसित हो गई हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्र अंतर्गत कन्या आवासीय उच्च विद्यालय कदमहवा (Girls Residential High School Kadamhawa in West Champaran) की तकरीबन 200 छात्राएं एनीमिया से ग्रसित हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बगहा से गई मेडिकल टीम ने यहां पढ़ने वाली छात्राओं की शारीरिक जांच की.
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मेडिकल टीम के डॉक्टर रणवीर सिंह ने बताया है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिलने की वजह से ऐसा हुआ है. दरअसल इस एससी/ एसटी विद्यालय के छात्रावास में रहने वाली 70 फीसदी छात्राएं एनीमिया की शिकार हो गई हैं. लिहाजा मेडिकल टीम ने उन्हें आयरन की सिरप दी है. इसकी सूचना मिलते ही बगहा के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. बगहा एसडीएम ने बताया है कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
अनुसूचित जाति जनजाति कन्या अवासीय विद्यालय कदमहवा के छात्राओं से पूछताछ की गई तो पता चला कि आवासीय विद्यालय में उन्हें पोषणयुक्त भोजन नहीं मिल रहा है. साथ ही उन्हें कभी भी मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिल पाता है. स्कूल की छात्राओं का आरोप है कि मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिलने से उनका पेट नहीं भरता है. अब सवाल उठता है कि सरकार छात्राओं पर खाने पर पौष्टिक भोजन पर लाखों खर्च कर रही है. लेकिन, धरातल पर बच्चे भूखे हैं. पौष्टिक भोजन नहीं मिलने से छात्राओं में खून की कमी हो गई है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
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