बगहा: बिहार के बगहा और उसके आसपास के इलाकों में हुई मूसलाधार बारिश के बाद पहाड़ी नदियां भी अब उफान पर हैं. गण्डक नदी (Gandak River Water Level Rises In Bagaha) का जलस्तर भी काफी तेजी से बढ़ा रहा है. लगातर हो रही बारिश के बाद बगहा से विटीआर जंगल से होकर वाल्मीकिनगर जाने वाली सड़क पर दो फीट पानी लगा हुआ है, जिससे राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं निचले इलाकों में बाढ़ (Flood After Heavy Rain In Bagaha) जैसे हालात बन गए हैं.
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वर्षा से आम जनजीवन प्रभावितः नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रही मूसलाधार वर्षा से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. गण्डक नदी का जलस्तर भी काफी तेजी से बढ़ा है. गण्डक नदी का जलस्तर 3 लाख 80 हजार पहुंच गया था, लेकिन 7 अक्टूबर की सुबह यानी आज गंडक बराज से 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. 24 घंटे में अब तक यहां से 4,40,750 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिससे गण्डक का जलस्तर 361.3 फीट के लेबल को मेंटेन रखा जा रहा है.
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पहाड़ी नदियां भी उफान परः वहीं, दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. यही वजह है कि नौरंगिया थाना अंतर्गत विटीआर जंगल से वाल्मीकिनगर जाने वाली बलजोरा पुल के पास सड़क पर दो फीट पानी लग गया है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश से उफनाई पहाड़ी नदी ने जंगल समेत सड़क को भी जलमग्न कर दिया है. जंगल में पानी लबालब भरा होने के कारण वन्य जीवों पर भी आफत आ पड़ी है.
खेतों में लगी धान की फसलः निचले इलाकों में बारिश का पानी बढ़ने कारण खेतों में लगे धान व गन्ने की फसलें डूब गई हैं. जिससे किसानों को भारी क्षति हुई है. बारिश के साथ तेज हवा के कारण मैदानी इलाकों में भी धान की फसल बर्बाद हो गई है. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों की मानें तो तेज हवा के कारण धान की जो फसल खेतों में गिर गई है, इससे उन्हें काफी क्षति हुई है और इसका असर धान उत्पादन पर भी पड़ेगा.
निचले इलाकों में बाढ़ की संभावनाः वहीं, नेपाल से गण्डक नदी में 2 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना प्रबल हो गई है. लिहाजा लोगों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की चेतावनी भी दी गई है.