प. चंपारण (बगहा): नेपाल में भारी बारिश की वजह से गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इंडो-नेपाल के सीमाई क्षेत्र चकदहवा में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं. लोगोंं ने बांध पर शरण ले रखी है. वहीं, घरों में किसी तरह सुरक्षित रह रहे लोगों के सामने कई तरह की समस्याएं है. इलाके में सोलर प्लांट से होने वाली विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था 6 माह से चरमराई हुई है. लोग अंधेरे में जीने को विवश हैं और जंगली जानवरों व सांपों के निकलने से डरे सहमे हैं.
लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के चकदहवा अंतर्गत दो सोलर प्लांट स्थापित किए गए थे ताकि लोगों के घरों में उजाला रह सके. लेकिन यहां के लोग पिछले छह माह से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. दरअसल इस इलाके के चकदहवा और झंडू टोला में सोलर प्लांट से विद्युत आपूर्ति की जाती है. जिसमें चकदहवा में स्थापित प्लांट में तकनीकी खराबी की वजह से लॉक डाउन के पहले से रात में महज दो घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पाती है.
दूसरा प्लांट हो गया है बिल्कुल खराब
वहीं, झंडू टोला में स्थापित किया गया सोलर प्लांट विगत 6 माह से बिल्कुल खराब है और लोग काफी समय से अंधेरे में रहते आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस दोनों प्लांट से इलाके के सभी गांवों जैसे चकदहवा, बीन टोली, कान्हा टोली, झंडू टोला इत्यादि घरों में बिजली आपूर्ति होती है. लेकिन यह विगत छह माह से खराब है और बाढ़ के समय में भी अंधेरे में गुजर-बसर करना पड़ रहा है.
जंगली जानवरों और विषैले सांपो का भय
दरअसल, यह बाढ़ग्रस्त इलाका विटीआर के जंगल के बीच बसा हुआ है और दूसरे तरफ गण्डक नदी है. शुक्रवार को इस इलाके में बाढ़ का पानी आ गया जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, पानी के साथ जंगली जानवर और विषैले सांप भी बहकर आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि घर-घर बिजली आने से अब लालटेन युग खत्म तो हो गया है लेकिन छह माह से खराब पड़े सोलर प्लांट के कारण बाढ़ के समय में अंधेरे में रहने में डर लगने लगा है.