बेतिया: बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय 'नायक' के अवतार में नजर आए. दरअसल, जिस तरह नायक फिल्म में अभिनेता अनिल कपूर भेष बदलकर गांव जाते हैं. ठीक उसी प्रकार डीजीपी भी बेतिया शहर का भ्रमण करते नजर आए. इस दौरान वो आम आदमी से भी मिले.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को लोग पहचान नहीं पा रहे थे कि वो बिहार पुलिस के मुखिया है. शहर भ्रमण के दौरान उन्होंने कहीं पर खुद को डीएसपी बताया, तो कहीं बक्सर का रहने वाला आदमी. लोगों से मिलते रहे और शहर का हाल जानने की कोशिश करते रहे. शहर में कानून व्यवस्था के क्या हाल है इसकी उन्होंने जमीनी हकीकत जानी.
मास्क लगाना जरूरी- डीजीपी
वहीं, डीजीपी ने सर्किट हाउस के सामने एमजेके कॉलेज के पास बाइक सवारों, जिन्होंने मास्क और हेलमेट नहीं पहना था, उन्हें रोका और उन सभी की क्लास लगाई. इसके साथ ही सभी को मास्क और सड़क सुरक्षा के लिहाज से हेलमेट लगाने की सलाह देते हुए छोड़ा.
आप लोगों को कैसे पता चला- डीजीपी
वहीं, मीडिया को खुद के पास देखते हुए डीजीपी पांडेय ने कहा कि आप लोगों को कैसे पता चला कि मैं यहां हूं. मैं तो अचानक यहां आया हूं. वहीं, उन्होंने बताया कि अगर आप अपने पूरे महकमे के साथ आते हैं, तो आप सच्चाई नहीं जान पाते हैं. मैं अक्सर ही इस तरह से निरीक्षण करने पहुंचता हूं. कभी रात को, तो कभी दिन में बिन बताए.
प्रशासनिक हड़कंप
सुबह-सवेरे शहर भ्रमण पर निकले डीजीपी ने लोगों से मिलकर उन्हें कोरोना संक्रमण के लिए मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दी. इस बीच उन्हें एक सरकारी कर्मचारी चाय की दुकान पर बिना मास्क के साथ मिला. जिसपर डीजीपी पांडेय ने पूछा कि मास्क कहां है, क्या आपको सस्पेंड कर दिया जाए. इसपर कर्मचारी ने माफी मांगते हुए दोबारा बिना मास्क के न घूमने की बात कही. कुल मिलाकर बिहार डीजीपी के शहर में भ्रमण से पूरे अधिकारियों में हड़कंप मच गया और हर कोई ढूंढने के लिए शहर में घूमता रहा.