बगहा: बिहार में मकर संक्रांति का त्योहार काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है. इसे लेकर बगहा में मर्चा चूड़ा की डिमांड बढ़ गई है. पश्चिमी चंपारण जिला में मर्चा धान से बनने वाला चूड़ा काफी सुगंधित और स्वादिष्ट होता है. यहीं वजह है की मर्चा चूड़ा देश-विदेश तक अपनी सुगंध फैला रहा है. मर्चा धान को बिहार में छठे उत्पादन के रूप में जीआई टैग भी दिया गया है.
मकर संक्रांति पर बढ़ी डिमांड: मकर संक्रांति पर्व पर दही चूड़ा और तिलकुट समेत खिचड़ी खाने की परम्परा है. इस पर्व के मौके पर बिहार में दही चूड़ा काफी प्रसिद्ध है, बिना इसके मकर संक्रांति का पर्व अधूरा माना जाता है. लिहाजा बगहा में मर्चा चूड़ा की मांग बढ़ गई है और कुछ खास दुकानों पर इस सुगंधित चूड़े की खूब बिक्री हो रही है. ग्राहकों का कहना है कि मर्चा चूड़ा काफी सुगंधित और स्वादिष्ट होने के साथ साथ सुपाच्य भी होता है.
"यह चंपारण की शान है क्योंकि हाल में ही इसको जी आई टैग मिला है और देश विदेश तक प्रसिद्ध है. यही वजह है की दही चूड़ा खाना हो तो मर्चा चूड़ा का कोई जवाब नहीं है."-मुन्ना सिंह, ग्राहक
क्या है मर्चा चूड़ा की कीमत?: दुकानदार ने पवन टीबड़ीवाल बताया कि "मकर संक्रांति के एक हफ्ता पहले से खरीदारों की भीड़ पहुंच रही है. प्रतिदिन 60 से 70 पैकेट चूड़ा की बिक्री हो रही है." बता दें कि मर्चा चूड़ा का उत्पादन मुख्य रूप से पश्चिमी चंपारण जिला के चनपटिया में होता है. यह 120 से 140 रुपये प्रति किलो के दर से बिकता है. बगहा में लोगों के लिए 4 किलो के पैकेट में चूड़ा उपलब्ध है, जिसकी कीमत 550 रुपये पैकेट है.