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बेतिया: बाघ के हमले से सांभर की मौत, लोगों में दहशत

सरकार ने वाल्मीकिनगर को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया है. इस अभ्यारण्य में बाघों और हिरण की काफी संख्या है. यहां बाघों की संख्या 36 से ऊपर पहुंच गई है.

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Published : Jul 18, 2019, 9:01 PM IST

बेतिया

बेतिया: जिले के वाल्मीकिनगर में एक सांभर(हिरण) मृत पाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ के हमले से इसकी मौत हुई है. वहीं, रिहायशी इलाके में बाघ के हमले से सांभर की मौत के बाद लोगों में दहशत है.

वन विभाग के रेंजर महेश कुमार ने बताया कि मृत सांभर को दफना दिया गया है. ऐसा नहीं किया जाता तो मृत सांभर के शरीर में शिकारी जहरीला पदार्थ लगा देते. सांभर के खाने से बाघ की मौत हो जाती. शिकारियों की वजह से ही इसको दफनाया गया है. वहीं, इसकी मौत की वजहों के जांच के लिए इसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था.

वन विभाग के रेंजर महेश कुमार

वाल्मीकिनगर में काफी है बाघों की संख्या
बता दें कि सरकार ने वाल्मीकिनगर को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया है. इस अभ्यारण्य में बाघों और हिरण की काफी संख्या है. यहां बाघों की संख्या 36 से ऊपर पहुंच गई है. इससे कई बार बाघों के हमले में हिरण और सांभर घायल हो जाते हैं.

बेतिया: जिले के वाल्मीकिनगर में एक सांभर(हिरण) मृत पाया गया है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बाघ के हमले से इसकी मौत हुई है. वहीं, रिहायशी इलाके में बाघ के हमले से सांभर की मौत के बाद लोगों में दहशत है.

वन विभाग के रेंजर महेश कुमार ने बताया कि मृत सांभर को दफना दिया गया है. ऐसा नहीं किया जाता तो मृत सांभर के शरीर में शिकारी जहरीला पदार्थ लगा देते. सांभर के खाने से बाघ की मौत हो जाती. शिकारियों की वजह से ही इसको दफनाया गया है. वहीं, इसकी मौत की वजहों के जांच के लिए इसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था.

वन विभाग के रेंजर महेश कुमार

वाल्मीकिनगर में काफी है बाघों की संख्या
बता दें कि सरकार ने वाल्मीकिनगर को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया है. इस अभ्यारण्य में बाघों और हिरण की काफी संख्या है. यहां बाघों की संख्या 36 से ऊपर पहुंच गई है. इससे कई बार बाघों के हमले में हिरण और सांभर घायल हो जाते हैं.

Intro:वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना अंतर्गत वाल्मीकिनगर के ई टाइप कॉलोनी के नजदीक एक साम्भर मृत हालत में पाया गया। सांभर हिरन के प्रजाति के अंतर्गत आता है। वन कर्मियों का कहना है कि सांभर बाघ के हमले घायल हो गया था, जिसकी देर रात मौत हो गई। मृत साम्भर को वनकर्मियों ने जंगल मे ही दफना दिया।


Body:वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जटाशंकर स्थान जानेवाले मार्ग के निकट एक नर सांभर का शिकार रॉयल बंगाल टाइगर ने कर लिया। बाघ के हमले में घायल साम्भर की देर रात्रि में मौत हो गई। बता दें कि सांभर व स्पॉटेड हिरन विटीआर के जंगल मे बहुतायत संख्या में आसानी से दिख जाते हैं।
वन विभाग के अधिकारी की माने तो साम्भर व हिरण के वजह से हीं विटीआर के वन में बाघों की संख्या 36 से ऊपर पहुच गई है। क्योंकि सांभर व हिरन हीं बाघों के भोजन होते हैं। और इस जंगल मे बाघों को आसानी से उनका निवाला मिल जाता है।
वन विभाग के रेंजर महेश कुमार ने बताया कि मृत सांभर को सूचना मिलते ही दफना दिया गया है। क्योंकि अगर ऐसा नही किया जाता तो शिकारी सांभर के शरीर पर जहरीला पदार्थ लगा देते और बाघ साम्भर को खाने आता तो उसकी मौत हो जाती। शिकारियों के वजह से ही इसको दफनाया गया है। उनका यह भी कहना था कि साफ तौर पर पता चल रहा है कि सांभर को बाघ ने मारा है इसलिए इसका पोस्टमार्टम नही कराया गया।
बाइट - महेश कुमार, रेंजर, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व।



Conclusion:रिहायशी इलाके में हुई साम्भर की मौत और बाघ के आने की सूचना से स्थानीय लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। रिहायशी इलाके में बाघ के उपस्थिति को लेकर लोगों में भय का आलम है।
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