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Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे छात्र सुधाकर के घर पहुंचे SDM, मदद का दिया भरोसा

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Published : Mar 1, 2022, 5:52 PM IST

यूक्रेन में फंसे छात्र सुधाकर के घर पहुंचे एसडीएम और एसडीपीओ ने परिवार के लोगों से मुलाकात की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद की जाएगी. सुधाकर को सही सलामत बेतिया लाया जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट..

बेतिया एसडीएम और एसडीपीओ
बेतिया एसडीएम और एसडीपीओ

बेतियाः रूस का यूक्रेन पर हमला (Russia attack on Ukraine) लगातार तेज होता जा रहा है. इसके चलते कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे (Indian students stuck in Ukraine) हैं. हालांकि वहां से छात्रों की स्वदेश वापसी का सिलसिला चल रहा है लेकिन अभी भारी संख्या में छात्र वहां अटके हुए हैं. उन छात्रों के परिजन भारत सरकार व बिहार सरकार से मदद की लगातार गुहार लगा रहे है. बेतिया के मेडिकल छात्र सुधाकर कुशवाहा भी यूक्रेन में (Bettiah student stuck in Ukraine) फंसे हैं. यूक्रेन से निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. बेतिया में उनके परिवार से एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा और एसडीपीओ कैलाश प्रसाद मिले और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन में फंसे बेटे के लिए परिवार भगवान से कर रहा प्रार्थना, PM मोदी से भी की भावुक अपील

आपको बताएं कि बेतिया के धनहा थाना क्षेत्र के दहवा निवासी परमानंद कुशवाहा का बेटा सुधाकर कुशवाहा जल्द ही अपने वतन लौटेंगे. इसी बीच एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने सुधाकर के स्वजनों से मिलकर हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया है. एसडीएम ने बताया कि दिल्ली के बिहार भवन में रेस्क्यू के लिए पूरी टीम लगी हुई है. यूक्रेन से अपने स्वदेश लौटने वाले सभी विद्यार्थियों को फ्लाइट के द्वारा पटना लाया जा रहा है. पटना के डीएम के द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. सरकार द्वारा कोई भी दिशा निर्देश मिलने पर तत्काल स्वजनों को बताया जाएगा. किसी भी सहायता के लिए स्वजन हमसे संपर्क कर सकते हैं.

सुधाकर के साथ 40 छात्र हंगरी बॉर्डर से जल्द ही अपने स्वदेश लौटेंगे. वे लोग छात्र शनिवार को हॉस्टल से यूक्रेन से रोमानिया व पॉलैंड के लिए बसों का सहारा लेकर रवाना हुए थे. शेष छात्रों के लाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जा रहा है. मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे. रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बच्चों के स्वजनों की सांसें अटकी हुई हैं. सुधाकर ने फोन पर कहा कि इस गंभीर माहौल में यूक्रेन की नार्मल कालिंग सुविधाएं बंद कर दी गई है. जिसके कारण वॉट्सएप कालिंग या चैट हो पा रहा है. सुधाकर ने बताया कि यूक्रेन के लविव ओब्लास्ट शहर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के 170 छात्र पॉलैंड बॉर्डर पर गए थे. पॉलैंड बॉर्डर पर भारतीय एंबेसी द्वारा सहायता नहीं मिलने पर उनका प्रवेश नहीं लिया गया. जिसके बाद पॉलैंड बॉर्डर गए छात्रों की टीम पॉलैंड बॉर्डर से वापस हॉस्टल में आ गए. अब एंबेसी से सहायता मिलने पर उम्मीद जगी है और जल्द ही वे स्वदेश में होंगे.

यूक्रेन में अपने-अपने ठिकाने छोड़कर बार्डर की तरफ निकले छात्रों को मोबाइल चार्ज करने में समस्या आ रही है. ऐसे में छात्र बीच-बीच में अपना मोबाइल बंद कर रहे हैं. छात्रों के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप संचालित किया जा रहा है. उस ग्रुप में बॉर्डर पर पहुंचे छात्रों के स्वजनों को शामिल किया गया है. जब किसी से बात करनी होती है तभी मोबाइल ऑन करते हैं. व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा पल-पल की अपडेट अपने स्वजनों को दिया जा रहा है.

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बेतियाः रूस का यूक्रेन पर हमला (Russia attack on Ukraine) लगातार तेज होता जा रहा है. इसके चलते कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे (Indian students stuck in Ukraine) हैं. हालांकि वहां से छात्रों की स्वदेश वापसी का सिलसिला चल रहा है लेकिन अभी भारी संख्या में छात्र वहां अटके हुए हैं. उन छात्रों के परिजन भारत सरकार व बिहार सरकार से मदद की लगातार गुहार लगा रहे है. बेतिया के मेडिकल छात्र सुधाकर कुशवाहा भी यूक्रेन में (Bettiah student stuck in Ukraine) फंसे हैं. यूक्रेन से निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. बेतिया में उनके परिवार से एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा और एसडीपीओ कैलाश प्रसाद मिले और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

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आपको बताएं कि बेतिया के धनहा थाना क्षेत्र के दहवा निवासी परमानंद कुशवाहा का बेटा सुधाकर कुशवाहा जल्द ही अपने वतन लौटेंगे. इसी बीच एसडीएम दीपक कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने सुधाकर के स्वजनों से मिलकर हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया है. एसडीएम ने बताया कि दिल्ली के बिहार भवन में रेस्क्यू के लिए पूरी टीम लगी हुई है. यूक्रेन से अपने स्वदेश लौटने वाले सभी विद्यार्थियों को फ्लाइट के द्वारा पटना लाया जा रहा है. पटना के डीएम के द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. सरकार द्वारा कोई भी दिशा निर्देश मिलने पर तत्काल स्वजनों को बताया जाएगा. किसी भी सहायता के लिए स्वजन हमसे संपर्क कर सकते हैं.

सुधाकर के साथ 40 छात्र हंगरी बॉर्डर से जल्द ही अपने स्वदेश लौटेंगे. वे लोग छात्र शनिवार को हॉस्टल से यूक्रेन से रोमानिया व पॉलैंड के लिए बसों का सहारा लेकर रवाना हुए थे. शेष छात्रों के लाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किया जा रहा है. मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे. रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर बच्चों के स्वजनों की सांसें अटकी हुई हैं. सुधाकर ने फोन पर कहा कि इस गंभीर माहौल में यूक्रेन की नार्मल कालिंग सुविधाएं बंद कर दी गई है. जिसके कारण वॉट्सएप कालिंग या चैट हो पा रहा है. सुधाकर ने बताया कि यूक्रेन के लविव ओब्लास्ट शहर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल के 170 छात्र पॉलैंड बॉर्डर पर गए थे. पॉलैंड बॉर्डर पर भारतीय एंबेसी द्वारा सहायता नहीं मिलने पर उनका प्रवेश नहीं लिया गया. जिसके बाद पॉलैंड बॉर्डर गए छात्रों की टीम पॉलैंड बॉर्डर से वापस हॉस्टल में आ गए. अब एंबेसी से सहायता मिलने पर उम्मीद जगी है और जल्द ही वे स्वदेश में होंगे.

यूक्रेन में अपने-अपने ठिकाने छोड़कर बार्डर की तरफ निकले छात्रों को मोबाइल चार्ज करने में समस्या आ रही है. ऐसे में छात्र बीच-बीच में अपना मोबाइल बंद कर रहे हैं. छात्रों के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप संचालित किया जा रहा है. उस ग्रुप में बॉर्डर पर पहुंचे छात्रों के स्वजनों को शामिल किया गया है. जब किसी से बात करनी होती है तभी मोबाइल ऑन करते हैं. व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा पल-पल की अपडेट अपने स्वजनों को दिया जा रहा है.

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