बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले में पिपरासी, मधुबनी, भितहा और ठकराहा क्षेत्र में गंडक नदी के साथ अन्य छोटी नदियों कहर लगातार किसानों पर जारी है. बाढ़ से तबाही के बाद बाढ़ खत्म होने के बाद भी कटाव ने किसानों की नीद उड़ा दी है. गंडक के दियारावर्ती क्षेत्र के साथ रिहायशी क्षेत्र में बहने वाली बांसी नदी के कहर से जिले के कई प्रखंड में सैकडों एकड़ जमीन नदी में बह गई है. वहीं, रिहायशी क्षेत्र भी नदी की जद में आने लगी है.
किसानों की कई एकड़ फसल नदी में विलीन
उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित करने वाली बांसी नदी के कहर के कारण बरवा पंचायत के दर्जनों किसानों की दर्जनों एकड़ फसल नदी में विलीन हो चुकी है. ग्रामीण प्रमोद कुमार गुप्ता, गोपाल पासवान घर, भरन माझी, राजमन साह, महेंद्र चौहान मन्नू निसाद, बीरेंद्र तिवारी, अजय तिवारी, देवी तिवारी, देवकी तीवारी सहित दर्जनों ग्रमीण इस कहर से परेशान हैं. किसानों ने बताया कि बांसी नदी में बने पुल के पश्चिम सरेह से लेकर बैरा बिन टोली के पूरब सरेह तक नदी कटाव कर रही है.
प्रिंसिपल ने दिया बीईओ को आवेदन
नदी के कटाव को देखते हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक मोतीलाल गुप्ता की ओर से एक लिखित आवेदन प्रखंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है. प्रधान शिक्षक ने बताया कि विद्यालय परिसर से कटाव स्थल की दूरी मात्र 30 मीटर ही बची हुई है. पंचायत के मुखिया सिकंदर यादव ने बताया कि बांसी नदी से लगातार कटाव किया जा रहा है. जिससे पंचायत के दर्जनों ग्रामीणों की फसलें और जमीन नदी में विलीन हो चुका है. विद्यालय का अस्तित्व भी खतरे में है. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी प्रखंड विकास अधिकारी को भी दी गई है.