पश्चिमी चंपारण: जिले के बगहा 2 प्रखंड स्थित वाल्मीकिनगर का मवेशी अस्पताल का हाल खस्ता हो चुका है. यह अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. दशकों से इस अस्पताल के जर्जर स्थिति को ठीक नहीं किया गया है. जिससे भवन का अब नामोनिशान मिटता जा रहा है. सरकार की उदासीनता से यहां नया मवेशी अस्पताल नहीं बन सका है.
नहीं हैं मवेशी के डॉक्टर
इस अस्पताल में मवेशियों के लिए एक भी डॉक्टर नहीं है. यहां का चपरासी ही बीमार मवेशियों का इलाज करता है. अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि यहां न तो दवाईयां रखने की जगह है और न ही डॉक्टरों के बैठने की कोई जगह है. चपरासी के भरोसे यह अस्पताल चल रहा है.
चपरासी करते हैं देख-रेख
वेटनरी अस्पताल में पदस्थापित चपरासी प्रयाग कुमार ने बताया कि यहां की सभी दवाईयां वे अपने पास रखते हैं. जिनको जरुरत होता है, वो खुद आकर ले जाते हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालक अस्पताल नहीं होने के वजह से परेशानी होती है. सरकार की उदासीनता की वजह से मवेशी पालक निजी डिस्पेंसरियों के भरोसे हैं.