पश्चिम चंपारण (बगहा) : इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmikinagar Gandak Barrage) से 3 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा (Water Released From Gandak Barrage) गया है. जिसके बाद निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंडक बराज पर तैनात जलसंसाधन विभाग के अधिकारी टीम बनाकर 24 घंटे फाटकों की निगरानी कर रहे हैं.
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बाढ़ की संभावना प्रवल : नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई वर्षा (Heavy Rain In Nepal) के बाद काली गंडकी उफना गयी गै. यही वजह है कि मंगलवार को गंडक नदी का जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार कर गया. गंडक नदी में वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 3 लाख 17 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जो अगले कुछ घंटों में निचले इलाकों में तबाही मचा सकती है. नारायणी गंडक नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. यही कारण है कि नदी में भारी उफान के साथ बाढ़ की संभावना तेज हो गई है.
स्थिति को देखते हुए प्रशासन सजग : नेपाल सीमा पर सुस्ता के चकदहवा समेत गंडक दियारा के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने की भी आशंका जताई जा रही है. तो वहीं शहर के मंगलपुर कालीघाट, कैलाशनगर, दीनदयाल नगर समेत रत्नमाला में बाढ़ पूर्व नदी तट पर बोल्डर पिचिंग और एंटी रोजन कार्य मजबूती से कराए जाने के बाद भी प्रशासन सजग है.
नावों के परिचालन पर फिलहाल रोक : गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के 36 फाटकों समेत बांध और तटबंधों की सतत निगरानी की जा रही है. इसके अलावा नदी में नावों के परिचालन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ जिला प्रशासन की ओर से पल-पल नदी की धारा और पानी के तेज बहाव पर नजर रखी जा रही है.
''हमलोग 24 घंटे अलर्ट हैं. बराज की सुरक्षा के लिए हमें यहां तैनात किया गया है. हम अपनी पूरी टीम के साथ नजर बनाए हुए हैं. दिन में दो बार और रात में दो पार पैदल चलकर बराज का मुआयना करते हैं. कहीं कोई समस्या तो नहीं है. बारिकी से सभी को देखते हैं.''- सुबोध कुमार, कार्यपालक अभियंता, जलसंसाधन विभाग