वैशाली: बिहार के वैशाली में वैसे तो विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले की पहचान पशु मेले (Cattle Fair In Sonpur Mela) के रूप में विख्यात है. लेकिन यहां के लगने वाले थिएटर और बाजार सहित सरकारी और गैर सरकारी प्रदर्शनी भी लोगों को आकर्षित करती हैं. हर तरह के, हर तबके के लोग अपनी चाहत के साथ मेला घूमने आते हैं. कोई सामान खरीदता है तो कोई झूला झूलता है, कोई प्रदर्शनी देखता है, कोई कृषि और पशुपालन की जानकारी लेता है, तो कोई थिएटर में रात भर बार बालाओं को देख कर अपनी आंखें सेकता है. बीते 2 वर्षों में मेला नहीं लगने से थिएटर भी नहीं लगा था. लेकिन इस बार तीन थिएटर मेला (Theater Will Be Held In Sonpur Mela) में लगेंगे. इस बात की जानकारी सोनपुर एसडीएम ने दी है.
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सोनपुर मेला में 3 थिएटर लगाने की इजाजत : दो साल बाद इस बार सोनपुर मेला लग रहा है और थिएटर देखने के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी भी है, कि प्रशासन की ओर से तत्काल 3 थिएटरों को चलाने की अनुमति दे दी गई है. जिनके पंडाल कार्य पूर्ण होते ही लाइसेंस दे दिया जाएगा. सोनपुर के एसडीएम सुनील कुमार ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में 3 थिएटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देख-रेख में थिएटरों का संचालन होगा. प्रशासनिक मंजूरी मिलते ही थिएटर चलाने वाले और देखने वालों में खुशी की लहर दौड़ गई है.
थिएटरों में लोगों की उमड़ती है भीड़ : बताते चलें कि आजादी के पहले से ही सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला में नाच गाना के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता रहा है. वहीं, अब बदलकर बीते 3 दशकों से थिएटर के रूप में विकसित हो गया है. जानकार बताते हैं कि पहले हाथी, घोड़ा और मवेशियों को खरीदने के लिए दूर-दराज से लोग आते थे, जिनके मनोरंजन के लिए नृत्य का कार्यक्रम होता था. समय के साथ इस कार्यक्रम ने भी रूप बदला और तेज धुन में अश्लील डांस ने जगह ले लिया.
थिएटर में होता है अश्लिल डांस : 2019 में जब मेला लगा था तब यहां आधे दर्जन से ज्यादा थिएटर लगे थे. हालांकि थिएटरों में अश्लीलता नहीं हो इसके लिए प्रशासन की ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं. इसके बावजूद वह सब कुछ चलता रहता है जिसके लिए आधुनिक थिएटर सोनपुर का प्रसिद्ध है. आप थिएटर के पुराने वीडियो को देखकर अनुमान लगा सकते हैं, कि किस तरीके से थिएटर में क्या कुछ होता है. कैसे बार बालाएं ठुमके लगाती हैं, कैसे इशारों से लोगों को करीब बुलाया जाता है, कैसे उनसे पैसे और अन्य सामान लिए जाते हैं?.
'सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में 3 थिएटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देखरेख में थिएटरों का संचालन होगा' - सुनील कुमार, एसडीएम, सोनपुर
दो साल से कोरोना के चलते नहीं लगा था थिएटर : हालांकि बदलते दौर में लोगों का यहां तक कहना है कि थिएटर से ज्यादा अश्लीलता तो मोबाइल, टीवी और फिल्मों में होती है. लेकिन अब उन्हें कौन समझाए कि पर्दे की अश्लीलता का इतना फर्क नहीं पड़ता है, जितना सीधी आंखों से देखी जा रही तस्वीरें लोगों पर असर डालती हैं. अब थियेटर तो लगाने की परंपरा है तो लगेगी. अश्लीलता फैलाने का इरादा है तो फैलेगा ही. बहाने भी हैं, जिनको बनाया जाएगा और बदस्तूर रातें जवां होती रहेंगी. गौरतलब है कि सोनपुर मेले की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. रविवार यानी 6 नवंबर से इस मेले का विधिवत रूप से उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) करेंगे. मेले के उद्घाटन को लेकर पर्यटन विभाग और सारण जिला प्रशासन के द्वारा आकर्षक आमंत्रण पत्र जारी किया गया है. जिसमें हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का गौरवशाली इतिहास भी अंकित किया गया है.