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शाहनवाज हुसैन की छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील, बोले- 'अग्निपथ स्कीम समझने में हुई गलतफहमी' - शाहनवाज हुसैन ने की अग्निपथ प्रदर्शनकारियों से अपील

अग्निपथ योजना (Agnipath recruitment scheme) पर हो रहे बवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Bjp Spokesperson Shahnawaz hussain) ने प्रदर्शनकारी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जनता के हित में स्कीम लाते हैं. इस स्कीम को समझने में गलतफहमी हुई है.

Agnipath recruitment scheme
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Published : Jun 16, 2022, 6:13 PM IST

वैशाली: बिहार में केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ लगातार दूसरे दिन विरोध-प्रदर्शन (Agnipath Scheme Agitation) जारी रहा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग (Violence Over Agnipath Scheme In Bihar) लगा दी और पथराव किया. इस पर उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Minister Shahnawaz Hussain) ने कहा कि कहीं से भी हिंसा देशहित में नहीं है. आंदोलन प्रदर्शन का हक सबको है लेकिन हिंसा से बचना चाहिए. शाहनवाज हुसैन ने अग्निपथ भर्ती मामले में उग्र आंदोलन कर रहे छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील (Shahnawaz Hussain Appeals To Agnipath Protesters ) की है.

पढ़ें- 'अग्निपथ' पर बिहार में दूसरे दिन भी बवाल, बक्सर में रेलवे ट्रैक पर आगजनी, बाल-बाल बचे पैसेंजर

शाहनवाज हुसैन ने की अपील: शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमारी नौजवानों से अपील है कि यह योजना आपके हित में है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि पारा मिलिट्री फोर्स में प्राथमिकता दी जाएगी. नौजवानों से अपील है कि गलतफहमी में ना आएं. पीएम नरेंद्र मोदी जो भी स्कीम लाते हैं वह आपके हित में लाते हैं. इस स्कीम से जो भी गलतफहमी हुई है उसे हम दूर कर रहे हैं. 4 साल में सेना से निकाल दिया जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि नौजवानों को पारा मिलिट्री फोर्स में सबसे ऊपर प्राथमिकता दी जाएगी.

"प्रदर्शनकारी छोटे बच्चे हैं. हमारी अपील है कि इस स्कीम को समझिए. सरकार ने पहले ही कहा है कि हम पारा मिलिट्री फोर्स में पूरी प्राथमिकता उनको देने वाले हैं. उस ट्रेनिंग का लाभ उनको सीधा होगा. हमारे पास सेना के बाद पारा मिलिट्री फोर्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ,आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ में इन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी."- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार

अमित शाह ने किया ऐलान: थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था भर्ती का ऐलानः बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्‍न‍िवीरों के लिए अग्‍न‍िपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार को बिहार में प्रदर्शन शुरू हो गया. और आज़ दूसरे दिन भी छात्र रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है।14 जून को इस योजना की गई थी शुरुवातकेंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है. जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है. इस योजना से नाराज छात्रों का कहना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

सेना बहाली से टीओटी हटाने की मांगः विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है. हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे. चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती कर लिया जाए. बाकी 75% का क्या होगा. ये कहां का न्याय है. वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है. उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए.


पुरुष और महिला दोनों की होगी भर्तीः बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं. अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा.

ऐसे होगा वेतन का भुगतानः भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुवात की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है.


पढ़ें- Agnipath Scheme: आखिर क्यों हो रहा है इस योजना का विरोध, क्या है छात्रों की मांग


वैशाली: बिहार में केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ लगातार दूसरे दिन विरोध-प्रदर्शन (Agnipath Scheme Agitation) जारी रहा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग (Violence Over Agnipath Scheme In Bihar) लगा दी और पथराव किया. इस पर उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Minister Shahnawaz Hussain) ने कहा कि कहीं से भी हिंसा देशहित में नहीं है. आंदोलन प्रदर्शन का हक सबको है लेकिन हिंसा से बचना चाहिए. शाहनवाज हुसैन ने अग्निपथ भर्ती मामले में उग्र आंदोलन कर रहे छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील (Shahnawaz Hussain Appeals To Agnipath Protesters ) की है.

पढ़ें- 'अग्निपथ' पर बिहार में दूसरे दिन भी बवाल, बक्सर में रेलवे ट्रैक पर आगजनी, बाल-बाल बचे पैसेंजर

शाहनवाज हुसैन ने की अपील: शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमारी नौजवानों से अपील है कि यह योजना आपके हित में है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि पारा मिलिट्री फोर्स में प्राथमिकता दी जाएगी. नौजवानों से अपील है कि गलतफहमी में ना आएं. पीएम नरेंद्र मोदी जो भी स्कीम लाते हैं वह आपके हित में लाते हैं. इस स्कीम से जो भी गलतफहमी हुई है उसे हम दूर कर रहे हैं. 4 साल में सेना से निकाल दिया जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि नौजवानों को पारा मिलिट्री फोर्स में सबसे ऊपर प्राथमिकता दी जाएगी.

"प्रदर्शनकारी छोटे बच्चे हैं. हमारी अपील है कि इस स्कीम को समझिए. सरकार ने पहले ही कहा है कि हम पारा मिलिट्री फोर्स में पूरी प्राथमिकता उनको देने वाले हैं. उस ट्रेनिंग का लाभ उनको सीधा होगा. हमारे पास सेना के बाद पारा मिलिट्री फोर्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ,आईटीबीपी, एसएसबी और सीआईएसएफ में इन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी."- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार

अमित शाह ने किया ऐलान: थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था भर्ती का ऐलानः बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्‍न‍िवीरों के लिए अग्‍न‍िपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार को बिहार में प्रदर्शन शुरू हो गया. और आज़ दूसरे दिन भी छात्र रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है।14 जून को इस योजना की गई थी शुरुवातकेंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है. जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है. इस योजना से नाराज छात्रों का कहना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी.

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

सेना बहाली से टीओटी हटाने की मांगः विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को 5 साल का समय मिलता है. हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे. चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती कर लिया जाए. बाकी 75% का क्या होगा. ये कहां का न्याय है. वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है. उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए.


पुरुष और महिला दोनों की होगी भर्तीः बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा. 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं. वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे. 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं. अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा.

ऐसे होगा वेतन का भुगतानः भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुवात की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है.


पढ़ें- Agnipath Scheme: आखिर क्यों हो रहा है इस योजना का विरोध, क्या है छात्रों की मांग


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