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विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला संपन्न, लेकिन अभी एक महीने और बिकेंगे कश्मीर के गर्म कपड़े

विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला समाप्त हो गया है. यहां से सारे सरकारी कार्यक्रम, गायकों और कई हस्तियों के कार्यक्रम अब नहीं होंगे. हालांकि कई व्यापारियों द्वारा लाए गर्म कपड़े समेत और भी कई सामान यहां पर बिक्री जारी रहेगी. पढ़ें पूरी खबर...

सोनपुर मेला
सोनपुर मेला
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Published : Dec 8, 2022, 9:03 AM IST

वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला संपन्न (End Of Sonepur Mela In Vaishali) हो गया है. यहां कश्मीर से व्यापारियों की बड़ी टोली गर्म कपड़े लेकर आती है. इस मेले की समाप्ति के बाद भी कई व्यापारी एक महीने और रहकर अपना व्यवसायी करते हैं. सोनपुर मेले में कई लोगों के लिए शौकीन वाले गर्म कपड़े कश्मीर (Kasmiri Warm Clothes In Sonepur) से बनाकर लाया जाता है. यहां कश्मीर से लाए गर्म कपड़ों से सोनपुर के बाजार को सजाने की प्रथा आजादी के पहले की चली आ रही है.



पढ़ें-हरिहर क्षेत्र मेला का ऐसा खिलौना, जो सिर्फ यहीं मिलता है, जानिये घिरनी और सीटी की अद्भुत कहानी

सोनपुर मेला समाप्त: दरअसल विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 1 महीने के लिए लगाया जाता है. इस मेले का आयोजन नवंबर से शुरू होकर 7 दिसंबर 2022 को खत्म कर दिया गया है. इसके बावजूद यह मेला 7 दिसंबर को खत्म नहीं होगा. यहां मेले की रौनक कम जरुर हो जाएगी, थिएटर बंद हो जाते हैं, सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन समाप्त कर दिया जाता है. यहां दिखाए जाने वाले प्रदर्शनी बंद हो जाते हैं. इसके बावजूद मेला चलता रहता है. यहां की प्रसिद्ध मियां मिठाई, कश्मीरी बाजार, लकड़ी बाजार, लोहा बाजार, कई सारे मीना बाजार सहित लोगों का डिमांड पर कई और बाजार सुचारु रुप से जारी रहता है. हालांकि, यहां की बाजार में सबसे महत्वपूर्ण कश्मीरी बाजार को माना जाता है. क्योंकि कई व्यापारियों के द्वारा यहां पर गर्म कपड़े का दुकान सजाया जाता है. इन दुकानों में गर्म कपड़े बेचे जाते हैं. यहां दुकानों की वैरायटी भी अलग-अलग होती है. किसी दुकान में चादर, शॉल और ऊनी कपड़े बिकते है. कई दुकानों में लेदर के जैकेट, टोपी, दस्ताने और फर वाले जैकेट आदि बेचे जाते हैं.

कश्मीरी कपड़ों की खासी बिक्री: बताया जाता है कि मेला जरूर बिहार के सोनपुर में लगता है लेकिन इसकी तैयारी काफी पहले से कश्मीर में की जाती है. सोनपुर मेले में आने वाले लोगों के लिए खास तौर से गर्म कपड़े बनाए जाते हैं. उनके पसंद के ही डिजाइन दिए जाते हैं और ज्यादातर गर्म कपड़े हाथों से बनाए होते हैं. इसलिए इसकी तैयारी मेला शुरू होने के काफी पहले से शुरू हो जाती है.

माना जाता है कि कई दशक पहले से कश्मीरी बाजार सोनपुर मेले की शान रहा है. यहां स्थानीय लोग भी कश्मीरी बाजार को खास तवज्जो देते हैं. बता दें, कि सोनपुर में कश्मीर से आए लोगों की अच्छी मेहमानवाजी की जाती है. इनलोगों के लिए अपेक्षाकृत कम दर में स्थान भी उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही स्थानीय लोग द्वारा कश्मीर से आए व्यापारियों का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है. सोनपुर मेले में आने वाले कश्मीरी व्यापारियों की स्थानीय लोग बाट जोहते हैं. बताया जाता है कि 50 रुपए से लेकर लाखों रुपये तक के गर्म कपड़े कश्मीरी बाजार में मिलते हैं. यहां सोनपुर मेले के कश्मीरी बाजार में 50 रुपए की टोपी और दस्ताना की बिक्री होती है. वहीं 1 लाख रुपए तक के पश्मीना की चादरें भी बेची जाती है.

20 सालों से करते हैं सोनपुर में व्यापार: कश्मीरी व्यापारी जावेद अहमद बताते हैं कि हम लोग 20 सालों से कश्मीर से सोनपुर आ रहे हैं. यहां लेदर जैकेट, स्वेटर, कोर्ट, कश्मीरी कपडे, बच्चों के स्वेटर, जैकेट, गर्म सामान लाते हैं. जिसकी बिक्री बिहार में बहुत हो जाती है. यहां पर सरकारी मेला 30 दिन का होता है लेकिन हम लोग एक महीना और रहकर कई सामानों को बेचते हैं. इसके बाद एक और कश्मीरी व्यवसाई मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि सोनपुर में बिल्कुल कश्मीर की तरह अपने घर जैसा लगता है. यहां के लोगों के लिए खास तौर से हाथों से बनाई हुई सामानों को लाते हैं. जिसकी तैयारी हमलोग 6 महीने पहले से ही करते हैं. जिसे यहां के लोग खूब पसंद करते हैं. वहीं ग्राहक शंभू कुमार और मुन्नी देवी का कहना है कि इनके सामानों की क्वालिटी अच्छी रहती है. इसलिए यहां से सामान खरीद कर ले जाते हैं.

"हम लोग 20 सालों से कश्मीर से सोनपुर आ रहे हैं लेदर जैकेट, स्वेटर, कोट, कश्मीरी कपड़े, बच्चों के स्वेटर, जैकेट, गर्म सामान लाते हैं जो इधर बिकता है. सरकारी मेला 30 दिन का है लेकिन हम लोग एक महीना और रहते हैं" - जावेद अहमद, श्रीनगर


"ये लोग कश्मीर से आए हुए हैं और हम लोग इनका जो कश्मीरी उलन कपड़े लाए हैं वही हम लोग देखने आए हैं उसमें क्या क्वालिटी है क्या रेट है. क्वालिटी तो अच्छी है लेदर जैकेट वगैरह सब ठीक है. सामान भी बढ़िया है दूसरे का बनिस्पद तो अच्छा है. हम यहां से बराबर ले जाते है" - शंभू कुमार, हाजीपुर

"यह तो कश्मीर की दुकान है, वहीं से मार्केटिंग करते हैं. यहां से स्टॉल साड़ी सब अच्छा मिलता है यहां से खासकर कश्मीरी साल. यह लोग कश्मीर से आते हैं इनलोगो का दुकान बहुत अच्छा है. सामान भी है बहुत ओरिजिनल मिलता है" - मुन्नी सिंह

पढ़ें- सोनपुर मेले में डुप्लीकेट सितारों का जलवा, जूनियर जॉनी लीवर ने मचाया धमाल


वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला संपन्न (End Of Sonepur Mela In Vaishali) हो गया है. यहां कश्मीर से व्यापारियों की बड़ी टोली गर्म कपड़े लेकर आती है. इस मेले की समाप्ति के बाद भी कई व्यापारी एक महीने और रहकर अपना व्यवसायी करते हैं. सोनपुर मेले में कई लोगों के लिए शौकीन वाले गर्म कपड़े कश्मीर (Kasmiri Warm Clothes In Sonepur) से बनाकर लाया जाता है. यहां कश्मीर से लाए गर्म कपड़ों से सोनपुर के बाजार को सजाने की प्रथा आजादी के पहले की चली आ रही है.



पढ़ें-हरिहर क्षेत्र मेला का ऐसा खिलौना, जो सिर्फ यहीं मिलता है, जानिये घिरनी और सीटी की अद्भुत कहानी

सोनपुर मेला समाप्त: दरअसल विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला 1 महीने के लिए लगाया जाता है. इस मेले का आयोजन नवंबर से शुरू होकर 7 दिसंबर 2022 को खत्म कर दिया गया है. इसके बावजूद यह मेला 7 दिसंबर को खत्म नहीं होगा. यहां मेले की रौनक कम जरुर हो जाएगी, थिएटर बंद हो जाते हैं, सरकारी कार्यक्रमों का आयोजन समाप्त कर दिया जाता है. यहां दिखाए जाने वाले प्रदर्शनी बंद हो जाते हैं. इसके बावजूद मेला चलता रहता है. यहां की प्रसिद्ध मियां मिठाई, कश्मीरी बाजार, लकड़ी बाजार, लोहा बाजार, कई सारे मीना बाजार सहित लोगों का डिमांड पर कई और बाजार सुचारु रुप से जारी रहता है. हालांकि, यहां की बाजार में सबसे महत्वपूर्ण कश्मीरी बाजार को माना जाता है. क्योंकि कई व्यापारियों के द्वारा यहां पर गर्म कपड़े का दुकान सजाया जाता है. इन दुकानों में गर्म कपड़े बेचे जाते हैं. यहां दुकानों की वैरायटी भी अलग-अलग होती है. किसी दुकान में चादर, शॉल और ऊनी कपड़े बिकते है. कई दुकानों में लेदर के जैकेट, टोपी, दस्ताने और फर वाले जैकेट आदि बेचे जाते हैं.

कश्मीरी कपड़ों की खासी बिक्री: बताया जाता है कि मेला जरूर बिहार के सोनपुर में लगता है लेकिन इसकी तैयारी काफी पहले से कश्मीर में की जाती है. सोनपुर मेले में आने वाले लोगों के लिए खास तौर से गर्म कपड़े बनाए जाते हैं. उनके पसंद के ही डिजाइन दिए जाते हैं और ज्यादातर गर्म कपड़े हाथों से बनाए होते हैं. इसलिए इसकी तैयारी मेला शुरू होने के काफी पहले से शुरू हो जाती है.

माना जाता है कि कई दशक पहले से कश्मीरी बाजार सोनपुर मेले की शान रहा है. यहां स्थानीय लोग भी कश्मीरी बाजार को खास तवज्जो देते हैं. बता दें, कि सोनपुर में कश्मीर से आए लोगों की अच्छी मेहमानवाजी की जाती है. इनलोगों के लिए अपेक्षाकृत कम दर में स्थान भी उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही स्थानीय लोग द्वारा कश्मीर से आए व्यापारियों का खासतौर पर ख्याल रखा जाता है. सोनपुर मेले में आने वाले कश्मीरी व्यापारियों की स्थानीय लोग बाट जोहते हैं. बताया जाता है कि 50 रुपए से लेकर लाखों रुपये तक के गर्म कपड़े कश्मीरी बाजार में मिलते हैं. यहां सोनपुर मेले के कश्मीरी बाजार में 50 रुपए की टोपी और दस्ताना की बिक्री होती है. वहीं 1 लाख रुपए तक के पश्मीना की चादरें भी बेची जाती है.

20 सालों से करते हैं सोनपुर में व्यापार: कश्मीरी व्यापारी जावेद अहमद बताते हैं कि हम लोग 20 सालों से कश्मीर से सोनपुर आ रहे हैं. यहां लेदर जैकेट, स्वेटर, कोर्ट, कश्मीरी कपडे, बच्चों के स्वेटर, जैकेट, गर्म सामान लाते हैं. जिसकी बिक्री बिहार में बहुत हो जाती है. यहां पर सरकारी मेला 30 दिन का होता है लेकिन हम लोग एक महीना और रहकर कई सामानों को बेचते हैं. इसके बाद एक और कश्मीरी व्यवसाई मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि सोनपुर में बिल्कुल कश्मीर की तरह अपने घर जैसा लगता है. यहां के लोगों के लिए खास तौर से हाथों से बनाई हुई सामानों को लाते हैं. जिसकी तैयारी हमलोग 6 महीने पहले से ही करते हैं. जिसे यहां के लोग खूब पसंद करते हैं. वहीं ग्राहक शंभू कुमार और मुन्नी देवी का कहना है कि इनके सामानों की क्वालिटी अच्छी रहती है. इसलिए यहां से सामान खरीद कर ले जाते हैं.

"हम लोग 20 सालों से कश्मीर से सोनपुर आ रहे हैं लेदर जैकेट, स्वेटर, कोट, कश्मीरी कपड़े, बच्चों के स्वेटर, जैकेट, गर्म सामान लाते हैं जो इधर बिकता है. सरकारी मेला 30 दिन का है लेकिन हम लोग एक महीना और रहते हैं" - जावेद अहमद, श्रीनगर


"ये लोग कश्मीर से आए हुए हैं और हम लोग इनका जो कश्मीरी उलन कपड़े लाए हैं वही हम लोग देखने आए हैं उसमें क्या क्वालिटी है क्या रेट है. क्वालिटी तो अच्छी है लेदर जैकेट वगैरह सब ठीक है. सामान भी बढ़िया है दूसरे का बनिस्पद तो अच्छा है. हम यहां से बराबर ले जाते है" - शंभू कुमार, हाजीपुर

"यह तो कश्मीर की दुकान है, वहीं से मार्केटिंग करते हैं. यहां से स्टॉल साड़ी सब अच्छा मिलता है यहां से खासकर कश्मीरी साल. यह लोग कश्मीर से आते हैं इनलोगो का दुकान बहुत अच्छा है. सामान भी है बहुत ओरिजिनल मिलता है" - मुन्नी सिंह

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