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Samadhan Yatra: लोग बोले- 'हमने तो CM को देखा ही नहीं.. आए और चले गए'.. ऐसे में कैसे होगा समाधान? - Etv Bharat Bihar

बिहार के सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा (CM Nitish Kumar Samadhan Yatra) के लिए वैशाली पहुंचे. मुख्यमंत्री से नहीं मिलने देने पर लेकिन लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई. कहा कि हमलोगों ने मुख्यमंत्री को देखा ही नहीं. वे आए और चले गए. उनके आगे पीछे अधिकारी और नेता जुटे थे जिस वजह से उनका चेहरा भी नहीं देखें. जानिए लोगों ने क्या कहा ?

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Published : Jan 8, 2023, 4:06 PM IST

Updated : Jan 8, 2023, 4:33 PM IST

सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर लोगों की राय

वैशालीः बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लगातार समाधान यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान सोमवार को सीएम वैशाली पहुंचे थे. सीएम से मिलने के लिए लोग इंतजार करते रहे लेकिन वे नहीं मिल पाए. सीएम आए और चले गए. किसी को पता भी नहीं चला. एक नाराज महिला ने कहा कि सीएम समाधान यात्रा करने आए हैं लेकिन जब समस्या ही नहीं जानेंगे तो समाधान क्या करेंगे. उनके आगे पीछे इतने अधिकारी और नेता रहते हैं कि कोई उनका चेहरा भी नहीं देख पाता है. हमलोगों ने सीएम को नहीं देखा. सीएम के बदले सिर्फ भीड़ दिखी.

यह भी पढ़ेंः समाधान यात्रा पर सिवान पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, जीविका दीदी से मुलाकात के बाद की कार्यों की समीक्षा

समस्या ही नहीं सुनेंगे तो समाधान क्या करेंगेः लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री नेताओं से ढके हुए थे. गली में घर होने के कारण वे वहां नहीं गए. जब तक हमलोग आए तब तक वे चले गए. कुछ लोगों ने कहा कि सिर्फ साईकिल देने से काम नहीं चलेगा. रोजगार के लिए रुपए चाहिए. जीविका समूह के महिलाओं ने कहा कि यहां किसी को लाभ मिलता है किसी को नहीं मिलता है. सबसे बड़ी बात है कि सीएम जब लोगों की समस्या ही नहीं सुनेंगे तो समाधान क्या करेंगे. कोई मिलना भी चाहे तो नहीं मिल सकता है. उनके आसपास इतने नेता और अधिकारी रहते हैं कि कोई उनका चेहरा भी नहीं देख सकता है.

मुख्यमंत्री को नहीं देख पाएः गोरौल के जिस कटरमाला पंचायत से मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा की शुरुआत की वहां लोग नाराज दिखे. जिस गली में मुख्यमंत्री पैदल घूमे वहां के लोग भी मुख्यमंत्री को नहीं देख पाए. लोगों ने बताया कि यह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है. ऐसे लोगों को रखा गया था, जिससे मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बिल्कुल सफल लगे. क्योंकि, अगर ग्रामीणों से मुख्यमंत्री मिलते तो मुख्यमंत्री को तारीफ के साथ-साथ शिकायतों का भी सामना करना पड़ता. क्योंकि उनके कार्यक्रम को देखते हुए एक दिन में ही तमाम चीजों को दुरुस्त किया गया था.

सीएम सड़क पर घूम कर लौट गएः स्थानीय सीता देवी ने कहां कि गली में घर है. लेकिन न कुछ कर सकते हैं न बोल सकते हैं. सीएम सड़क पर घूम कर लौट गए. गली तक आए ही नहीं. जब आए ही नहीं तो हम लोग क्या बोले, कैसे बोले? हमलोग तो मुख्यमंत्री को देखे ही नहीं. वहीं जीवि दीदी का पूनम देवी ने कहा कि समूह से 10 दीदी जुड़ी हुई है लेकिन सभी को बराबर लाभ नहीं मिलता है. समूह में है तो सब का बराबर हक मिलना चाहिए.

रोजगार देने की मांगः स्थानीय विनोद शाह ने कहा कि सीएम तो नहीं आए लेकिन अधिकारी आए थे. उनसे रोजगार देने की मांग की गई. जिसे लिखकर चले गए, बोले देखते हैं. कहा कि जिस तरीके से मुख्यमंत्री अधिकारियों और नेताओं से गिरे हुए थे. ऐसे में कोई आम आदमी उनसे मिलकर अपनी बात कह पाए यह सोचना भी मुश्किल लगता है. मुख्यमंत्री को आम लोगों से मिलने का कोई और रास्ता निकालना चाहिए था.

सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर लोगों की राय

वैशालीः बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लगातार समाधान यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान सोमवार को सीएम वैशाली पहुंचे थे. सीएम से मिलने के लिए लोग इंतजार करते रहे लेकिन वे नहीं मिल पाए. सीएम आए और चले गए. किसी को पता भी नहीं चला. एक नाराज महिला ने कहा कि सीएम समाधान यात्रा करने आए हैं लेकिन जब समस्या ही नहीं जानेंगे तो समाधान क्या करेंगे. उनके आगे पीछे इतने अधिकारी और नेता रहते हैं कि कोई उनका चेहरा भी नहीं देख पाता है. हमलोगों ने सीएम को नहीं देखा. सीएम के बदले सिर्फ भीड़ दिखी.

यह भी पढ़ेंः समाधान यात्रा पर सिवान पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, जीविका दीदी से मुलाकात के बाद की कार्यों की समीक्षा

समस्या ही नहीं सुनेंगे तो समाधान क्या करेंगेः लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री नेताओं से ढके हुए थे. गली में घर होने के कारण वे वहां नहीं गए. जब तक हमलोग आए तब तक वे चले गए. कुछ लोगों ने कहा कि सिर्फ साईकिल देने से काम नहीं चलेगा. रोजगार के लिए रुपए चाहिए. जीविका समूह के महिलाओं ने कहा कि यहां किसी को लाभ मिलता है किसी को नहीं मिलता है. सबसे बड़ी बात है कि सीएम जब लोगों की समस्या ही नहीं सुनेंगे तो समाधान क्या करेंगे. कोई मिलना भी चाहे तो नहीं मिल सकता है. उनके आसपास इतने नेता और अधिकारी रहते हैं कि कोई उनका चेहरा भी नहीं देख सकता है.

मुख्यमंत्री को नहीं देख पाएः गोरौल के जिस कटरमाला पंचायत से मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा की शुरुआत की वहां लोग नाराज दिखे. जिस गली में मुख्यमंत्री पैदल घूमे वहां के लोग भी मुख्यमंत्री को नहीं देख पाए. लोगों ने बताया कि यह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है. ऐसे लोगों को रखा गया था, जिससे मुख्यमंत्री का कार्यक्रम बिल्कुल सफल लगे. क्योंकि, अगर ग्रामीणों से मुख्यमंत्री मिलते तो मुख्यमंत्री को तारीफ के साथ-साथ शिकायतों का भी सामना करना पड़ता. क्योंकि उनके कार्यक्रम को देखते हुए एक दिन में ही तमाम चीजों को दुरुस्त किया गया था.

सीएम सड़क पर घूम कर लौट गएः स्थानीय सीता देवी ने कहां कि गली में घर है. लेकिन न कुछ कर सकते हैं न बोल सकते हैं. सीएम सड़क पर घूम कर लौट गए. गली तक आए ही नहीं. जब आए ही नहीं तो हम लोग क्या बोले, कैसे बोले? हमलोग तो मुख्यमंत्री को देखे ही नहीं. वहीं जीवि दीदी का पूनम देवी ने कहा कि समूह से 10 दीदी जुड़ी हुई है लेकिन सभी को बराबर लाभ नहीं मिलता है. समूह में है तो सब का बराबर हक मिलना चाहिए.

रोजगार देने की मांगः स्थानीय विनोद शाह ने कहा कि सीएम तो नहीं आए लेकिन अधिकारी आए थे. उनसे रोजगार देने की मांग की गई. जिसे लिखकर चले गए, बोले देखते हैं. कहा कि जिस तरीके से मुख्यमंत्री अधिकारियों और नेताओं से गिरे हुए थे. ऐसे में कोई आम आदमी उनसे मिलकर अपनी बात कह पाए यह सोचना भी मुश्किल लगता है. मुख्यमंत्री को आम लोगों से मिलने का कोई और रास्ता निकालना चाहिए था.

Last Updated : Jan 8, 2023, 4:33 PM IST
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