वैशाली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को देश का (Union Budget 2022)आम बजट पेश किया है. इसको लेकर वैशाली जिले में सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी विधायक लखेंद्र कुमार रौशन ने गरीबों को छत देने वाला बजट बताया है तो आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने कहा कि बिहार के लोगों को बजट से निराशा हाथ लगी है. वहीं, आरजेडी विधायक ने मनरेगा की बजट कम होने पर बताया कि, बजट से किसान और मजदूर ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
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दरअसल, आरजेडी और बीजेपी के नेताओं की बजट को लेकर अलग-अलग सुर हैं. बीजेपी विधायक लखेंद्र कुमार रौशन ने जहां बजट को गरीबों को छत देने वाला बेरोजगारों को रोजगार देने वाला बता रहे हैं. तो वहीं, आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने कहा है कि, बजट में बिहार को कुछ भी नहीं मिला है, उम्मीद थी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन वह भी नहीं मिला. बजट आने के बाद पातेपुर से बीजेपी विधायक लखेंद्र कुमार रौशन ने कहा कि, बजट निश्चित रूप से देश के गरीबों के लिए छत कैसे हो इसके लिए देश के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के द्वारा लक्ष्य रखा गया है. जिससे पूरे देश के 80 लाख गरीबों को आवास की सुविधा मिलेगी. यह भारत सरकार का गरीबों के प्रति जो संवेदना है वह दिखाई दे रहा है. वहीं, देश के छोटे छोटे लघु उद्योग और कुटीर उद्योगों के लिए बजट में दो लाख करोड़ का आवंटन किया गया है. जिससे पूरे देश में छोटे से लेकर बड़े उद्योग का जाल बिछाया जाएगा और लाखों नौजवानों को रोजगार मिलेगा. बजट में देश का चौतरफा विकास कैसे हो इस पर ध्यान दिया गया है.
वहीं, आम बजट को लेकर आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने कहा कि, बिहार के लिए निराशा हाथ लगा है. उम्मीद थी की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन नहीं मिला. आज महंगाई चरम पर है, उद्योग नहीं लग रहा है. पूरे देश में बेरोजगारी बढ़ा हुआ है. आम बजट के माध्यम से सरकार ने भी माना है कि बेरोजगारी बढ़ी है. सरकार को बढ़ती महंगाई पर भी ध्यान देना चाहिए. इस बजट में बिहार की अनदेखी की गई है, अन्य राज्य कितना आगे बढ़ गया है और बिहार कितना पीछे रह गया है. यह बाहर जाने पर पता चलता है, उम्मीद है आने वाले बजट में सरकार ध्यान रखेगी.
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बजट को लेकर आरजेडी महुआ विधायक डॉ. मुकेश रौशन ने कहा कि, जो मनरेगा योजना में 98 हजार करोड़ का बजट था उस में कटौती कर 73 हजार करोड़ कर दिया गया है. जिसके वजह से आखिर कहीं ना कहीं गरीब, मजदूर व किसान ठगा हुआ महसूस कर रहा है. 7 साल से मोदी सरकार का जो बजट आ रहा है. वो किसान विरोधी, युवा विरोधी व मजदूर विरोधी रहा है फिर से लोगों के हाथ में मोदी जी ने झुनझुना पकड़ाने का काम किया है. आम बजट को लेकर सभी दलों की अपनी-अपनी प्रतिक्रिया है. एनडीए के तमाम नेता बजट को बढ़िया बता रहे हैं. वहीं विपक्ष बजट की खामियों को लेकर सरकार पर निशाना साधने का कोई भी मौका छोड़ने को तैयार नहीं है.
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