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सोनपुर : दियारा क्षेत्र में घुसा गंगा का पानी, हजारों किसानों का फसल बर्बाद

गंगा नदी का पानी कई इलाकों में फैल गया है. किसानों के लाखों का फसल बर्बाद हो गया है. पिछले साल भी किसानों का फसल बर्बाद हो गया था. किसानों ने मांग की है कि इससे निपटने के लिए रिंग बांध का निर्माण किया जाए.

दियारा में घुसा गंगा का पानी
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Published : Sep 18, 2019, 10:53 PM IST

वैशालीः गंगा नदी के जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जल स्तर में वृद्धि के कारण गंगा के तट पर बसे कई गांव में कटाव शुरू हो गया है. वहीं सोनपुर के दियारा क्षेत्र में गंगा का पानी घुस गया है. बाढ़ का पानी सोनपुर प्रखण्ड के पश्चिम सबलपुर, उतरी, मध्य और पूर्वी पंचायत में घुस गया है, जिसके कारण हजारों किसानों के बीच दहशत का माहौल है.

इससे पहले पश्चिम सबलपुर का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया था. उस समय कुछ क्षेत्रों में कटाव के कारण आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था. हालांकि, अब गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से पश्चिम सबलपुर पंचायत सहित अन्य तीन पंचायतो में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. पूरे इलाके में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. तेजी से बढ़ते जल स्तर के कारण लोग डरे-सहमें हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

किसानों का फसल हुआ बर्बाद
उत्तरी सबलपुर पंचायत के सरकारी मध्य स्कूल में भी पानी घुस गया है. वहीं, स्कूल जाने के मार्ग पर पानी भर गया है. इससे स्कूली बच्चे भयभीत दिखे. बच्चों ने बताया कि एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सांप, बिच्छु और जहरीले कीड़े से डर लगने लगा है. किसानों का कहना है कि पिछली बार 3 से 4 हजार किसानों का फसल बर्बाद हो गया था. बची हुई जमा पूंजी हरी सब्जी के उत्पादन के लिए खर्च कर दिए. जब खेतों से सब्जी को तोड़ने समय आया तो बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गया.

students
स्कूली बच्चे

रिंग बांध की मांग
लालबाबू पटेल ने बताया कि हर साल बाढ़ की चपेट में 4 पंचायत आता है. अगर क्षेत्र में रिंग बांध का निर्माण कराया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पहलेजा घाट, गंगाजल, सबलपुर पंचायत और कालीघाट जैसे क्षेत्र को रिंग बांध से बंधवाने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है. गांव के हजारों ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाई. इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया गया. लेकिन चुनाव जीतने के बाद जन प्रतिनिधी दोबारा क्षेत्र में नजर नहीं आते.

farmer
पीड़ित किसान

2016 और 2018 में भी हुई थी तबाही
गौरतलब है कि 2016 और 2018 में भी इस क्षेत्र में बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. दर्जनों घर गंगा के पानी मे सामहित हो गया था. इसके अलावे लाखों का फसल बर्बाद हो गया था. किसानों का कहना है कि हर साल बाढ़ से उनकी सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है. जबकि सरकार की तरफ से कोई मुआवजा भी नहीं मिलता.

sonpur diara
गंगा से दियारा क्षेत्र में हो रहा कटाव

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का रिपोर्ट ले रहे SDO
वहीं, सोनपुर अनुमंडल के एसडीओ शम्भू शरण पांडेय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर प्रशासन की पैनी नजर है. प्रखण्ड के अंचलाधिकारी सर्वेक्षण कर रोजाना रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पल-पल की जानकारी ली जा रही है. परस्थिति के अनुरूप कदम उठाया जाएगा.

sonpuer sdo
एसडीओ शम्भू शरण पांडेय

वैशालीः गंगा नदी के जल-स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जल स्तर में वृद्धि के कारण गंगा के तट पर बसे कई गांव में कटाव शुरू हो गया है. वहीं सोनपुर के दियारा क्षेत्र में गंगा का पानी घुस गया है. बाढ़ का पानी सोनपुर प्रखण्ड के पश्चिम सबलपुर, उतरी, मध्य और पूर्वी पंचायत में घुस गया है, जिसके कारण हजारों किसानों के बीच दहशत का माहौल है.

इससे पहले पश्चिम सबलपुर का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया था. उस समय कुछ क्षेत्रों में कटाव के कारण आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा था. हालांकि, अब गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से पश्चिम सबलपुर पंचायत सहित अन्य तीन पंचायतो में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. इससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. पूरे इलाके में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. तेजी से बढ़ते जल स्तर के कारण लोग डरे-सहमें हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

किसानों का फसल हुआ बर्बाद
उत्तरी सबलपुर पंचायत के सरकारी मध्य स्कूल में भी पानी घुस गया है. वहीं, स्कूल जाने के मार्ग पर पानी भर गया है. इससे स्कूली बच्चे भयभीत दिखे. बच्चों ने बताया कि एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सांप, बिच्छु और जहरीले कीड़े से डर लगने लगा है. किसानों का कहना है कि पिछली बार 3 से 4 हजार किसानों का फसल बर्बाद हो गया था. बची हुई जमा पूंजी हरी सब्जी के उत्पादन के लिए खर्च कर दिए. जब खेतों से सब्जी को तोड़ने समय आया तो बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गया.

students
स्कूली बच्चे

रिंग बांध की मांग
लालबाबू पटेल ने बताया कि हर साल बाढ़ की चपेट में 4 पंचायत आता है. अगर क्षेत्र में रिंग बांध का निर्माण कराया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि पहलेजा घाट, गंगाजल, सबलपुर पंचायत और कालीघाट जैसे क्षेत्र को रिंग बांध से बंधवाने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है. गांव के हजारों ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाई. इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया गया. लेकिन चुनाव जीतने के बाद जन प्रतिनिधी दोबारा क्षेत्र में नजर नहीं आते.

farmer
पीड़ित किसान

2016 और 2018 में भी हुई थी तबाही
गौरतलब है कि 2016 और 2018 में भी इस क्षेत्र में बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. दर्जनों घर गंगा के पानी मे सामहित हो गया था. इसके अलावे लाखों का फसल बर्बाद हो गया था. किसानों का कहना है कि हर साल बाढ़ से उनकी सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है. जबकि सरकार की तरफ से कोई मुआवजा भी नहीं मिलता.

sonpur diara
गंगा से दियारा क्षेत्र में हो रहा कटाव

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का रिपोर्ट ले रहे SDO
वहीं, सोनपुर अनुमंडल के एसडीओ शम्भू शरण पांडेय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर प्रशासन की पैनी नजर है. प्रखण्ड के अंचलाधिकारी सर्वेक्षण कर रोजाना रिपोर्ट दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पल-पल की जानकारी ली जा रही है. परस्थिति के अनुरूप कदम उठाया जाएगा.

sonpuer sdo
एसडीओ शम्भू शरण पांडेय
Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

गंगा नदी के जल- स्तर में फिर से इजाफा होने लगा हैं ।इससे गंगा नदी फिर से सोनपुर के दियरा के क्षेत्र में रहने वाले हजारों गरीब ग्रामीण को डराने लगीं हैं । मालूम हो कि सोनपुर प्रखण्ड के चार पंचायत सब्बलपुर वेस्ट, उतरी, मध्य, पूर्वी पंचायत हैं। प्रशासन इसको लेकर मुस्तैद हैं ।


Body:गंगा नदी कर जल- स्तर में लगातार वृद्धि होंने से गंगा उफान पर हैं । इसके साथ ही गंगा के किनारे बसे गाव क्षेत्र में तेजी से कटाव भी शुरू हो गया हैं। तो कही गंगा का पानी घुस गया हैं। इसके चलते सोनपुर प्रखण्ड के पश्छिम सब्बलपुर, उतरी, मध्य और पूर्वी पंचायत में रहने वाले हजारों किसान में हाहाकार मच गया हैं।

Etv भारत द्वारा पूर्व में पच्छिम सब्बलपुर में पड़ताल किया गया था तो उस समय उस गाव के कुछ क्षेत्र में ही गंगा का कटाव से एक घर आंशिक रूप से नुकशान हुआ था । और कुछ ग्रामीण जनता का फुलवारी, बाँसवारी, और 7 से 8 कट्ठे जमीन गंगा में सामहित हो गया था ।

उसके बाद गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से अब उसी प्रभावित पश्छिम सबलपुर पंचायत सहित अन्य तीन पंचायतो में भी बाढ़ का पानी ढेहुना से लेकर कमर तक की ऊँचाई पर बढ़ गया हैं । इससे हजारो गरीब ग्रामीण का जन- जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ हैं। बाढ़ से किसानों की लाखों की फसल, हरी- साग- सब्जियां भी नुकशान हो गया हैं।

Etv भारत द्वारा इस बाबत फिर से पड़ताल करने पर पाया गया कि क्षेत्र में गंगा का पानी में कमोबेस इजाफा हो रहा हैं। कही कही 3 से 4 फीट पानी बह रहा हैं। लोगों को रोजमर्रा जीवन मे कार्य पर भी इसका असर पड़ रहा हैं ।लोगों को भय सताने लगा हैं । मालूम हो कि जिस तरह से गंगा किनारे बसे यह क्षेत्र में जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही हैं । अगर यह निरंतर जारी रहा तो यहा रहने वाले हजारो लोग एक बार फिर से बाढ़ के चपेट में आ जाएंगे ।

उतरी सब्बलपुर पंचायत में एक सरकारी मध्य स्कूल में भी पानी घुस आया हैं । वहीं स्कूल जाने की मार्ग का सड़क पानी से लापता हो गया हैं। स्कूल के बच्चों एवं बच्चियों में इस बात का डर देखा गया । इस स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के स्कूल को भी आजकल में बन्द कर दिया जाएगा ।बच्चियों ने इस आशंका से इंकार भी नहीं किया कि बाढ़ से डर लगने लगा हैं। कुछ बच्चे ने बताया कि अब पानी से होते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान जानें में सांप, बिच्छु और जहरीले कीड़े से डर लगने लगा हैं ।

यहा के एक गरीब किसान की मानें तो बाढ़ ने उसके साथ साथ 3 से चार हजार किसानों का फसल और हरा- साग- सब्जियां बर्बाद किया हैं। उसने आगे बताया कि घर मे बचाया हुआ उसका जमा पूंजी साग-सब्जी में डेढ़ लाख रुपये की राशि खर्च किया था । उसने आगें बताया कि अब तैयार सब्जी का समय तोड़ने का हुआ तो गंगा के बाढ़ ने बहा ले गया और खेत के फसल पानी से बर्बाद हो रहें हैं।

गंगा के बाढ़ से अभी तक प्रखण्ड के उत्तरी, मध्य, पश्छिम और पूर्वी सब्बलपुर पंचायत प्रभावित हैं ।
क्षेत्र में कही कही ऊंची सड़क बनने से लोग उसी पर आश्रित होकर एक टके अपने आसपास लगे पानी के जमाव को देखते नजर आते हैं।

समाज सेवक लालबाबू पटेल ने बताया कि हरेक वर्ष बाढ़ के चपेट में यह दियरा के चार पंचायत आता हैं । उससे यह पूछा गया कि आखिर इस समस्या का हल क्या हैं । तो उसने जोड़ देते हुए बताया कि सरकार क्षेत्र में रिंग बांध की व्यवस्था करा दे तो यह समस्या का निष्पादन हो जाएगा ।आगे बताया कि सरकार पहलेजा घाट, गंगाजल, चारो सब्बलपुर पंचायत और कालीघाट जैसे क्षेत्र को रिंग बांध से बंधवाने की व्यवस्था क्यों नही करती हैं।
इसको लेकर गाव के हजारों ग्रामीण जनता अपने जन- प्रतिनिधियों से बार- बार चुनाव के समय मुद्दा बनाती हैं ।पर विधायक, से लेकर सांसद चुनाव में जितने के बाद दोबारा फिर से क्षेत्र में नजर नहीं आते हैं।

इस बार यहा की हजारो जनता आगामी विधानसभा चुनाव में ऐसे जन प्रतिनिधियों को सबक सिखाने की मूड में दिखायी देती हैं।

2016 और 2018 में इस क्षेत्र में बाढ़ से काफी तबाही हुई थी ।दर्जनों घर गंगा के पानी मे सामहित हो गया था ।इसके अलावे लाखों का फसल, हरी - साग-सब्जियां की नुकशान हो गई थी ।

किसानों की मानें तो हरेक वर्ष बाढ़ से उनका लाखों की फसल से लेकर सब्जियां की नुकशान होता हैं पर सरकार की ओर से उनको मुवावजा नहीं मिलता हैं।

वहीं अनुमंडलाधिकारी शम्भू शरण पांडेय ने इस बाबत पूछे गए सवाल पर आश्वस्त देते नजर आये ।उन्होंने आगें यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पर प्रशासन पूरी तरह नजरें गड़ाई हुई हैं ।प्रखण्ड के अंचलाधिकारी सर्वेक्षण कर रोजाना रिपोर्ट देने का कार्य करते हैं। उन्होंने आगें सकरात्मक कदम बढ़ाने से भी गुरेज नहीं किया ।


Conclusion:बहरहाल, क्षेत्र में गंगा के बाढ़ का पानी तेजी से पाँव फैला रहा हैं।

VO: स्टोरी का ।
ओपन PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
बाइट: छात्रा
बाइट: किसान : 2

VO: स्टोरी का ।
बाइट: शम्भू शरण पांडेय , एसडीओ, सोनपुर अनुमंडल ।
VO: स्टोरी का ।
PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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