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बारिश ने किसानों के चेहरों पर बिखेरी चमक, सूखे खेतों को मिली नमी

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Published : Mar 27, 2019, 8:14 AM IST

पिछले कई दिनों से पानी की कमी को लेकर परेशान चल रहे हजारों किसानों के चेहरों पर मानों खुशी वापस लौटा दी गयी हो. जिले के सभी 16 प्रखंडो में किसानों ने हरी साग सब्जियां, गर्मा फसलों में मकई, भिंडी, धनिया और साग की बीज अपने अपने खेतों में परिवार के साथ रोपे.

बारिश से खेतों में आई नमी

वैशाली: प्रदेश में बढ़ती गर्मी और पानी की किल्लतों के बीच किसानों को थोड़ी राहत मिली है. जिले के कई इलाकों में सुबह तेज हवा के साथ बारिश ने दस्तक दी. वहीं किसान अपने खेतों में बारिश की पानी से सूखे फसलों की बीज बोते नजर आए.

किसानों में खुशी की लहर
पिछले कई दिनों से पानी की कमी को लेकर परेशान चल रहे हजारों किसानों के चेहरों पर मानों खुशी वापस लौटा दी गयी हो. जिले के सभी 16 प्रखंडो में किसानों ने हरी साग सब्जियां, गर्मा फसलों में मकई, भिंडी, धनिया और साग की बीज अपने अपने खेतों में परिवार के साथ रोपे. किसानों ने बताया कि अचानक मौसम के बदलने से लगभग तैयार हो चुकी रबी फसलों को नुकशान होने का ख्याल आया पर ज्यादा नुकशान नहीं हुआ.

vaishali
बारिश से खेतों में आई नमी

प्रदेश में तेज गर्मी से किसानों के खेत सुख गए
इस समय किसान काफी मात्रा में हरी साग सब्जियां, सहित मकई कि खेती करते हैं. जिसके लिये बहुत मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती हैं. किसानों की मानें तो उपरोक्त चीजों की खेती के लिये मार्च से अप्रैल महीने के अंतिम दिन निर्धारित होते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में तेज गर्मी से किसानों के खेत सुख गए थे.

बारिस से किसानों में खुशी की लहर

काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा
किसानों ने बताया कि सरकारी चापाकल और स्टेट ट्यूब बेल के सूखने और खस्ता हालत से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस कारण ये लोग खुद हजारों रुपये खर्च करके अपना बोरिंग और समरसेबुल से सिंचाई की व्यवस्था किये थे. लेकिन बिजली के कम वोल्टेज के कारण ये व्यवस्था भी ठप हो गयी. ऐसे बारिश से खेतों में नमी और उनके चेहरों पर खुशी देखने को मिली ।

वैशाली: प्रदेश में बढ़ती गर्मी और पानी की किल्लतों के बीच किसानों को थोड़ी राहत मिली है. जिले के कई इलाकों में सुबह तेज हवा के साथ बारिश ने दस्तक दी. वहीं किसान अपने खेतों में बारिश की पानी से सूखे फसलों की बीज बोते नजर आए.

किसानों में खुशी की लहर
पिछले कई दिनों से पानी की कमी को लेकर परेशान चल रहे हजारों किसानों के चेहरों पर मानों खुशी वापस लौटा दी गयी हो. जिले के सभी 16 प्रखंडो में किसानों ने हरी साग सब्जियां, गर्मा फसलों में मकई, भिंडी, धनिया और साग की बीज अपने अपने खेतों में परिवार के साथ रोपे. किसानों ने बताया कि अचानक मौसम के बदलने से लगभग तैयार हो चुकी रबी फसलों को नुकशान होने का ख्याल आया पर ज्यादा नुकशान नहीं हुआ.

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बारिश से खेतों में आई नमी

प्रदेश में तेज गर्मी से किसानों के खेत सुख गए
इस समय किसान काफी मात्रा में हरी साग सब्जियां, सहित मकई कि खेती करते हैं. जिसके लिये बहुत मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती हैं. किसानों की मानें तो उपरोक्त चीजों की खेती के लिये मार्च से अप्रैल महीने के अंतिम दिन निर्धारित होते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में तेज गर्मी से किसानों के खेत सुख गए थे.

बारिस से किसानों में खुशी की लहर

काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा
किसानों ने बताया कि सरकारी चापाकल और स्टेट ट्यूब बेल के सूखने और खस्ता हालत से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस कारण ये लोग खुद हजारों रुपये खर्च करके अपना बोरिंग और समरसेबुल से सिंचाई की व्यवस्था किये थे. लेकिन बिजली के कम वोल्टेज के कारण ये व्यवस्था भी ठप हो गयी. ऐसे बारिश से खेतों में नमी और उनके चेहरों पर खुशी देखने को मिली ।

Intro:लोकेशन : वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

प्रदेश में बढ़ी गर्मी के चलते बहुत दिनों से पानी को लेकर परेशान चल रहें हजारों किसानों को मंगलवार को सुबह में तेज हवा और वारिस एक साथ होने के चलते काफी राहत मिल गयीं ।इस बाबत हाजीपुर और सोनपुर प्रखंड क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसानों ने सुबह से लेकर संध्या तक अपने खेतों में इकठ्ठा हुए वारिस की पानी से गर्मा फसल की बीज खेतों में बोते नजर आए ।


Body:वैशाली जिले और सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार को सुबह से लेकर संध्या तक तेज हवा के साथ साथ रुक रुक कर हुई वारिस ने मौसम को खुशगवार तो बनाया ही साथ ही साथ तेज गर्मी से लोगों को राहत भी पहुचाने का कार्य किया ।वही पिछले कई दिनों से पानी की कमी को लेकर परेशान चल रहे हजारों किसानों के चेहरों पर मानों खुशी वापस लौटा दी हो । इस बाबत जिले के सभी 16 प्रखंडो में किसानों ने हरी साग सब्जियां, गर्मा फसलों में मकई, भिंडी, धनिया और साग की बीज अपने अपने खेतों में परिवार के साथ बोते दिखे गए ।वही सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के 23 पंचायतों में कमोवेश यही नजारा देखने को मिला ।किसानों की मानें तो अचानक मौसम के बदला बदला इस अंदाज से पहले तो लगभग तैयार हो चुकी रबी फसल (गेहूं ) को नुकशान होने का ख्याल आया पर ज्यादा नुकशान नही हुआ ।पर गर्मा फसलों को लेकर खेतों में पानी की किल्लत की पूर्ति तो हो गयीं ।विदित हो कि इस समय किसानों द्वारा काफी मात्रा में हरी साग सब्जियां, सहित मकई कि खेती के लिये पानी की जरूरत पड़ती हैं । एक किसान की मानें तो उपरोक्त चीजों की खेती के लिये के लिये मार्च से अप्रैल महीने के अंतिम दिन निर्धारित होते हैं । पर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में तेज गर्मी पड़ने से किसानों के खेत सुख गए थे साथ ही उसमे दरार भी आ गया था ।क्षेत्र में सरकारी चापाकल और स्टेट ट्यूब बेल की सूखने और खास्ता हाल होने के चलते वे इससे निपटने के लिये हजारों रुपये खर्च करके अपना खुद बोरिंग और समरसेबुल से सिंचाई की व्यवस्था तो विकल्प के तौर पर कर लिया था पर कहते हैं कि बिजली की कम वोल्टेज होने के चलते उनकी यह भी व्यवस्था चरमरा गयी थी ।ऐसे में इंद्र भगवान ने उनका सुन लिए थे ।हुई वारिस से खेतों में नमी आ गयी और देखते ही देखते दिनभर ठंडी ठंढी हवाये चलने से इनके उम्मीदों पर पानी फेरने का दौर सही ट्रैक पकड़ लिया और उनके चेहरों पर खुशी देखने को मिली ।


Conclusion:मौसम विभाग की मानें तो आज और कल प्रदेश में मौसम ऐसा ही बना रहेगा ।

बाइट: किसान

PTC: संवाददाता राजीव वैशाली
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