वैशाली/सारण: सोमवार को सारण जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन सोनपुर प्रखण्ड पहुंचे. उन्होंने अनुमंडल के एसडीओ और प्रखण्ड के सीओ के साथ बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र का निरीक्षण किया. डीएम ने बाढ़ प्रभावित नजरमीरा, राहरदीयरा और पहलेजा घाट पर जाकर मुआयना किया. गंगा और गंडक नदी के जल-स्तर में लगातार इजाफा होने की वजह से सोनपुर प्रखण्ड के दर्जनों गांव में लगातार कटाव होने से हजारों ग्रामीण लोग प्रभावित हो गए हैं. इससे अभी तक दस हजार से ज्यादा जनसंख्या बाढ़ की चपेट में आ गयी है.
बाढ़ का पानी आने से लोगों को हो रही परेशानी
रविवार को गंगा और गंडक के जल स्तर में वृद्धि होने से बाढ़ का पानी अब सोनपुर के पहाड़ी चक गांव की निचली मुख्य सड़क पर पहुंच गया है. हाड़ी चक स्थित यह निचली सड़क क्षेत्र का मुख्य सड़क कहा जाता है. सोनपुर के बजरंग चौक से विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर जाने के लिये यह महत्वपूर्ण मार्ग है. इस पर बाढ़ का पानी आने से आवाजाही करने वाले काफी डरे सहमे हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
क्षेत्र में सरकार ने कई कार्य चलाने का दावा किया है. लेकिन स्थानीय जनता इसे झूठ बता जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ कागज पर दावा करती है. ग्रामीणों ने कहा कि जिस तरह से क्षेत्र में नदियों के जल स्तर में इजाफा हुआ है. अभी तक प्रशासन को इसे बाढ़ घोषित कर देना जाना चाहिए था. लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है.
'जिले में कुल 51 नाव चलाये जा रहे हैं'
बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र का निरीक्षण करने के दौरान उनके साथ अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय, प्रखण्ड के अंचलाधिकारी रामाकांत महतो भी मौजूद रहे. इस दौरान डीएम ने लोगों से बातचीत कर उनकी पीड़ा सुनी. उन्होंने इस बाबत संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिया. इसके साथ ही डीएम ने कहा कि जिले में कुल 51 नाव चलाये जा रहे हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के हर एक किलोमीटर पर होमगार्ड को तैनात किया गया है. उन्होंने आश्वस्त किया कि मेडिकल किट से लेकर अन्य सभी व्यवस्था लोगों के लिए किये जा रहे हैं.