वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सोमवार को वैशाली जिला के राघोपुर प्रखंड पहुंचे थे. वे यहां पूर्व मंत्री भोला राय उर्फ उदय नारायण के निधन के बाद उनके परिजनों से मिलने आए थे. इस दौरान उन्होंने दिवंगत पूर्व मंत्री के फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के साथ बातचीत की. जेपी आंदोलन को याद करते हुए सीएम ने कहा कि भोला बाबू से हमारा परिचय 1975 का है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ नाव पर चढ़कर आए थे. यहां यहां सभा चल रहा था.
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'भोला बाबू के निधन से बहुत तकलीफ हुई': सीएम (CM Nitish In Vashali) ने आगे कहा कि पूर्व मंत्री भोला बाबू से मेरा संपर्क उसी सभा में हुआ था. उस समय से ही हमारा और उनका संबंध था. वे कई बार वे एमएलए और मंत्री रहें. 1975 के जेपी आंदोलन के समय मेरी उम्र 24 साल की थी. तब से उनसे हमारा संपर्क और बातचीत होते रहा. उनकी तबीयत खराब थी तब भी हम लोग हालचाल लेने आए थे. जब उनका निधन हो गया तो हम लोगों को बड़ी तकलीफ हुई. उनके परिवार के साथ आकर मिले हैं. इनको हमें हमेशा याद रखेंगे.
सीएम ने कहा-"उनके लिए आगे कुछ सोच रहे": नीतीश ने कहा कि भोला बाबू का सीधा संबंध 1975 के जेपी मूवमेंट से था, इसलिए हमलोग उनके लिए आगे भी कुछ सोच रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताया जा रहा कि दिवंगत पूर्व मंत्री के नाम पर जल्द ही कुछ घोषणा हो सकता है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है. इस दौरे के दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) भी मौजूद थे. साथ ही जदयू और राजद के अन्य नेतागण मौजूद थे.
लोगों की भीड़ ने रोक लिया सीएम का कारकेड: मुख्यमंत्री नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी के राघोपुर पहुंचने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग पहुंच गए. लोगों ने उनका स्वागत गर्मजोशी से तो किया लेकिन लोग सीएम के कारकेड के पीछे-पीछे भागने लगे. जिस वजह वाहनों के आगे लोगों की भीड़ लग गयी. ऐसे में मुख्यमंत्री के काफिले को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. इसके बाद सीएम के सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया, तब जाकर सीएम का काफिला पटना के लिए रवाना हुआ.
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बीते गुरुवार को हुई थी पूर्व मंत्री का निधन: गौरतलब है कि राघोपुर के पूर्व विधायक भोला राय (Former MLA Bhola Rai) का निधन बीते गुरुवार को हो गया था. उनका इलाज आईजीआईएमएस पटना में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने कभी लालू प्रसाद यादव के लिए अपनी सीट तक छोड़ दी थी. यह वाकया काफी चर्चा में रहा था. पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय की अंत्येष्टि में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे.
"उनके निधन से काफी दुख हुआ. भोला बाबू से हमारा परिचय 1975 का है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ हम आए थे. यहां सभा चल रहा था. नाव पर चढ़कर हम लोग यहां आए थे और यहीं पर एक सभा हुई थी. जब हमारा उनसे संपर्क हुआ था. उस समय से ही हमारा संबंध उनसे साथ था. उसके बाद कई बार वे एमएलए और मंत्री रहे. 1975 में मेरी उम्र 24 साल की थी. बराबर हमारी संपर्क-बातचीत होती रहती थी. उनकी तबीयत खराब थी तब भी हम लोग हालचाल लेने आए थे. जब उनका निधन हो गया तो हम लोगों को बड़ी तकलीफ हुई. उनके परिवार से आकर मिले हैं. इनको हमें हमेशा याद रखेंगे, क्योंकि इनका सीधा संबंध 1975 में जेपी मूवमेंट से था. हम लोग उनके लिए आगे भी कुछ सोच रहे हैं" - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार सरकार.