वैशालीः बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर में ब्राह्मण महासभा का आयोजन (Brahmin Mahasabha organized in Vaishali) किया गया. यह कार्यक्रम हाजीपुर किला स्थित नीलांचल भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें बिहारभर से बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में जहां ब्राह्मणों की एकता को लेकर चर्चा हुई, वहीं जीतनराम मांझी के द्वारा दिए गए बयान की भी निंदा (Brahmins condemned Manjhi statement)की गई.
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कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम किशोर ठाकुर ने जीतनराम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी की निंदा की. उन्होंने कहा कि जब किसी अयोग्य आदमी को पद मिल जाता है तो वो उसे संभाल नहीं पाता है. वह उसके सिर पर चढ़कर बोलने लगता है. वास्तव में वह आदमी (जीतनराम मांझी) उस पोस्ट (मुख्यमंत्री) के लायक नहीं थे. जातीय समीकरण के कारण मुख्यमंत्री ने उन्हें कुछ दिनों के मुख्यमंत्री बना दिया जो अपच हो गया.
उन्होंने कहा कि मांझी के द्वारा की गई टिप्पणी को हम बहुत संज्ञान नहीं लेते हैं. वहीं सभा में मौजूद पंडित रामा शंकर शास्त्री ने जीतनराम मांझी को शास्त्र पढ़ने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सारे शास्त्र ब्राह्मणों की ही देन है. ज्ञान-विज्ञान से लेकर सदाचार और शिष्टाचार की परंपरा भी ब्राह्मणों की ही देन है. बता दें कि बड़ी संख्या में ब्राह्मणों ने सड़क पर उतरकर भी मांझी के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला भी जलाया.
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शास्त्री जी ने मांझी को शिष्टाचारहीन, सदाचारहीन, निराचारी सहित अन्य बातें कही. साथ की कहा कि बिना धर्मशास्त्र के ज्ञान के व्यक्ति पशु होता है. वह किसी को नहीं छोड़ता है. मांझी को पैसे से प्यार है. उन्हें संस्कृति से प्यार होता तो गाली क्यों देते?
इस महासभा में वक्ताओं ने ब्राह्मणों की मौजूदा स्थिति को लेकर गहन मंथन किया. सभी ने कहा कि ब्राह्मण समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को हाथ देकर उपर लाने की जरुरत है. नीचे वाले भी उपर वाले को सहयोग करें. इसी से समाज में मजबूती आएगी.
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