ETV Bharat / state

मांझी के बयान पर ब्राह्मणों का उपदेश, 'शास्त्र पढ़ो... बिना ज्ञान के इंसान पशु समान'

जीतनराम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों को दी गई गाली के बाद सूबे के ब्राह्मण समाज एकजुट होने लगे हैं. इसी कड़ी में वैशाली में ब्राह्मण महासभा का आयोजन किया गया, जिसमें ब्राह्मण समाज की मजबूती को लेकर चर्चा हुई. वहीं, वक्ताओं ने मांझी के बयान के बाद उपदेश भी दिए. पढ़ें पूरी खबर...

Brahmin Angry After Manjhi Abusing
Brahmin Angry After Manjhi Abusing
author img

By

Published : Dec 26, 2021, 7:54 AM IST

वैशालीः बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर में ब्राह्मण महासभा का आयोजन (Brahmin Mahasabha organized in Vaishali) किया गया. यह कार्यक्रम हाजीपुर किला स्थित नीलांचल भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें बिहारभर से बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में जहां ब्राह्मणों की एकता को लेकर चर्चा हुई, वहीं जीतनराम मांझी के द्वारा दिए गए बयान की भी निंदा (Brahmins condemned Manjhi statement)की गई.

इसे भी पढ़ें-'किसी के बहकावे में ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं जीतन राम मांझी'

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम किशोर ठाकुर ने जीतनराम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी की निंदा की. उन्होंने कहा कि जब किसी अयोग्य आदमी को पद मिल जाता है तो वो उसे संभाल नहीं पाता है. वह उसके सिर पर चढ़कर बोलने लगता है. वास्तव में वह आदमी (जीतनराम मांझी) उस पोस्ट (मुख्यमंत्री) के लायक नहीं थे. जातीय समीकरण के कारण मुख्यमंत्री ने उन्हें कुछ दिनों के मुख्यमंत्री बना दिया जो अपच हो गया.

वैशाली में एकजुट हुए ब्राह्मण समाज

उन्होंने कहा कि मांझी के द्वारा की गई टिप्पणी को हम बहुत संज्ञान नहीं लेते हैं. वहीं सभा में मौजूद पंडित रामा शंकर शास्त्री ने जीतनराम मांझी को शास्त्र पढ़ने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सारे शास्त्र ब्राह्मणों की ही देन है. ज्ञान-विज्ञान से लेकर सदाचार और शिष्टाचार की परंपरा भी ब्राह्मणों की ही देन है. बता दें कि बड़ी संख्या में ब्राह्मणों ने सड़क पर उतरकर भी मांझी के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला भी जलाया.

इसे भी पढ़ें- मांझी आवास के बाहर ब्राह्मणों ने की सत्यनारायण कथा, कहा- 'भगवान उनको जल्द सद्बुद्धि दें'

शास्त्री जी ने मांझी को शिष्टाचारहीन, सदाचारहीन, निराचारी सहित अन्य बातें कही. साथ की कहा कि बिना धर्मशास्त्र के ज्ञान के व्यक्ति पशु होता है. वह किसी को नहीं छोड़ता है. मांझी को पैसे से प्यार है. उन्हें संस्कृति से प्यार होता तो गाली क्यों देते?

इस महासभा में वक्ताओं ने ब्राह्मणों की मौजूदा स्थिति को लेकर गहन मंथन किया. सभी ने कहा कि ब्राह्मण समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को हाथ देकर उपर लाने की जरुरत है. नीचे वाले भी उपर वाले को सहयोग करें. इसी से समाज में मजबूती आएगी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

वैशालीः बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर में ब्राह्मण महासभा का आयोजन (Brahmin Mahasabha organized in Vaishali) किया गया. यह कार्यक्रम हाजीपुर किला स्थित नीलांचल भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें बिहारभर से बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में जहां ब्राह्मणों की एकता को लेकर चर्चा हुई, वहीं जीतनराम मांझी के द्वारा दिए गए बयान की भी निंदा (Brahmins condemned Manjhi statement)की गई.

इसे भी पढ़ें-'किसी के बहकावे में ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं जीतन राम मांझी'

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम किशोर ठाकुर ने जीतनराम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी की निंदा की. उन्होंने कहा कि जब किसी अयोग्य आदमी को पद मिल जाता है तो वो उसे संभाल नहीं पाता है. वह उसके सिर पर चढ़कर बोलने लगता है. वास्तव में वह आदमी (जीतनराम मांझी) उस पोस्ट (मुख्यमंत्री) के लायक नहीं थे. जातीय समीकरण के कारण मुख्यमंत्री ने उन्हें कुछ दिनों के मुख्यमंत्री बना दिया जो अपच हो गया.

वैशाली में एकजुट हुए ब्राह्मण समाज

उन्होंने कहा कि मांझी के द्वारा की गई टिप्पणी को हम बहुत संज्ञान नहीं लेते हैं. वहीं सभा में मौजूद पंडित रामा शंकर शास्त्री ने जीतनराम मांझी को शास्त्र पढ़ने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सारे शास्त्र ब्राह्मणों की ही देन है. ज्ञान-विज्ञान से लेकर सदाचार और शिष्टाचार की परंपरा भी ब्राह्मणों की ही देन है. बता दें कि बड़ी संख्या में ब्राह्मणों ने सड़क पर उतरकर भी मांझी के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला भी जलाया.

इसे भी पढ़ें- मांझी आवास के बाहर ब्राह्मणों ने की सत्यनारायण कथा, कहा- 'भगवान उनको जल्द सद्बुद्धि दें'

शास्त्री जी ने मांझी को शिष्टाचारहीन, सदाचारहीन, निराचारी सहित अन्य बातें कही. साथ की कहा कि बिना धर्मशास्त्र के ज्ञान के व्यक्ति पशु होता है. वह किसी को नहीं छोड़ता है. मांझी को पैसे से प्यार है. उन्हें संस्कृति से प्यार होता तो गाली क्यों देते?

इस महासभा में वक्ताओं ने ब्राह्मणों की मौजूदा स्थिति को लेकर गहन मंथन किया. सभी ने कहा कि ब्राह्मण समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को हाथ देकर उपर लाने की जरुरत है. नीचे वाले भी उपर वाले को सहयोग करें. इसी से समाज में मजबूती आएगी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.