हाजीपुर. बिहार में ठंड लगातार बढ़ रही है. रात के तापमान में तेजी से गिरावट आ रही है. गरीबों को सबसे अधिक सर्दी का सितम झेलना पड़ रहा है. फूस की झोपड़ी ठंडी हवा को रोक नहीं पाती, जिसके चलते हाड़ कंपाती ठंड में ठिठुरकर रात काटना पड़ता है.
शहर में रह रहे गरीबों तक तो कभी-कभार सरकार या स्वयंसेवी संगठनों से राहत पहुंच जाती है, लेकिन गांव के गरीबों को यह भी मयस्सर नहीं होता. गरीब किसी तरह अपनी गुदरी में लिपटकर रात काटते हैं. गुरुवार को वैशाली जिले के महुआ के ऐसे ही गरीबों के चेहरे पर नए नर्म और गद्देदार कंबल पाकर खुशी की लहर दौड़ गई.
एक समाजसेवी ने महुआ प्रखंड के रामपुर लक्ष्मीपुर गांव के गरीबों के बीच बांटा. जब कंबल बंटने की सूचना मिली तो महिलाएं और पुरुष भागे-भागे पहुंचे. जो खबर सुनी थी सच पाया. समाजसेवी ने सभी लोगों को एक-एक कंबल दिया. नर्म और गद्देदार कंबल पाकर महिलाओं के चेहरे खिल गए.
ठंड के साथ बढ़ी गरीबों की मुश्किलें
गौरतलब है कि कोहरा छाए रहने और पछुआ हवा चलने से उत्तर बिहार में ठंड का असर बढ़ा है. ठंड में साधन संपन्न लोग तो रूम हीटर, ब्लोअर, कंबल और रजाई का इस्तेमाल कर खुद को गर्म रख रहे हैं, लेकिन उन गरीबों की स्थिति दयनीय हो गई है, जिनके सिर पर ढंग की छत तक नहीं है. गरीब सुबह से देर शाम तक सूखी पत्तियां और लकड़ी जलाकर अलाव के सहारे खुद को ठंड से बचाने की कोशिश में जुटे रहते हैं.