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'स्कूलों में शिक्षक जींस और टी-शर्ट पहनकर ना आएं', वैशाली में शिक्षा विभाग का आदेश - वैशाली में शिक्षकों के जींस टीशर्ट और कुर्ता पजामा पहनने पर रोक

हाल ही में कुर्ता पजामा पहने स्कूल में एक शिक्षक को डांटते हुए डीएम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद कई जिलों में शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लिया. अब वैशाली के डीईओ वीरेंद्र नारायण शाही (DEO Virendra Narayan Shahi) ने तो एक पत्र जारी कर शिक्षकों के जींस टीशर्ट और कुर्ता पजामा पहनने पर रोक ही लगा दी.

स्कूल में  शिक्षक
स्कूल में शिक्षक
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Published : Jul 15, 2022, 2:25 PM IST

वैशालीः बिहार के वैशाली में जिला शिक्षा पदाधिकारी के एक पत्र ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. खासतौर से जींस पैंट, कुर्ता पजामा और अन्य आधुनिक कपड़े पहन कर स्कूल पहुंचने वाले शिक्षक परेशान हो गए हैं. दरअसल डीईओ ने एक पत्र जारी कर स्कूल में आधुनिक कपड़े पहनकर आने पर रोक (Ban On Jeans Tshirt And kurta Pajama For Teachers) लगा दी है. जिसमें शिक्षकों को फॉर्मल ड्रेस पहनने की बात कही गई है. वहीं, शिक्षक संघ इस पत्र को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में जिले में ऐसे शिक्षक हैं, जो पैजामा कुर्ता और जींस पैंट टी-शर्ट पहनते हैं.

ये भी पढ़ेंः कुर्ता-पायजामा पहने थे हेडमास्टर, लखीसराय DM ने लगाई फटकार.. स्कूली व्यवस्था देख शिक्षकों को भी हड़काया

संघ के नेताओं में बढ़ी हलचलः डीईओ के जारी इस पत्र के बाद शिक्षा संघ के नेताओं में हलचल बढ़ गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि शिक्षक संघ और शिक्षक इस पत्र का विरोध कर सकते हैं. ये पत्र वैशाली डीईओ वीरेंद्र नारायण शाही द्वारा जारी किया गया है. जिस का विषय है- विद्यालय में पठन-पाठन अवधि के दौरान सौम्य वशिष्ठ पोशाक पहने के संबंध में. जारी पत्र में लिखा गया है कि उपरोक्त विषयक अंकित करना है कि प्रायः सोशल मीडिया में विद्यालय के पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों द्वारा कुर्ता पजामा, जींस टीशर्ट पहनकर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित होती है. लेटर में आगे लिखा है कि उल्लेखनीय है कि शिक्षकों की समाज निर्माण एवं छात्र के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका होती है. यह न केवल विद्यालय में बल्कि विद्यालय अवधि के पश्चात भी छात्र छात्राओं हेतु मेंटर की भूमिका में होते हैं. लेटर के अंतिम पैराग्राफ में लिखा है कि आप सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि विद्यालय अवधि के दौरान फॉर्मल पैंट शार्ट आदि में विद्यालय के पठन-पाठन का कार्य करना है.

"बच्चों के चरित्र निर्माण के उद्देश्य से यह पत्र जारी किया गया है. ताकि शिक्षकों की सौम्यता एवं शिष्टता बच्चों के लिए अनुकरणीय बन सके. अगर शिक्षक संघ और शिक्षक इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ बैठकर इस विषय पर बात की जाएगी"- वीरेंद्र नारायण शाही, डीईओ

"यह बिल्कुल गैर जरूरी है. क्योंकि पैजामा कुर्ता भारतीय पारंपरिक परिधान है. ऐसे में शिक्षक संघ मांग करते हैं कि पत्र पर पुनः विचार किया जाए" - पंकज कुमार, प्रदेश महामंत्री, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

ये भी पढ़ेंः हेडमास्टर के कुर्ता-पायजामा वाले वीडियो पर बोले DM- 'मुझे कोई दिक्कत नहीं'

पत्र पर दोबारा विचार करने की मांगः इस विषय में जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण सिंह ने कहा है कि बच्चों के चरित्र निर्माण के उद्देश्य से यह पत्र जारी किया गया है. अगर शिक्षक संघ और शिक्षक इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ बैठकर इस विषय पर बात की जाएगी. वही इस विषय में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश महामंत्री पंकज कुमार ने बताया कि यह विशुद्ध गैर जरूरी है. क्योंकि पैजामा कुर्ता भारतीय पारंपरिक परिधान है. ऐसे में शिक्षक संघ मांग करते हैं कि पत्र पर पुनः विचार किया जाए.

वैशालीः बिहार के वैशाली में जिला शिक्षा पदाधिकारी के एक पत्र ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. खासतौर से जींस पैंट, कुर्ता पजामा और अन्य आधुनिक कपड़े पहन कर स्कूल पहुंचने वाले शिक्षक परेशान हो गए हैं. दरअसल डीईओ ने एक पत्र जारी कर स्कूल में आधुनिक कपड़े पहनकर आने पर रोक (Ban On Jeans Tshirt And kurta Pajama For Teachers) लगा दी है. जिसमें शिक्षकों को फॉर्मल ड्रेस पहनने की बात कही गई है. वहीं, शिक्षक संघ इस पत्र को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में जिले में ऐसे शिक्षक हैं, जो पैजामा कुर्ता और जींस पैंट टी-शर्ट पहनते हैं.

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संघ के नेताओं में बढ़ी हलचलः डीईओ के जारी इस पत्र के बाद शिक्षा संघ के नेताओं में हलचल बढ़ गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि शिक्षक संघ और शिक्षक इस पत्र का विरोध कर सकते हैं. ये पत्र वैशाली डीईओ वीरेंद्र नारायण शाही द्वारा जारी किया गया है. जिस का विषय है- विद्यालय में पठन-पाठन अवधि के दौरान सौम्य वशिष्ठ पोशाक पहने के संबंध में. जारी पत्र में लिखा गया है कि उपरोक्त विषयक अंकित करना है कि प्रायः सोशल मीडिया में विद्यालय के पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों द्वारा कुर्ता पजामा, जींस टीशर्ट पहनकर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित होती है. लेटर में आगे लिखा है कि उल्लेखनीय है कि शिक्षकों की समाज निर्माण एवं छात्र के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका होती है. यह न केवल विद्यालय में बल्कि विद्यालय अवधि के पश्चात भी छात्र छात्राओं हेतु मेंटर की भूमिका में होते हैं. लेटर के अंतिम पैराग्राफ में लिखा है कि आप सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि विद्यालय अवधि के दौरान फॉर्मल पैंट शार्ट आदि में विद्यालय के पठन-पाठन का कार्य करना है.

"बच्चों के चरित्र निर्माण के उद्देश्य से यह पत्र जारी किया गया है. ताकि शिक्षकों की सौम्यता एवं शिष्टता बच्चों के लिए अनुकरणीय बन सके. अगर शिक्षक संघ और शिक्षक इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ बैठकर इस विषय पर बात की जाएगी"- वीरेंद्र नारायण शाही, डीईओ

"यह बिल्कुल गैर जरूरी है. क्योंकि पैजामा कुर्ता भारतीय पारंपरिक परिधान है. ऐसे में शिक्षक संघ मांग करते हैं कि पत्र पर पुनः विचार किया जाए" - पंकज कुमार, प्रदेश महामंत्री, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

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पत्र पर दोबारा विचार करने की मांगः इस विषय में जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण सिंह ने कहा है कि बच्चों के चरित्र निर्माण के उद्देश्य से यह पत्र जारी किया गया है. अगर शिक्षक संघ और शिक्षक इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ बैठकर इस विषय पर बात की जाएगी. वही इस विषय में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश महामंत्री पंकज कुमार ने बताया कि यह विशुद्ध गैर जरूरी है. क्योंकि पैजामा कुर्ता भारतीय पारंपरिक परिधान है. ऐसे में शिक्षक संघ मांग करते हैं कि पत्र पर पुनः विचार किया जाए.

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