वैशाली: बिहार सरकार के स्वास्थ्य संबंधी दावों की पोल खोलती हुई एक तस्वीर वैशाली के हाजीपुर से सामने आई है. सरकारी अस्पतालों में सरकार द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए निशुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन हाजीपुर सदर अस्पताल (Hajipur Sadar Hospital) में एंबुलेंस के लिए रेट कार्ड का पर्चा चस्पा किया गया है. वह भी उस एंबुलेंस का जिसे महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा दिया गया है.
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स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल: हाजीपुर सदर अस्पताल कैंपस में बने रेड क्रॉस सोसाइटी की बिल्डिंग में स्थित ब्लड बैंक में यह पर्चा चस्पा किया गया है. यह अलग बात है कि बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस सेवा बिल्कुल मुफ्त है. बावजूद सदर अस्पताल में चस्पा किए गए पर्चे पर स्पष्ट लिखा गया है कि 'आप सभी को सादर सूचित करना है कि रेड क्रॉस सोसाइटी हाजीपुर के द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का परिचालन प्रारंभ किया गया है. जिसकी दर तालिका निम्न है. हाजीपुर से पटना 15 सौ रुपए. हाजीपुर शहर में 5 सौ रुपए (5 किलोमीटर तक) अन्य जगहों पर 25 रुपए प्रति किलोमीटर.'
एंबुलेंस का वसुला जा रहा भाड़ा: इस विषय को लेकर सदर अस्पताल प्रशासन और रेड क्रॉस सोसाइटी के अपने-अपने तर्क हैं. जहां सदर अस्पताल प्रशासन की ओर से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही गई है. वहीं रेड क्रॉस सोसाइटी का कहना है कि एंबुलेंस के मेंटेनेंस और भाड़ा के लिए सोसायटी की ओर से यह दर निर्धारित की गई है. जबकि बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल कैंपस में लगने वाले एंबुलेंस की सुविधा निशुल्क है. ऐसे में यह एंबुलेंस शुल्क के दर का पर्चा कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के दावों का मजाक उड़ा रहा है.
जांच के बाद होगी कार्रवाई: इस विषय में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ एसके वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक रेड क्रॉस सोसाइटी के अंडर में है, वह एक अलग संस्था है. फिर भी वह अस्पताल में लगा हुआ है. अस्पताल कैंपस में ही है और ऐसा स्टीकर लगा हुआ है. हम इसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे. दूसरी ओर ब्लड बैंक के कोषाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राष्ट्रपति से एक एंबुलेंस मिला है. जिस एंबुलेंस का संचालन करना है. संचालन हेतु एंबुलेंस का खर्च होता है पेट्रोल और ड्राइवर को पैसे देने की बात होती है. इसके लिए एक कमेटी द्वारा पास कर यह शुल्क रखा गया है.
ब्लड बैंक के कोषाध्यक्ष ने कहा कि यह एंबुलेंस अलग रखा गया है. सूचना के लिए डाला गया है कि अगर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होता है तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं. अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार सरकार एंबुलेंस को निशुल्क बताती है और सदर अस्पताल में एंबुलेंस भाड़ा का शुल्क संबंधित जानकारी चस्पा किया गया है. ऐसे में आम आदमी कैसे समझ पाएगा कि सरकार की ओर से मिलने वाला एंबुलेंस निशुल्क है या उसका शुल्क देना पड़ेगा.
8 एम्बुलेंस और 2 शव वाहन हैं उपलब्ध: अकेले हाजीपुर सदर अस्पताल के पास आठ एंबुलेंस और 2 शव वाहन है. बावजूद एंबुलेंस सेवा को लेकर अक्सर अस्पताल प्रशासन पर सवालिया निशान लगते रहता है. बीते 2 महीने में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाने के कारण कभी मरीजों को तो कभी शवों को जैसे-तैसे लोगों को ढोना पड़ा है.
उपमुख्यमंत्री कर चुके हैं टिप्पणी: बिहार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव भी हाजीपुर सदर अस्पताल में एक एंबुलेंस के मामले पर अपनी टिप्पणी कर चुके हैं. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि तमाम व्यवस्थाएं सही हैं. ऐसे में सदर अस्पताल कैंपस में ही एंबुलेंस के रेट कार्ड का चस्पाया गया पर्चा यह साफ कह रहा है कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था कागजों पर कुछ और जमीन पर कुछ और है.
क्या लिखा है चस्पा किए गए पर्चे में: 'आप सभी को सादर सूचित करना है कि रेड क्रॉस सोसाइटी हाजीपुर के द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का परिचालन प्रारंभ किया गया है. जिसकी दर तालिका निम्न है. हाजीपुर से पटना 1500 रुपये. हाजीपुर शहर में 500 रुपये (5 किलोमीटर तक) अन्य जगहों पर 25 रुपये प्रति किलोमीटर.'
"ब्लड बैंक रेड क्रॉस सोसाइटी के अंडर में है वह एक अलग संस्था है. फिर भी वह अस्पताल में लगा हुआ है अस्पताल कैंपस में ही है और ऐसा स्टीकर लगा हुआ है हम इसकी जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे."- डॉ. एसके वर्मा, अधीक्षक, हाजीपुर सदर अस्पताल
"राष्ट्रपति से एक एंबुलेंस मिला है, जिस एंबुलेंस का संचालन करना है. संचालन हेतु एंबुलेंस का खर्च होता है. पेट्रोल और ड्राइवर को पैसे देने की बात होती है. इसके लिए एक कमेटी द्वारा पास कर यह शुल्क रखा गया है. यह एंबुलेंस अलग रखा गया है. सूचना के लिए डाला गया है कि अगर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होता तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं."- विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता, ट्रेजरस, रेड क्रॉस, वैशाली