सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने देर से स्कूल आने वाले शिक्षकों की जमकर किरकिरी हुई है. त्रिवेणीगंज प्रखंड क्षेत्र के लतौना उत्तर स्थित प्राथमिक विद्यालय (Primary School In Supaul) निपनिया में ग्रामीणों ने ताला लगा (Villagers Locked School In Supaul) दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में शिक्षक देरी से पहुंचते हैं. जिससे नाराज ग्रामीणों ने स्कूल के मुख्य गेट पर ताला जड़ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय में ताला लगाकर जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही बिहार सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक और प्रधानाध्यापिका समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते हैं. एक बजे अपराह्न में विद्यालय आते हैं और दो से ढाई बजते ही विद्यालय में छुट्टी दे देते हैं. जिससे बच्चों की सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
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विद्यालय में तालाबंदी के दौरान जब विद्यालय की प्रधानाध्यापिका शाहाना खातुन विद्यालय पहुंची, तो ग्रामीणों ने उन्हें विद्यालय के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया. प्रधानाध्यापिका शाहाना खातुन से जब विलंब से आने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने रोते-बिलखते बताया कि पेट खराब है इंजेक्शन लिए हैं. तबीयत खराब रहने के कारण दस मिनट देरी से विद्यालय आए हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि जब प्रधानाध्यापिका शाहाना खातुन को स्कूल के अंदर हमने प्रवेश करने नहीं दिया, तो उन्होंने अपनी उपस्थिति कैसे बना ली. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी है. इधर, इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि इससे पूर्व किसी की ओर से मामला संज्ञान में नहीं लाया गया था. आज पहली बार ऐसा मामला सामने आया है.
'यह मामला मेरे सामने पहली बार आया है. इसके पहले ग्रामीणों के द्वारा न लिखित और न ही मौखिक रूप से मामले को लाया गया था. इस मामले में सबसे पहले जांच करायी जाएगी. इसके बाद जो भी विभागीय कार्रवाई है, उसे भी करायी जाएगी.' -सुरेंन्द्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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