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सुपौल में आकाशीय बिजली का कहर, वज्रपात से दो लोगों की मौत, टॉर्च की रोशनी में किया पोस्टमार्टम - ETV Bihar News

सुपौल में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो लोगों की मौत (Lightning In Supaul) हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. पढ़ें पूरी खबर.

आकाशीय बिजली का प्रतिकात्मक तस्वीर
आकाशीय बिजली का प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Sep 19, 2022, 3:07 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 10:26 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल में वज्रपात से दो लोगों की मौत (Two People Died Due to Lightning) हो गई. जिले के त्रिवेणीगंज के कुमियाही में एक व्यक्ति की वज्रपात से मौत हो गई. वहीं, झरकहा इलाके में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जेनरेटर के अभाव में टॉर्च की रौशनी में त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया.

ये भी पढ़ें- बिहार में कहर बनकर टूट रही आसमानी आफत, 7 साल में 1625 लोगों की मौत, अब तक 200 की गई जान

वज्रपात से मौत के कारण: जलवायु परिवर्तन ठनका गिरने में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है. 71 प्रतिशत मौत पेड़ के नीचे खड़े रहने और 29 प्रतिशत खुले में रहने से होती है. इससे बचने के लिए सावधानियों के प्रति जागरूकता न होना. आपदा प्रबंधन इकाई की गतिविधियां जमीनी स्तर तक नहीं पहुंचना.

आकाशीय बीजली से बचने के उपाय: खुले मैदान, पेड़ या बिजली के खंभों के पास जाने से बचना चाहिए. दलदल और जल निकायों से दूर रहना चाहिए. इस दौरान मोबाइल और छाते का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अपने हाथों को अपने घुटनों पर और अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखना चाहिए. इससे शरीर को कम से कम नुकसान होता है.

ये भी पढ़ें- जमुई में वज्रपात की चपेट में आने से युवक की मौत, 3 मवेशी भी झुलसे

सुपौल: बिहार के सुपौल में वज्रपात से दो लोगों की मौत (Two People Died Due to Lightning) हो गई. जिले के त्रिवेणीगंज के कुमियाही में एक व्यक्ति की वज्रपात से मौत हो गई. वहीं, झरकहा इलाके में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जेनरेटर के अभाव में टॉर्च की रौशनी में त्रिवेणीगंज रेफरल अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया.

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वज्रपात से मौत के कारण: जलवायु परिवर्तन ठनका गिरने में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है. 71 प्रतिशत मौत पेड़ के नीचे खड़े रहने और 29 प्रतिशत खुले में रहने से होती है. इससे बचने के लिए सावधानियों के प्रति जागरूकता न होना. आपदा प्रबंधन इकाई की गतिविधियां जमीनी स्तर तक नहीं पहुंचना.

आकाशीय बीजली से बचने के उपाय: खुले मैदान, पेड़ या बिजली के खंभों के पास जाने से बचना चाहिए. दलदल और जल निकायों से दूर रहना चाहिए. इस दौरान मोबाइल और छाते का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अपने हाथों को अपने घुटनों पर और अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखना चाहिए. इससे शरीर को कम से कम नुकसान होता है.

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Last Updated : Sep 19, 2022, 10:26 PM IST
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