सुपौल: बिहार के सुपौल (Supaul) में राघोपुर थाना क्षेत्र के सिमराही बाजार में बुधवार को अलग-अलग दो मामलों में चिकित्सकों द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से दो मरीजों की मौत हो गई. दोनों मामलों में परिजनों ने डॉक्टरों के ऊपर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया.
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पहले मामले में मृतक महिला के पिता महादेव सुतिहार ने बताया कि उनकी बेटी रबीना देवी 7 सितंबर को आंगनबाड़ी केंद्र पर कोरोना का टीका लिया था. जिसके बाद से उसे बुखार था. तभी बगल के ही एक ग्रामीण चिकित्सक सदानंद शर्मा ने सही इलाज करने का भरोसा देकर इलाज शुरू कर दिया. उसने रबीना देवी को एक सुई लगाई, लेकिन एक घंटे बाद रबीना के मुंह से झाग आना शुरू हो गए और उसकी मौत हो गई.
मृतका के पिता ने बताया कि सदानंद शर्मा अवैध रूप से सिमराही बाजार में दवा की दुकान चलाता है. वहीं पर बगैर डिग्री के दुकान पर डॉ. सदानंद शर्मा और डॉ. बिलटू पासवान के नाम का बोर्ड लगाकर लोगों का इलाज करता है. गलत इलाज की वजह से उनकी बेटी की असमय ही मौत हो गई. जिसके बाद रूपये लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया. घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने फर्जी डॉक्टर सदानंद शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एनएच 57 को जाम कर दिया, लेकिन राघोपुर पुलिस और गणमान्य लोगों के द्वारा समझाए जाने के बाद जाम को समाप्त कर दिया गया.
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वहीं, दूसरे मामले में परिजनों ने सिमराही बाजार स्थित डॉ. आरके रमण पर इलाज में लापरवाही बरतने और डेढ़ वर्षीय बच्ची का गलत इलाज कर उसे मार डालने का आरोप लगाते हुए क्लिनिक परिसर में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने बताया कि दौलतपुर वार्ड नंबर 2 निवासी संतोष स्वर्णकार की डेढ़ वर्षीय बेटी को लगभग चार दिनों से बुखार था. जिसका इलाज डॉ. रमण से करवाया जा रहा था. उनके कंपाउंडर ने बच्ची को एक सुई लगाई, जिसके कुछ ही घंटों के बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया.
परिजन बच्ची का शव लेकर फिर से क्लिनिक पर आ गए और डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों ने राघोपुर पुलिस को भी मामले की जानकारी दी. जिसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई. परिजनों ने मृत बच्ची का शव क्लिनिक के गेट पर रख दिया और पुलिस से न्याय की गुहार लगाने लगे. जानकारी अनुसार 61 हजार रुपये में मामले को रफा दफा कर दिया गया. वहीं, मामले को लेकर थानाध्यक्ष रजनीश कुमार केशरी ने बताया कि पुलिस दोनों जगहों पर मौखिक सूचना के आधार पर गई थी, लेकिन अभी तक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.