सुपौल: जिले में 8 अक्टूबर को हुए दुष्कर्म की पीड़िता की हालत अचानक बिगड़ गयी है. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उसे सदर अस्पताल लाया गया. यहां कोर्ट की चिट्ठी रिसीव करने को लेकर डॉक्टर और परिजनों के बीच घंटों हंगामा हुआ. बाद में डीएम की पहल से पीड़िता का इलाज शुरू हो सका.
दरअसल एक सप्ताह पहले नाबालिग, उसकी बड़ी बहन और मामी के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. जिसमें बड़ी बहन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसी मामले में पहली बार नाबालिग का कोर्ट में बयान से किसी दवाब में मुकर जाने के बाद उसे दुबारा 164 का बयान देने सुपौल व्यवहार न्यायालय लाया गया था. यहां न्यायाधीश ने पीड़िता की हालात को देखते हुये पुलिस को पीड़िता का इलाज कराने का लिखित निर्देश दिया.
अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता
सीएस को भेजे गए निर्देश मे अपर जिला सत्र न्यायधीश प्रथम अशोक कुमार सिंह की अदालत ने अविलंब पीड़िता का इलाज शुरू करने का निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस अधिकारी पीड़िता को सदर अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने कोर्ट के आदेश को रिसीव करने से इनकार कर दिया. डॉक्टर का कहना था की उक्त लेटर डीएस और सीएस ही रिसीव करेंगे जिसके बाद बाद घंटों हंगामा हुआ.
डीएम की पहल से पीड़िता का हुआ इलाज
सदर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों के बीच काफी देर तक नोकझोंक के बाद पीड़ित परिजनों ने डीएम को फोन कर अस्पताल की कुव्यवस्था की जानकारी दी. डीएम के संज्ञान लेने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत मे आयी और पीड़िता का इलाज शुरू हो सका. लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर ने पीड़िता का इलाज शुरू नहीं किया. बाद में डीएस अरुण कुमार वर्मा ने खुद आकर मरीज की जांच की और उपचार शुरू कर दिया. जिसके बाद मामला शांत हुआ.