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लॉकडाउन से चौपट हुई किसानी, अब खरीदार नहीं मिलने से कर्ज में डूब रहे अन्नदाता - supaul

रबी फसल की कटाई के बाद इलाके के 75 प्रतिशत किसानों ने फसल तैयार कर ली है. लेकिन उन्हे खरीदार नही मिल रहे है. घर की आवश्यकता पूरी करने के लिए किसान मात्र बारह सौ से चौदह सौ रुपये प्रति क्विंटल अनाज बेचने को मजबूर हैं.

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Published : Apr 17, 2020, 11:58 PM IST

सुपौल: कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन से किसानों की समस्याएं दिनोंदिन बढती जा रही है. जिले के किसानों को रबी फसल से काफी उम्मीदें थी लेकिन लॉकडाउन के कारण फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे है. वहीं किसी तरह फसल की कटाई कर चुके किसानों को खरीदार नही मिलने से किसानों की बेचैनी बढ़ रही है.

जानकारी के अनुसार रबी फसल की कटाई के बाद इलाके के 75 प्रतिशत किसानों ने फसल तैयार कर ली है. लेकिन उन्हे खरीदार नही मिल रहे है. घर की आवश्यकता पूरी करने के लिए किसान मात्र बारह सौ से चौदह सौ रुपये प्रति क्विंटल अनाज बेचने को मजबूर हैं. वहीं रबी की खेती के बाद किसान अपने खेतों में दलहन लगाते हैं. जिसकी सिंचाई एवं बीज के लिए भी किसानों के पास पैसे नहीं है. लॉकडाउन की वजह से बाजार की सभी मंडी बंद पड़ी है. इस हालत में किसान काफी चिंतित हैं और उनकी मुश्किलें बढती ही जा रही है.

नही हो पाई गेंहूं की खरीद शुरु
रबी फसल की तैयारी के बाद किसानों के लिए सरकार द्वारा पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीदने की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इस बार यह व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है. इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी अरविंद कुमार पासवान ने बताया कि आमतौर पर गेहूं खरीद की तिथि 15 अप्रैल से 30 जून निर्धारित रहती है. इस बार लॉक डाउन की वजह से इस तिथि में फेरबदल संभव है. उन्होंने बताया कि इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीद की जायेगी. जिसके लिए तैयारी प्रारंभ कर दी गई है.

सुपौल: कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन से किसानों की समस्याएं दिनोंदिन बढती जा रही है. जिले के किसानों को रबी फसल से काफी उम्मीदें थी लेकिन लॉकडाउन के कारण फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे है. वहीं किसी तरह फसल की कटाई कर चुके किसानों को खरीदार नही मिलने से किसानों की बेचैनी बढ़ रही है.

जानकारी के अनुसार रबी फसल की कटाई के बाद इलाके के 75 प्रतिशत किसानों ने फसल तैयार कर ली है. लेकिन उन्हे खरीदार नही मिल रहे है. घर की आवश्यकता पूरी करने के लिए किसान मात्र बारह सौ से चौदह सौ रुपये प्रति क्विंटल अनाज बेचने को मजबूर हैं. वहीं रबी की खेती के बाद किसान अपने खेतों में दलहन लगाते हैं. जिसकी सिंचाई एवं बीज के लिए भी किसानों के पास पैसे नहीं है. लॉकडाउन की वजह से बाजार की सभी मंडी बंद पड़ी है. इस हालत में किसान काफी चिंतित हैं और उनकी मुश्किलें बढती ही जा रही है.

नही हो पाई गेंहूं की खरीद शुरु
रबी फसल की तैयारी के बाद किसानों के लिए सरकार द्वारा पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीदने की व्यवस्था की जाती है. लेकिन इस बार यह व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है. इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी अरविंद कुमार पासवान ने बताया कि आमतौर पर गेहूं खरीद की तिथि 15 अप्रैल से 30 जून निर्धारित रहती है. इस बार लॉक डाउन की वजह से इस तिथि में फेरबदल संभव है. उन्होंने बताया कि इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीद की जायेगी. जिसके लिए तैयारी प्रारंभ कर दी गई है.

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